अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस 30 जून : इतिहास उद्देश्य महत्व
अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस 30 जून
क्षुद्रग्रहों, उनके कारण उत्पन्न संभावित खतरों और उनके अध्ययन से ज्ञात वैज्ञानिक रहस्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 30 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त अभियान के रूप में ‘अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस’ का आयोजन किया जाता है। साथ ही यह दिवस आम जनमानस को क्षुद्रग्रहों के बारे में जानने के लिये प्रेरित करता है।
दिसंबर 2016 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने प्रतिवर्ष 30 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस’ के रूप में आयोजित करने के लिये एक प्रस्ताव को अपनाया था, जिसका उद्देश्य साइबेरिया में हुई ‘तुंगुस्का घटना’ को प्रतिवर्ष याद करना था।
विदित हो कि क्षुद्रग्रह सूर्य की परिक्रमा करने वाले छोटे चट्टानी पदार्थ होते हैं। क्षुद्रग्रह द्वारा सूर्य की परिक्रमा ग्रहों के समान ही की जाती है लेकिन इनका आकार ग्रहों की तुलना में बहुत छोटा होता है। इन्हें लघु ग्रह भी कहा जाता है। नासा के अनुसार, ज्ञात क्षुद्रग्रहों की संख्या तकरीबन 1,097,106 है, जिनका निर्माण 4.6 अरब वर्ष पूर्व सौरमंडल के निर्माण के समय हुआ था।
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