ध्यानात्मक आसन सिद्धासन वज्रासन | Meditation Yoga Aasan
ध्यानात्मक आसन (Meditation Yoga Aasan)
ध्यानात्मक आसन (Meditation Yoga Aasan)
योग में ध्यान की बहुत सी विधियाँ प्रचलित हैं। यह तल्लीनता की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें साधक किसी एक लक्ष्य, ध्वनि, धारणा और ध्यान को लगाने का प्रयत्न करता है। ध्यान का अभ्यास बिना आसन व प्राणायाम की पूर्ण तैयारी के प्रारंभ करना उचित नहीं है। अतः ऐसे ही कुछ ध्यानात्मक आसनों के बारे में आप जानेंगे।
- i) सिद्धासन
- ii) वज्रासन
- iii) पद्मासन
सिद्धासन Sidh Aasan
सिद्धासन विधि
- जमीन पर दरी, चटाई अथवा कंबल बिछाकर बैठ जाएँ और पैर आगे की ओर फैला लें ।
- अब बायाँ पाँव, घुटने से मोड़ें और हाथों से पकड़ते हुए उसका तला, दाई जंघा से मिला दें ।
- इसी प्रकार दायाँ पाँव और उसे बाई एड़ी के जोड़ पर, जननेद्रियों के समीप रखें .
- दोनों हाथ (ज्ञान मुद्रा) घुटनों पर रखें। कमर, गर्दन और सिर सीधा रखें।
सिद्धासन के लाभ
- इस आसन के अभ्यास से सभी नस-नाड़ियाँ शुद्ध होती हैं।
- मस्तिष्क की एकाग्रता बढ़ती है और दिमाग तेज़ होता है।
- जोड़ों का कड़ापन (विशेषकर कमर कूल्हे और घुटने का) दूर होता है।
- मेरुदण्ड में रक्त का संचार सुगमता से होता है।
वज्रासन
वज्रासन विधि
- दोनों पाँव घुटने से मोड़ते हुए बैठ जाएं।
- पैर का अग्र भाग नितम्ब (कुल्हे) के नीचे, इस प्रकार रखें कि एड़ी ऊपर की ओर रहे और दोनों पंजे आपस में मिले रहें।
- दोनों हाथ जंघा पर रखें।
- कमर और गर्दन बिल्कुल सीधा रखें।
- आँखें खुली रखें और सामने देखें।
- श्वास सामान्य रखें ।
वज्रासन लाभ
- जिन बुर्जुगों को अपच, पेट में भारीपन और बदहज़मी की शिकायत रहती हो, उन्हें यह आसन भोजन के तुरंत बाद अवश्य करना चाहिए।
- इस आसन के नियमित अभ्यास से शरीर वज्र के समान कठोर हो जाता है।
- गठिया, कमर और घुटनों के रोग के लिए यह बहुत लाभकारी है।
- वज्रासन ही अकेला एक आसन है जो भोजन के तुरंत बाद किया जा सकता है।
पद्मासन
पद्मासन विधि
- दाहिने पाँव को बायीं जांघ पर रखें;
- अब बायें पांव को उठाकर दांयी जांघ पर रखें;
- कमर, गर्दन और सिर सीधा रखें;
- दोनों हाथ ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रखें।
पद्मासन लाभ
- पाचन शक्ति बढ़ाता है;
- जोड़ों का कड़ापन दूर होता है, एकाग्रता बढ़ती है;
- इसके प्रभाव से शरीर कमल के समान खिल जाता है, यानी स्वस्थ हो जाता है।
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