May Important day details in Hindi | मई महीनों के दिवस की जानकारी

 May Important day details in Hindi  (मई महीनों के दिवस की जानकारी )

May Important day details in Hindi | मई महीनों के दिवस की जानकारी



May Important day details in Hindi



अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान दिवस

  • विश्व भर में प्रतिवर्ष दो बार ‘अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान दिवस’ का आयोजन किया जाता है। पहला 2 मई को, जबकि दूसरा 26 सितंबर को। इस दिवस के अवसर पर विभिन्न संग्रहालयों और खगोलीय संस्थानों द्वारा खगोल विज्ञान के संबंध में जागरूकता फैलाने के लिये सेमिनार, कार्यशालाओं और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। वर्ष 1973 में उत्तरी कैलिफोर्निया के खगोलीय संघ के अध्यक्ष ‘डौग बर्जर’ ने पहले खगोल विज्ञान दिवस का आयोजन किया था। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य आम जनमानस को खगोल विज्ञान के महत्त्व और संपूर्ण ब्रह्मांड के संबंध में जागरूक करना है तथा उन्हें इसके प्रति रुचि विकसित करने में मदद करना है। खगोल विज्ञान का अध्ययन बीते लगभग 5,000 वर्षों से प्रचलित है और इसे संबद्ध विज्ञान शाखाओं में सबसे पुराना माना जाता है। वर्ष 1608 में टेलीस्कोप के आविष्कार के बाद ब्रह्मांड के रहस्य को जानने में खलोग विज्ञान का महत्त्व और भी अधिक बढ़ गया। समय के साथ-साथ बीते कुछ दशकों में प्रौद्योगिकी ने महत्त्वपूर्ण वृद्धि की है एवं कई सिद्धांत एवं अवलोकन प्रस्तुत किये गए हैं, जिससे खगोल विज्ञान और अधिक प्रगति कर रहा है।


विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 3 मई

  • प्रत्येक वर्ष विश्व भर में 3 मई को ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ मनाया जाता है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उद्देश्य प्रेस और मीडिया की आज़ादी के महत्त्व के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रेस को लोकतंत्र का 'चौथा स्तंभ' माना जाता है। सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने और प्रशासन तक आम लोगों की आवाज़ को पहुँचाने में प्रेस/मीडिया की काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। ऐसे में मीडिया की स्वतंत्रता इसके लिये कुशलतापूर्वक कार्य करने हेतु अत्यंत आवश्यक मानी जाती है। यूनेस्को की जनरल काॅन्फ्रेंस की सिफारिश के बाद दिसंबर 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की घोषणा की थी। ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ (3 मई) ‘विंडहोक’ (Windhoek) घोषणा की वर्षगांँठ को चिह्नित करता है। वर्ष 1991 की ‘विंडहोक  घोषणा’ एक मुक्त, स्वतंत्र और बहुलवादी प्रेस के विकास से संबंधित है। इस वर्ष विश्व प्रेस दिवस की थीम ‘इनफाॅॅर्मेशन एज़ ए पब्लिक गुड’ है। यह विषय प्रेस द्वारा प्रचारित महत्त्वपूर्ण सूचना को लोकहित के रूप में देखने पर ज़ोर देती है।

अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस 1 मई 

  • प्रत्येक वर्ष विश्व के कई हिस्सों में 1 मई को ‘मई दिवस’ (May Day) अथवा ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस नए समाज के निर्माण में श्रमिक और उनके योगदान के रूप में मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है जो अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानकों को स्थापित करने की दिशा में काम करती है। भारत में 1 मई, 1923 को पहली बार चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) में मज़दूर दिवस का आयोजन किया गया। यह पहल सर्वप्रथम हिंदुस्तान की ‘लेबर किसान पार्टी’ के प्रमुख सिंगारावेलु द्वारा की गई थी। लेबर किसान पार्टी के प्रमुख मलयपुरम सिंगारावेलु चेट्टियार ने इस अवसर पर दो बैठकों का आयोजन किया। इन बैठकों में सिंगारावेलु ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया था कि ब्रिटिश सरकार को भारत में मई दिवस या मज़दूर दिवस पर राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा करनी चाहिये। मज़दूर दिवस या मई दिवस को भारत में 'कामगार दिन’, कामगार दिवस और अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस के रूप में भी जाना जाता है। भारतीय संविधान श्रम अधिकारों की सुरक्षा के लिये कई सुरक्षा उपाय प्रदान करता है। ये सुरक्षा उपाय मौलिक अधिकारों और राज्य की नीति के निदेशक सिद्धांत के रूप में हैं।

 

अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस 4 मई

  • प्रतिवर्ष 4 मई को विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य उन अग्निशमन कर्मियों को याद करना है, जिन्होंने समाज की रक्षा करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया है। ज्ञात हो कि 4 जनवरी, 1999 को ऑस्ट्रेलिया के वनों में लगी आग बुझाने के दौरान पाँच अग्निशमन कर्मियों की मृत्यु हो गई थी और इसी घटना को चिह्नित करते हुए प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस दिवस का आयोजन किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस का प्रतीक लाल और नीला रिबन है। इसमें लाल रंग आग को दर्शाता है एवं नीला रंग पानी को और ये रंग दुनिया भर में आपातकालीन सेवाओं का संकेत देते हैं। यह दिवस अग्निशामकों को उनकी प्रतिबद्धता, असाधारण साहस और नि:स्वार्थ सेवा के लिये धन्यवाद करने हेतु मनाया जाता है। इसके अलावा भारत में 14 अप्रैल को राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1944 में 14 अप्रैल को मुंबई बंदरगाह पर एक मालवाहक जहाज़ में अचानक आग लग गई थी, जिसमें काफी मात्रा में रुई, विस्फोटक और युद्ध उपकरण थे। इस आग पर काबू पाने की कोशिश में 66 अग्निशमनकर्मी आग की चपेट में आकर अपने प्राण गँवा बैठे थे। इन्हीं अग्निशमन कर्मियों की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस के रूप में मनाया जाता है।


