प्राणायाम का अर्थ |प्राणायाम के लाभ |Pranayam Explanation in Hindi

 प्राणायाम का अर्थ , प्राणायाम के लाभ

प्राणायाम का अर्थ |प्राणायाम के लाभ |Pranayam Explanation in Hindi


प्राणायाम का अर्थ

 

  • प्राण का अर्थ- जीवनी शक्ति हैऔर "आयाम" का अर्थ है खिंचावविस्तारफैलावविनियमनआत्मसंयम अथवा नियंत्रण । इस प्रकारप्राण का विस्तार करना तथा उसको बढ़ाना प्राणायाम कहलाता है। यदि सामान्य रूप से हम कहें तो "प्राणायाम श्वास लेने की योग कला है" 
  • महर्षि पतंजलि ने विशेष रूप से सांस लेने तथा बाहर छोड़ने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने के रूप में प्राणायाम को परिभाषित किया है। 
  • तस्मिन् सति श्वासप्रश्वासयोर्गतिविच्छेदः प्राणायामः (पा.यो. सूत्र 2/49) अर्थात् आसन के सिद्ध हो जाने पर श्वास-प्रश्वास की गति का स्वतः रुक जाना 'प्राणायामकहलाता है। इस प्रकार प्राणायाम श्वसन क्रिया की एक तकनीक है जो सांस लेने वाले अंगों को तीव्रता सेलयबद्धता तथा गहनता के साथ क्रियाशील बनाती है।

 

इससे पहले आपको पूरकरेचक तथा कुम्भक को समझना आवश्यक है

  •  पूरक क्रिया द्वारा लंबी गहरी श्वास देर तक अंदर ली जाती है। 
  • रेचक द्वारा श्वास देर तक बाहर छोड़ी जाती है । 
  • कुम्भक द्वारा श्वास को रोका जाता है।

 

  • पूरक श्वसन संस्थान को उद्दीप्त करता है। रेचक दूषित तथा विषैली वायु को बाहर निकालता है। कुम्भक संपूर्ण शरीर के भीतर ऊर्जा का वितरण करता है।

 

  • प्राण तथा मानसिक दबावमानसिक दबाव तथा बौद्धिक शक्तिबौद्धिक शक्ति तथा आत्माआत्मा तथा ईश्वर के बीच घनिष्ठ संबंध होता है। इस प्रकारप्राणायाम का उद्देश्य शरीर में प्रेरणाप्रोत्साहननियंत्रण तथा ओजस्वी शक्ति को संतुलित करना है। प्राणायाम के बिना योग परिपूर्ण नहीं होता। जिस प्रकार शरीर को स्वच्छ एवं शुद्ध करने के लिए स्नान करना आवश्यक है। इसी तरह से मस्तिष्क को तरो-ताजा एवं शुद्ध करने के लिए प्राणायाम आवश्यक है।

 

प्राणायाम के लाभ

 

  • प्राणायाम का अभ्यास करने से फेफड़े मजबूत होते हैं। 
  • अधिक से अधिक मात्रा में शरीर में आक्सीजन पहुँचती है। 
  • मन की चंचलता दूर होती है। 
  • प्रश्वास की धारा के साथ शरीर के विकार निकलते हैं। 
  • शरीर और मन की शुद्धता होती है। 
  • प्राणायाम के द्वारा भावनाएं नियंत्रित होती हैं जो कि स्थिरताएकाग्रता तथा मानसिक संतुलन प्रदान करता है।
  • प्राणायाम के अभ्यास से साधक के फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है तथा अधिकतम वायु संचार करने में फेफड़े सक्षम होते हैं।

 

महत्वपूर्ण प्राणायाम के नाम 

यद्यपि पातंजल योग सूत्र में किसी भी प्राणायाम का नाम उल्लेखित नहीं किया गया हैफिर भी हठयोग के ग्रन्थों में महत्वपूर्ण प्राणायाम के नाम निम्नलिखित हैं

 

1. उज्जायी 

2. शीतली 

3. सीत्कारी 

4. चन्द्रभेदी 

5. सूर्यभेदी 

6. भस्त्रिका 

7. प्लावनी 

8. भ्रामरी 

9. मूर्च्छा 

10. केवली 

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