पवन मुक्तासन श्रेणी - 3 शक्ति बंध के अभ्यास | Shakti Bandh Ke Abhyas

पवन मुक्तासन श्रेणी - 3 (शक्ति बंध के अभ्यास)

 

शक्ति बंध के अभ्यास

i) चक्की चलासन

 

चक्की चलासन

चक्की चलासन विधि 

  • दोनों पैरों को फैलाकर बैठिए; 
  • हथेलियों को आपस में गूंथकर आगे की तरफ रखिए; 
  • हाथ सीधे रखिए;  
  • अब चक्की की तरह हाथों को चलाइए। यह महसूस करते हुए कि हमारे हाथ में बहुत भारी वजन है और उसे हम धकेल रहे हैं। इसी भावना के साथ कमर से आगे पीछे होइयेश्वास छोड़ते हुए आगे की तरफ और श्वास लेते हुए अपनी (पीछे की तरफगोल-गोल घुमाइये। जांघ और पिंडली की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस कीजिए, 
  • हल्की पीड़ा बाहों में उत्पन्न हो रही हैउनके प्रति सजग होइये और अभ्यास के प्रभाव को महसूस कीजिए।

 

ii) नौका चलासन

 

नौका चलासन

नौका चलासन विधि

 

  • दोनों पैरों को मिला लीजिए: 
  • हाथों को कमर की बगल में रखिये और अभ्यास कुछ ऐसे कीजिए जैसे नौका चलाते हैं; 
  • कमर से ऊपर का भाग श्वास छोड़ते हुए आगे की तरफ भुजाओं सहित ले जाइए और श्वास लेते हुए अपनी तरफ वापस आइए.  
  • श्वास छोड़ते हुए आगे और श्वास लेते हुए पीछे की तरफ वापस आइएजैसे नाव का चप्पू आपके हाथ में है और आप स्वयं नाव चला रहे हैं। थोड़ी देर का विश्राम करें।


 iii) रज्जुकर्षण आसन (कुएं से पानी खींचने वाली स्थिति में आसन)

 

रज्जुकर्षण आसन विधि

 

  • रज्जुकर्षण अर्थात् (रस्सी से पानी खींचना ) जैसे कुंए से पानी निकालते समय जैसे रस्सी को खींचते हैंउसी प्रकार से ध्यान रखते हुएश्वास लेते हुए एक हाथ ऊपर ले जाइए और श्वास छोड़ते समय बलपूर्वक मुट्ठी बांधकर नीचे की तरफ खींचिए; 
  • दोनों हाथों से बारी-बारी से कीजिए.  
  • भुजाओंकंधों तथा रीढ़ की हड्डी में संतुलित प्राण का संचार व रक्त के प्रवाह का अनुभव कीजिए ।

 

iv) काष्ठतक्षण आसन (कुल्हाड़ी चलाने की स्थिति वाला आसन) विधि

 

  • पैर के पंजों के बल उकडू बैठिए; 
  • दोनों पंजों के बीच थोड़ी दूरी रखते हुएदोनों हाथ की अंगुलियों को आपस में फंसाकर हथेलियों को ऊपर ले जाइयेयह अनुभव करते हुए कि हम कुल्हाड़ी चला रहे हैं; 
  • हाथ ऊपर ले जाकर 'हाध्वनि के साथ नीचे लाइए; 
  • श्वास छोड़ते हुएअंदर के सारे आक्रोश बाहर निकल रहे हैं, 
  • ऐसी भावना के साथ 5 से 10 बार इस अभ्यास को कीजिएफिर थोड़ी देर के लिए विश्राम कीजिए।

 

यह अभ्यास तनाव और तनाव जनित रोगों के लिए प्रभावकारक है। साथ हीअवसाद के रोगियों के लिए प्रभावकारक है। जो घबराते हैं या दबाव में रहते हैंउन्हें यह अभ्यास सक्रियता के साथ करना चाहिए।

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