विश्व अस्थमा दिवस 3 मई

  • विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day) प्रत्येक वर्ष मई महीने के पहले मंगलवार को मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व अस्थमा दिवस 3 मई, 2022 को मनाया गया। इस वर्ष विश्व अस्थमा दिवस-2022 की थीम ‘क्लोज़िंग गैप्स इन अस्थमा केयर’ (Closing Gaps in Asthma Care) है। इसका मूल उद्देश्य विश्व भर में अस्थमा की बीमारी एवं देखभाल के बारे में जागरूकता फैलाना है। वर्ष 1998 में पहली बार ‘ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा’ (GINA) ने इसका आयोजन बार्सिलोना (स्पेन) में हुई ‘प्रथम विश्व अस्थमा बैठक’ के बाद किया था। हालाँकि COVID-19 के कारण इस वर्ष वैश्विक स्तर पर इसका आयोजन स्थगित कर दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विश्व में लगभग 235 मिलियन लोग अस्थमा से पीड़ित हैं। ‘ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा’ (GINA) को वर्ष 1993 में अस्थमा के लिये वैश्विक पहल के रूप में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ’ (National Institutes of Health), ‘नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट’ (National Heart, Lung and Blood Institute- NHLBI) के सहयोग से शुरू किया गया था। अस्थमा फेफड़ों की एक पुरानी बीमारी है, जिसके कारण रोगी को साँस लेने में समस्या होती है। यह गैर-संचारी रोगों में से एक है। इस बीमारी के दौरान श्वसनमार्ग में सूजन से सीने में जकड़न, खाँसी, साँस लेने में तकलीफ जैसी स्थिति उत्पन्न होती है। ये लक्षण आवृत्ति एवं गंभीरता (Frequency and Severity) में भिन्न होते हैं। जब लक्षण नियंत्रण में नहीं होते हैं तो साँस लेना मुश्किल हो सकता है। वर्तमान में यह बीमारी बच्चों में सबसे अधिक देखने को मिलती है। अस्थमा को ठीक नहीं किया जा सकता है किंतु अगर सही समय पर सही इलाज के साथ इसका प्रबंधन किया जाए तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है।


विश्व रेड क्रॉस दिवस 08 मई

  • प्रत्येक वर्ष 08 मई को विश्व भर में ‘विश्व रेड क्रॉस दिवस’ मनाया जाता है। यह दिवस, अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट आंदोलन के सिद्धांतों को रेखांकित करता है। यह दिवस आम जनमानस को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के कार्यों में संलग्न विश्व की महत्त्वपूर्ण एजेंसी (रेड क्रॉस) और समाज में उसके योगदान को जानने का अवसर प्रदान करता है। इस वर्ष विश्व रेड क्रॉस दिवस की थीम ‘बी ह्यूमन काइंड’ है। ‘रेड क्रॉस’ एक ऐसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जो बिना किसी भेदभाव के युद्ध, महामारी एवं प्राकृतिक आपदा की स्थिति में लोगों की रक्षा करती है। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य विपरीत परिस्थितियों में लोगों के जीवन की रक्षा करना है। विश्व रेड क्रॉस दिवस, रेड क्रॉस के जनक ‘जीन हेनरी ड्यूनैंट’ के जन्मदिवस को चिह्नित करता है, जिनका जन्म 8 मई, 1828 को जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में हुआ था। ‘जीन हेनरी ड्यूनैंट’ को वर्ष 1901 में पहला नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया था। ‘इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस’ (ICRC) की स्थापना जीन हेनरी ड्यूनैंट द्वारा वर्ष 1863 में की गई थी। भारत में ‘इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी’ का गठन वर्ष 1920 में हुआ था।


विश्व थैलेसीमिया दिवस 08 मई

  • दुनिया भर में 08 मई को ‘विश्व थैलेसीमिया दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक लक्ष्य थैलेसीमिया जैसे गंभीर आनुवंशिक विकार और इससे पीड़ित रोगियों के संघर्ष के संबंध में जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही यह दिवस पीड़ितों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये समर्पित डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मियों तथा इस रोग के उन्मूलन की दिशा में कार्य कर रहे वैज्ञानिकों का भी सम्मान करता है। विश्व थैलेसीमिया दिवस (08 मई) की शुरुआत वर्ष 1994 में थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन द्वारा की गई थी। थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसका संचरण माता-पिता से बच्चों तक पीढ़ी-दर-पीढ़ी होता है। इस स्थायी रक्त विकार के कारण रोगी के लाल रक्त कणों (RBC) में पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता है जिसके कारण एनीमिया हो सकता है और रोगियों को जीवित रहने के लिये हर दो से तीन सप्ताह बाद रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। रोग की गंभीरता जीन में शामिल उत्परिवर्तन और उनकी अंतःक्रिया पर निर्भर करती है।


 

अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस 12 मई

  • विश्व भर में 12 मई को ‘अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस का आयोजन मुख्य रूप से आधुनिक नर्सिंग की जनक ‘फ्लोरेंस नाइटिंगेल’ (Florence Nightingale) की याद में किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस समाज के प्रति नर्सों के योगदान को चिह्नित करता है।  इस दिवस को सर्वप्रथम वर्ष 1965 में ‘इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स’ (ICN) द्वारा मनाया गया था, किंतु जनवरी 1974 से यह दिवस 12 मई को फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती पर मनाया जाने लगा। वे एक ब्रिटिश नागरिक थीं, जिन्हें युद्ध में घायल व बीमार सैनिकों की सेवा के लिये जाना जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने 1850 के दशक के क्रीमियन युद्ध में दूसरी नर्सों को प्रशिक्षण दिया तथा उनके प्रबंधक के रूप में भी कार्य किया। उन्हें ‘लेडी विद द लैंप’ कहा जाता है। उनके विचारों तथा सुधारों से आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली काफी प्रभावित हुई है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने ही सांख्यिकी के माध्यम से यह सिद्ध किया कि किस प्रकार स्वास्थ्य से किसी भी महामारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है। संपूर्ण विश्व जब कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी का सामना कर रहा है, तो ऐसे में नर्सों की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण हो गई है।


विश्‍व ल्‍यूपस दिवस  10 मई 

  • ल्‍यूपस बीमारी को लेकर जागरुकता बढ़ाने के लिये प्रत्‍येक वर्ष 10 मई को विश्व ल्‍यूपस दिवस मनाया जाता है। यह एक स्व-प्रतिरोधी रोग है, जो शरीर के किसी भी भाग को नुकसान पहुँचा सकता है। स्व-प्रतिरोधी बीमारी में प्रतिरक्षा तंत्र के लिये मानव शरीर की स्‍वस्‍थ कोशिकाओं और बाहरी कोशिकाओं के बीच का अंतर समाप्त हो जाता है। ल्‍यूपस बीमारी के सामान्‍य लक्षणों में तेज़ बुखार, लगातार मुँह का अल्‍सर, जोड़ों तथा माँसपेशियों में दर्द और अधिक थकान का बना रहना शामिल है। इसमें गाल और नाक पर तितली के पंखों जैसे लाल निशान बन जाते हैं। इसे ‘बटरफ्लाई रैश’ भी कहते हैं। इसके तत्‍काल निदान और सही उपचार से इस रोग से बहुत हद तक बचा जा सकता है। ल्‍यूपस (Lupus) के उपचार में डॉक्टर की सलाह पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का उपयोग किया जाता है। यह बीमारी इतनी गंभीर होती है कि इंसान के मस्तिष्क, त्वचा, किडनी और भी कई अंगों को प्रभावित करती है। प्रत्येक वर्ष 10 मई को ल्यूपस रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने, इसके लक्षणों, शरीर पर होने वाले इसके प्रभावों के बारे में अधिक-से-अधिक जानकारी देने के लिये कई तरह के कैंपेन, कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस  11 मई

  • भारत में प्रत्येक वर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day) मनाया जाता है। इस दिन भारत की वैज्ञानिक दक्षता एवं प्रौद्योगिकी में विकास को दर्शाने के साथ-साथ वैज्ञानिकों की उपलब्धियों एवं महत्त्व को भी याद किया जाता है। इस दिन प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान मंत्रालय द्वारा अपने विभाग में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराए जाते हैं। इस दिवस को तकनीकी रचनात्मकता, वैज्ञानिक जाँच, उद्योग एवं विज्ञान के एकीकरण में किये गए प्रयास का प्रतीक माना जाता है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस, 2022 का विषय "टिकाऊ भविष्य के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण” (Integrated Approach in Science and Technology for Sustainable future) है। 11 मई को भारत ने अपनी पहली सफल शक्ति-I (Shakti-I) परमाणु मिसाइल का परीक्षण किया था। इस मिसाइल का परीक्षण भारतीय सेना ने पोखरण टेस्ट रेंज, राजस्थान में किया। इस ऑपरेशन को “ऑपरेशन शक्ति” कहा जाता है। शक्ति- I परमाणु मिसाइल के परीक्षण के बाद भारत ने दो परमाणु हथियारों का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। इस दिन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा रखा गया था। प्रत्येक वर्ष प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में योगदान के लिये व्यक्तियों को राष्ट्रीय पुरस्कार देकर सम्मानित करता है।

 

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस 08 मई

  • इस वर्ष 08 मई को विश्व भर में ‘विश्व प्रवासी पक्षी दिवस’ (WMBD) का आयोजन किया गया। विश्व प्रवासी पक्षी दिवस (WMBD) एक वार्षिक जागरूकता अभियान है, जिसका उद्देश्य प्रवासी पक्षियों और उनके आवासों के संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डालना है। इस आयोजन के तहत प्रवासी पक्षियों, उनके पारिस्थितिक महत्त्व, उनके समक्ष मौज़ूद चुनौतियों और संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता के संबंध में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने में मदद की जाती है। इसे संयुक्त राष्ट्र की दो संधियों- ‘वन्यजीवों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर सम्मेलन’ एवं ‘अफ्रीकन-यूरेशियन वॉटरबर्ड एग्रीमेंट’ (AEWA) और एक गैर-लाभकारी संगठन (एन्वायरनमेंट फॉर द अमेरिका) के सहयोग से संयुक्त रूप से मनाया जाता है। ‘विश्व प्रवासी पक्षी दिवस’ को पहली बार वर्ष 2006 में मनाया गया था। पक्षियों के बीच कई अलग-अलग प्रवासन पैटर्न देखे जाते हैं। अधिकांश पक्षी उत्तरी क्षेत्रों से प्रजनन के लिये दक्षिणी मैदानों की ओर पलायन करते हैं। हालाँकि कुछ पक्षी अफ्रीका के दक्षिणी हिस्सों में प्रजनन करते हैं और सर्दियों में उत्तरी मैदान की ओर पलायन करते हैं।


अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस 15 मई

  • विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 15 मई को ‘अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस’ (IDF) मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच पारिवारिक संबंधों के महत्त्व को उजागर करना है। ज्ञात हो कि परिवार समाज के निर्माण की मूलभूत इकाई है और यह एक व्यक्ति के जीवन में सर्वाधिक महत्त्व रखता है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस आम जनमानस के बीच परिवारों से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और संबंधों को प्रभावित करने वाले सामाजिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय कारकों के बारे में समझ विकसित करने का अवसर प्रदान करता है। अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस, 2022 की थीम "परिवार और शहरीकरण" है, जिसका उद्देश्य हमारे परिवारों पर शहरीकरण के प्रभाव की चर्चा करना है। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बुनियादी परिवार प्रणाली के महत्त्व को महसूस करते हुए वर्ष 1993 में 15 मई को ‘अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस’ के रूप में घोषित किया और सबसे पहले इसे 15 मई, 1994 को मनाया गया था।


विश्व कृषि-पर्यटन दिवस 16 मई

  • प्रत्येक वर्ष 16 मई को विश्व कृषि-पर्यटन दिवस (World Agri-Tourism Day) मनाया जाता है। विश्व कृषि-पर्यटन दिवस का लक्ष्य कृषि और पर्यटन क्षेत्र को एकीकृत कर किसानों की आय में बढ़ोतरी करना है। कृषि पर्यटन का आशय पर्यटन के उस रूप से है, जिसमें ग्रामीण संस्कृति को पर्यटक आकर्षण के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। यह पारिस्थितिकी पर्यटन के समान ही है, यद्यपि इसमें प्राकृतिक परिदृश्य के बजाय सांस्कृतिक परिदृश्य को शामिल किया जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो कृषि पर्यटन में कृषि आय बढ़ाने और एक गतिशील, विविध ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को प्रोत्साहित करने की महत्त्वपूर्ण क्षमता है। कई विकसित देशों में कृषि पर्यटन, पर्यटन उद्योग का एक अभिन्न अंग बन गया है। इसे कृषि तथा संबद्ध व्यवसाय के मूल्यवर्द्धन के रूप में देखा जा सकता है, जो किसानों और ग्रामीण समुदायों को ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि एवं प्राकृतिक संसाधनों की बहु-क्रियाशील प्रकृति के इष्टतम लाभों का उपयोग करने में सक्षम बनाता है। महाराष्ट्र, देश में कृषि पर्यटन को विकसित करने और बढ़ावा देने वाला अग्रणी राज्य है। महाराष्ट्र में वर्ष 2005 में कृषि-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये कृषि पर्यटन विकास निगम (ATDC) का गठन किया गया था।


अंतर्राष्ट्रीय प्रकाश दिवस 16 मई

  • प्रत्येक वर्ष 16 मई को यूनेस्को (UNESCO) और कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रकाश दिवस (International Day of Light) मनाया जाता है। प्रकाश हमारे जीवन में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है। सबसे बुनियादी स्तर पर प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से प्रकाश ही जीवन के मूल में है। प्रकाश के अध्ययन ने वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों, नैदानिक प्रौद्योगिकी और उपचार में जीवन रक्षक चिकित्सा पद्धति एवं लाइट-स्पीड इंटरनेट और इसी प्रकार की अन्य खोजों से समाज में क्रांति ला दी है तथा ब्रह्मांड के प्रति हमारी समझ को महत्त्वपूर्ण आकार दिया है। अंतर्राष्ट्रीय प्रकाश दिवस एक वार्षिक पहल है, जिसका उद्देश्य आम जनमानस के दैनिक जीवन में प्रकाश-आधारित प्रौद्योगिकियों द्वारा निभाई गई महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन वर्ष 1960 में लेज़र के पहले सफल संचालन को चिह्नित करने के लिये मनाया जाता है। पहला सफल लेज़र संचालन, ‘थियोडोर मैमन’ नामक एक अमेरिकी इंजीनियर एवं भौतिक विज्ञानी द्वारा किया गया था। यह दिवस वैज्ञानिक सहयोग को मज़बूत करने और शांति व सतत् विकास को बढ़ावा देने हेतु ‘प्रकाश’ की क्षमता के दोहन का आह्वान करता है। इस दिवस को यूनेस्को के ‘इंटरनेशनल बेसिक साइंस प्रोग्राम’ (IBSP) से प्रशासित किया जाता है। प्रकाश विज्ञान और उसके अनुप्रयोगों की उपलब्धियों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिये संयुक्त राष्ट्र ने सर्वप्रथम वर्ष 2015 में ‘प्रकाश और प्रकाश आधारित प्रौद्योगिकियों का अंतर्राष्ट्रीय’ वर्ष मनाया था, इसके पश्चात् वर्ष 2018 में पहला अंतर्राष्ट्रीय प्रकाश दिवस आयोजित किया गया।

 


विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस 17 मई

  • प्रतिवर्ष 17 मई को विश्व भर में ‘विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य इंटरनेट और अन्य सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों (ITC) के उपयोग से समाज तथा अर्थव्यवस्थाओं में लाए जाने वाले महत्त्वपूर्ण परिवर्तनों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिवस को ‘विश्व सूचना समाज दिवस’ और ‘विश्व दूरसंचार समाज दिवस’ के समामेलन के रूप में आयोजित किया जाता है। ‘विश्व दूरसंचार समाज दिवस’ अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) की स्थापना तथा वर्ष 1865 में पहले अंतर्राष्ट्रीय टेलीग्राफ कन्वेंशन पर हस्ताक्षर को चिह्नित करता है, जबकि ‘विश्व सूचना समाज दिवस’ ‘वर्ल्ड समिट ऑन द इंफॉर्मेशन सोसायटी’ (WSIS) द्वारा रेखांकित ITC के महत्त्व और सूचना समाज से संबंधित व्यापक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। वर्ष 2006 में संयुक्त राष्ट्र ने दोनों दिवसों को संयुक्त तौर पर प्रतिवर्ष एक साथ आयोजित करने का निर्णय लिया था। वर्ष 2022 के लिये विश्व दूरसंचार एंव सूचना समाज दिवस (2022) की थीम "वृद्ध व्यक्तियों और स्वस्थ आयु बढ़ाने के लिये डिजिटल तकनीक" रखी गई है।

 

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस 17 मई

  • प्रत्येक वर्ष 17 मई को विश्व भर में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस (World Hypertension Day) मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आम लोगों में उच्च रक्तचाप के संदर्भ में जागरूकता पैदा करना और इसकी गंभीरता को देखते हुए लोगों को इसे नियंत्रित करने के लिये प्रोत्साहित करना है। वर्ष 2022 के लिये विश्व उच्च रक्तचाप दिवस की थीम ‘अपने रक्तचाप को सही तरीके से मापें, इसे नियंत्रित करें, अधिक समय तक जीवित रहें’ (Measure your blood pressure accurately, control it, live longer) है। विदित हो कि शरीर में ऑक्सीजन और ऊर्जा के प्रवाह के लिये रक्त शोधन करना ह्रदय का प्रमुख कार्य है और धमनियों के ज़रिये रक्त के प्रवाह के लिये दबाव की एक निश्चित मात्रा की आवश्यकता होती है। यदि रक्त प्रवाह का दबाव सामान्य से अधिक होता है, तो यह धमनियों की दीवार पर अतिरिक्त तनाव डालता है। इसे हाई ब्लडप्रेशर या हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) कहते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, पूर्वी भूमध्य क्षेत्र में प्रत्येक पाँच में से दो वयस्क उच्च रक्तचाप से प्रभावित हैं। उच्च रक्तचाप दुनिया भर में असामयिक मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। उच्च रक्तचाप की गंभीरता को देखते हुए इसे ‘साइलेंट किलर’ (Silent Killer) भी कहा जाता है।


वैश्विक सुगम्यता जागरूकता दिवस मई के तीसरे गुरुवार को

  • वैश्विक सुगम्यता जागरूकता दिवस हर वर्ष मई के तीसरे गुरुवार को मनाया जाता है, इस दिन का उद्देश्य लोगों को दुनिया के 1.2 बिलियन दिव्यांगों के लिये डिजिटल (वेब, सॉफ़्टवेयर, मोबाइल आदि) सुगम्यता और समावेश के बारे में बात करने, सोचने और सीखने हेतु प्रेरित करना है। ‘वैश्विक सुगम्यता जागरूकता दिवस-2022’ विभिन्न दिव्यांग लोगों के लिये ‘वेब’ सुगम्यता पर बातचीत को सुविधाजनक बनाने का अवसर प्रदान करता है। वैश्विक सुगम्यता जागरूकता दिवस पहली बार वर्ष 2012 में एक ब्लॉग पोस्ट के प्रकाशन के कारण मनाया गया था, जिसे 27 नवंबर, 2011 को वेब डेवलपर ‘जो डेवॉन’ ने लिखा था, जिन्होंने इस बारे में बताया था कि वेबसाइट बनाते समय आवश्यक महत्त्वपूर्ण चीज़ों की सूची के मामले में सुगम्यता कितनी कम थी। डिजिटल सेवाओं तक पहुंँच के लिये प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करने की प्रतिबद्धता वैश्विक सुगम्यता जागरूकता दिवस-2022 का लक्ष्य है। यह दिन दिव्यांगों तक डिजिटल पहुंँच प्रदान करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।


विश्व मधुमक्खी दिवस 20 मई

  • केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय 20 मई, 2022 को गुजरात में विश्व मधुमक्खी दिवस पर वृहत राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। विश्व मधुमक्खी दिवस के लिये इस वर्ष की थीम है- “बी एंगेज्ड: सेलिब्रेटिंग द डायवर्सिटी ऑफ बीज़ एंड बीकीपिंग सिस्टम्स।” इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देकर देश के छोटे किसानों को अधिकाधिक लाभ पहुँचाना है। प्रत्येक वर्ष 20 मई को विश्व भर में विश्व मधुमक्खी दिवस (World Bee Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य मधुमक्खी और अन्य परागणकों जैसे- तितलियों, चमगादड़ और हमिंग बर्ड आदि के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिवस 18वीं शताब्दी में आधुनिक मधुमक्खी पालन की तकनीक के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले एंटोन जनसा (Antone Jansa) के जन्मदिन (20 मई, 1734) के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस के रूप में मनाने के प्रस्ताव को 7 जुलाई, 2017 को इटली में आयोजित खाद्य एवं कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization- FAO) के 40वें सत्र में स्वीकृत किया गया था। विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर मधुमक्खी के तमाम उत्पादों के लाभ, उत्पादन बढ़ाने में मधुमक्खियों की भूमिका और किसानों को खेती के साथ-साथ नए व्यवसाय के अवसर मुहैया कराने की संभावनाओं पर भी चर्चा की जाती है।


अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 18 मई

  • संग्रहालयों के संदर्भ में लोगों में जागरूकता बढ़ाने हेतु प्रत्येक वर्ष 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (International Museums Day) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत वर्ष 1977 में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद (International Council of Museums- ICOM) द्वारा की गई थी। ICOM एक सदस्यता संघ और एक गैर-सरकारी संगठन है जो संग्रहालय संबंधी गतिविधियों के लिये पेशेवर एवं नैतिक मानक स्थापित करता है। संग्रहालय क्षेत्र में यह एकमात्र वैश्विक संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 1946 में की गई थी और इसका मुख्यालय पेरिस, फ्राँस में है। यह संग्रहालय पेशेवरों (138 से अधिक देशों में 40,000 से अधिक सदस्य) के एक नेटवर्क के रूप में कार्य करता है। ICOM की रेड लिस्ट (खतरे में रहने वाली सांस्कृतिक वस्तुओं संबंधी), सांस्कृतिक वस्तुओं के अवैध यातायात को रोकने के लिये व्यावहारिक उपकरण है। वर्ष 2022 के लिये इस दिवस की थीम है- संग्रहालयों की शक्ति। भारत के उल्लेखनीय संग्रहालय हैं- राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली (संस्कृति मंत्रालय के तहत अधीनस्थ कार्यालय); राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, नई दिल्ली; सालार जंग संग्रहालय, हैदराबाद; भारतीय संग्रहालय, कोलकाता; भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण साइट संग्रहालय, गोवा; प्राकृतिक इतिहास का राष्ट्रीय संग्रहालय (NMNH), नई दिल्ली।

आतंकवाद विरोधी दिवस 21 मई

  • भारत में प्रतिवर्ष 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस (Anti-Terrorism Day) मनाया जाता है। इसे राष्ट्रीय सद्भाव को बढ़ावा देने, आतंकवाद की घटनाओं में कमी लाने और सभी जातियों, पंथों आदि के लोगों के बीच एकता को बढ़ावा देने के लिये मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य आतंकवादियों द्वारा की जाने वाली हिंसा के खिलाफ लोगों को जागरूक करना, साथ ही युवाओं पर पड़ने वाले आतंकवाद के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देना है। ज्ञातव्य है कि 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में आतंकवादी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) द्वारा ह्यूमन बम या सुसाइड बम के ज़रिये पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद ही आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का फैसला लिया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस 21 दिसंबर

  • संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 दिसंबर, 2019 को '21 मई' को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस घोषित किया है। वर्ष 2022 की अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस की थीम है- "चाय और निष्पक्ष व्यापार।" वस्तुतः दुनिया भर में चाय उत्पादक देश वर्ष 2005 से प्रतिवर्ष 15 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाते थे लेकिन तब तक इसे संयुक्त राष्ट्र की ओर से मान्यता नहीं प्रदान की गई थी। इसे लेकर भारत सरकार ने बड़ी पहल की और वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के माध्यम से आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा जिसे स्वीकार कर लिया गया। ज्ञातव्य है कि चाय के उत्पादन में भारत दूसरे स्थान पर है, जबकि उपभोग के मामले में यह पहले स्थान पर है।


अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 22 मई 

  • प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा जैव विविधता के मुद्दों पर लोगों में समझ और जागरूकता बढाने के लिये 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (International Day for Biological Diversity) के रूप में मनाया जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य लोगों को जैव-विविधता के प्रति जागरूक करना है। संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्त्वाधान में वर्ष 1992 में ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो में "पृथ्वी सम्मेलन" आयोजित किया गया, इसी सम्मेलन में इस दिवस को मनाने पर विचार किया गया। इसके अगले वर्ष  29 दिसंबर,1993 को पहली बार जैव-विविधता दिवस मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू किया गया जैव-विविधता दिवस वर्ष 2000 तक 29 दिसंबर को मनाया जाता रहा। उसके बाद वर्ष 2001 से यह प्रत्येक वर्ष 22 मई को मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2022 की थीम है- ‘सभी जीवों के साझे भविष्य का निर्माण’ (Building a shared future for all life)

 

विश्व थायरॉयड दिवस 25 मई

  • विश्व थायरॉयड दिवस प्रतिवर्ष 25 मई को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य थायरॉयड के संबंध में जागरूकता बढ़ाना और उपचार हेतु लोगों को शिक्षित करना है। विश्व थायरॉयड दिवस की शुरुआत वर्ष 2008 में थायरॉयड के नए उपचारों को लेकर जागरूकता बढ़ाने और रोकथाम कार्यक्रमों की तत्काल आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करने हेतु विश्व स्तर पर अमेरिकन थायरॉयड एसोसिएशन (ATA) तथा यूरोपीय थायरॉयड एसोसिएशन (ETA) के नेतृत्त्व में चल रहे अभियान के एक हिस्से के रूप में की गई थी। थायरॉयड ग्रंथि, गर्दन में श्वासनली के पास मौज़ूद होती है। थायरॉयड का कार्य हार्मोन को स्रावित करना है जो शरीर के कामकाज को नियंत्रित करता है। थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) थायरॉयड हार्मोन हैं। ये हार्मोन थायरॉयड ग्रंथि द्वारा सीधे रक्त में स्रावित होकर शरीर के विभिन्न अंगों में प्रवाहित होते हैं तथा शरीर की चयापचय गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। आँकड़ों के अनुसार, प्रत्येक 10वाँ वयस्क हाइपोथायराॅयडिज़्म रोग से ग्रसित है, इस रोग में थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त थायरॉयड हार्मोन्स का उत्पादन नहीं कर पाती है। थायरॉयड की वजह से महिलाओं में पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (Poly Cystic Ovary Syndrome) और बाँझपन का अधिक खतरा रहता है।

 

एमनेस्टी इंटरनेशनल दिवस 28 मई

  • प्रतिवर्ष 28 मई को ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल दिवस’ का आयोजन किया जाता है। ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल' (Amnesty International) लंदन स्थित एक गैर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 28 मई, 1961 को ‘पीटर बेन्सन’ नामक एक ब्रिटिश वकील द्वारा की गई थी। इस संगठन का प्राथमिक लक्ष्य मानवाधिकारों की रक्षा और उनकी वकालत करना है। पीटर बेन्सन ने एक जनांदोलन के रूप में इस संगठन की स्थापना मुख्य तौर पर दुनिया भर में उन कैदियों को रिहा कराने के उद्देश्य से की थी, जिन्हें अपनी राजनीतिक, धार्मिक या अन्य धर्मनिरपेक्ष मान्यताओं की शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति के लिये जेल में कैद किया गया हो, भले ही उन्होंने न कभी हिंसा का इस्तेमाल किया और न ही इसकी वकालत की। विश्व भर में इस संस्था के तीस लाख से अधिक सदस्य और समर्थक हैं। संगठन का उद्देश्य मानवाधिकारों के विरुद्ध हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाना तथा प्रताड़ित लोगों को न्याय दिलाना है। यह संगठन ऐसी दुनिया के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जहाँ प्रत्येक व्यक्ति मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संबंधी दस्तावेज़ों में निर्धारित अधिकारों का उपयोग करने में सक्षम हो। साथ ही यह संगठन मानवाधिकारों के मुद्दे पर शोधकार्य भी करता है। संगठन को वर्ष 1977 में शांति के लिये नोबेल पुरस्कार और वर्ष 1978 में मानवाधिकारों के संरक्षण के लिये संयुक्त राष्ट्र का पुरस्कार भी प्रदान किया गया है।

विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 28 मई

  • प्रतिवर्ष 28 मई को विश्व भर में ‘विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस दिवस की शुरुआत जर्मनी स्थिति एक गैर-लाभकारी संगठन ‘वाॅॅश यूनाइटेड’ द्वारा वर्ष 2013 में की गई थी। ‘मासिक धर्म स्वच्छता दिवस’ एक वैश्विक अभियान है, जो विश्व भर की महिलाओं और लड़कियों के लिये बेहतर मासिक धर्म स्वास्थ्य एवं स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिये गैर-लाभकारी संस्थाओं, सरकारी एजेंसियों, निजी क्षेत्र तथा मीडिया आदि को एक साथ- एक मंच पर लाता है। इस दिवस का प्राथमिक लक्ष्य मासिक धर्म स्वच्छता के संबंध में जागरूकता को बढ़ावा देना और मासिक धर्म से संबंधित नकारात्मक धारणाओं को समाप्त करना है। साथ ही यह दिवस वैश्विक, राष्ट्रीय व स्थानीय स्तरों पर नीति निर्माताओं को मासिक धर्म स्वास्थ्य एवं स्वच्छता से संबंधित नीतियों के निर्माण के लिये भी प्रेरित करता है। मासिक धर्म एक महिला के शरीर की सबसे महत्त्वपूर्ण प्रक्रियाओं में से एक है, हालाँकि इस महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया के दौरान प्रायः महिलाओं द्वारा विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में मासिक स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया जाता है, जो कि फंगल या जीवाणु संक्रमण जैसी कई समस्याओं को जन्म दे सकता है। भारत में यूनिसेफ द्वारा किये गए एक अध्ययन के मुताबिक, मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में अपर्याप्त जागरूकता के कारण 23 प्रतिशत लड़कियाँ मासिक धर्म शुरू होने के बाद स्कूल छोड़ने के लिये मजबूर होती हैं।

माउंट एवरेस्ट दिवस 29 मई

  • नेपाल द्वारा प्रतिवर्ष 29 मई को ‘माउंट एवरेस्ट दिवस’ के रूप में आयोजित किया जाता है। ध्यातव्य है कि 29 मई, 1953 को न्यूज़ीलैंड के पर्वतारोही एडमंड हिलेरी (Edmund Hillary) और उनके तिब्बती गाइड तेनज़िंंग नोर्गे (Tenzing Norgay) द्वारा पहली बार माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की गई थी। इस पर्वत को तिब्बत में ‘चोमोलुंग्मा’ (Chomolungma) और नेपाल में ‘सागरमाथा’ (Sagarmatha) के नाम से जाना जाता है। माउंट एवरेस्ट दिवस नेपाल के पर्वतीय पर्यटन को बढ़ावा देने का भी एक महत्त्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। नेपाल और तिब्बत (चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र) के बीच स्थित तकरीबन 8,848 मीटर (29,035 फीट) ऊँचा माउंट एवरेस्ट हिमालय पर्वत शृंखला की एक चोटी है, जिसे पृथ्वी का सबसे ऊँचा बिंदु माना जाता है। इसकी वर्तमान आधिकारिक ऊँचाई 8,848 मीटर है, जो कि 'पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर' (PoK) में स्थित विश्व के दूसरे सबसे ऊँचे पर्वत के-2 (K-2) से 200 मीटर अधिक है। ध्यातव्य है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित के-2 पर्वत की आधिकारिक ऊँचाई 8,611 मीटर है। इस पर्वत का नाम भारत के पूर्व महासर्वेक्षक ‘जॉर्ज एवरेस्ट’ के नाम पर रखा गया था।

 'ब्लॉक दिवस'

  • केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में प्रशासन द्वारा प्रत्‍येक सप्ताह 'ब्लॉक दिवस' का आयोजन किया जाता है जिसे 'यौम-ए-ब्लॉक' के रूप में भी जाना जाता है। यह महत्त्वाकांक्षी 'जन अभियान' कार्यक्रम का हिस्सा है। इस दौरान ज़िला विकास आयुक्त और अन्य अधिकारी, विकास कार्यों की प्रगति का आकलन करते हैं तथा जनता के मुद्दों, शिकायतों को सुनने के साथ ही उनकी मांगों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। 'ब्लॉक दिवस' लोगों के साथ सीधे बातचीत करने, उनसे प्रतिक्रिया प्राप्त करने और मौके पर शिकायत का निवारण करने का अवसर प्रदान करता है। ज्ञात हो कि जम्मू-कश्मीर को 17 अक्तूबर, 1949 को भारतीय संव‍िधान के अनुच्‍छेद 370 के तहत एक 'अस्थायी प्रावधान' के रूप में जोड़ा गया था, जिसमें जम्मू-कश्मीर को विशेष संवैधानिक छूट दी गई थी लेकिन 5 अगस्त, 2019 को भारत सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य की विशेष संवैधानिक स्थिति को समाप्त कर दिया, साथ ही अनुच्छेद 35A को भी निरस्त कर दिया। अनुच्छेद 35A के तहत जम्मू-कश्मीर को अपने 'स्थायी निवासी' परिभाषित करने और उनसे जुड़े अधिकारों एवं विशेषाधिकारों को निर्धारित करने की अनुमति दी गई थी। इस पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- लद्दाख (बिना विधायिका के) और जम्मू-कश्मीर (विधायिका के साथ) में विभाजित किया गया।

 

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई 

  • प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और वैश्विक साझेदारों द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस (WNTD) मनाया जाता है। इस वर्ष ‘विश्‍व तंबाकू निषेध दिवस’ की थीम है– ‘पर्यावरण की रक्षा करें’। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य तंबाकू के हानिकारक उपयोग एवं प्रभाव के विषय में जागरूकता का प्रसार करना तथा तंबाकू के किसी भी रूप में उपयोग को हतोत्साहित करना है। सर्वप्रथम वर्ष 1987 में विश्व स्वास्थ्य सभा ने 7 अप्रैल को ‘विश्व धूम्रपान निषेध दिवस’ के रूप में घोषित किया था। इसके पश्चात् वर्ष 1988 में प्रतिवर्ष 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाने का आह्वान करते एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस वार्षिक उत्सव के आयोजन का उद्देश्य न केवल तंबाकू के उपयोग के खतरों के बारे में लोगों को जागरूक करना है, बल्कि तंबाकू कंपनियों के व्यावसायिक प्रथागत विकास को भी हतोत्साहित करना है। तब से इस दिन दुनिया भर में तंबाकू और इसके सेवन के घातक परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये अभियान चलाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में लगभग 80 लाख लोग तंबाकू के सेवन से होने वाले रोगों की वजह से मौत के शिकार हो जाते हैं।

हिंदी पत्रकारिता दिवस 30 मई

  • देश भर में प्रत्येक वर्ष 30 मई को ‘हिंदी पत्रकारिता दिवस’ मनाया जाता है। यह दिवस भारतीय पत्रकारों खासतौर पर हिंदी भाषी पत्रकारों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण है, साथ ही यह दिवस समाज के विकास में पत्रकारों के योगदान और पारदर्शिता तथा उत्तरदायित्व निर्धारण में उनकी भूमिका को रेखांकित करता है। 30 मई, 1826 में पंडित युगल किशोर शुक्ल ने हिंदी के प्रथम समाचार पत्र ‘उदंत मार्तण्ड' के प्रकाशन का शुभारंभ किया था। ‘उदंत मार्तण्ड’ का शाब्दिक अर्थ है ‘समाचार-सूर्य‘। ‘उदंत मार्तण्ड' का प्रकाशन प्रत्येक सप्ताह मंगलवार को किया जाता था। पुस्तक के आकार में छपने वाले ‘उदंत मार्तण्ड' के केवल 79 अंक ही प्रकाशित हो सके और दिसंबर 1827 में वित्तीय संसाधनों के अभाव में इसका प्रकाशन बंद हो गया। इस समाचार पत्र में ब्रज और खड़ी बोली दोनों भाषाओं के मिश्रित रूप का प्रयोग किया जाता था, जिसे इस पत्र के संचालक ‘मध्यदेशीय भाषा’ कहते थे। कानपुर के रहने वाले पंडित युगल किशोर शुक्ल पेशे से एक वकील थे और औपनिवेशिक ब्रिटिश भारत में वकील के तौर पर कलकत्ता में कार्य कर रहे थे। इतिहासकार पंडित युगल किशोर शुक्ल को भारतीय पत्रकारिता का जनक मानते हैं। वहीं बंगाल से हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत का श्रेय राजा राममोहन राय को दिया जाता है। हिंदी पत्रकारिता ने इतिहास में एक लंबा सफर तय किया है। 1826 ई. में पंडित युगल किशोर शुक्ल ने जब पत्रकारिता की शुरुआत की थी, तब यह कल्पना करना मुश्किल था कि भारत में पत्रकारिता भविष्य में इतना लंबा सफर तय करेगी।

संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक अंतर्राष्ट्रीय दिवस  29 मई

  • संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिवर्ष 29 मई को ‘संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य शांति स्थापना के लिये शहीद हुए सैनिकों को याद करना एवं उनका सम्मान करना है। आधिकारिक सूचना के मुताबिक, बीते वर्ष विभिन्न अभियानों में संयुक्त राष्ट्र के 130 शांति सैनिकों ने अपनी जान गँवाई थी और वर्ष 1948 में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों की शुरुआत से अब तक 4000 लोग मारे जा चुके हैं। ज्ञात हो कि पहले संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का गठन 29 मई, 1948 को किया गया था जब ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’ ने मध्य पूर्व में संयुक्त राष्ट्र के सैन्य पर्यवेक्षकों की एक छोटी टुकड़ी की तैनाती को अधिकृत किया था। यह दिवस वर्ष 2003 में पहली बार मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार, प्रत्येक सदस्य राष्ट्र वैश्विक शांति के लिये अपने संबंधित हिस्से का भुगतान करने के लिये कानूनी रूप से बाध्य है। स्थानीय समुदायों का समर्थन करने के साथ-साथ शांति सैनिकों को कोविड-19 महामारी के प्रभावों से भी जूझना पड़ रहा है।

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