भारत में शहरीकरण एक बड़ी समस्या है, इसके भविष्य में दुष्परिणामों पर प्रकाश डालिये ?| Problem of urbanization in India
भारत में शहरीकरण एक बड़ी समस्या है, इसके भविष्य में दुष्परिणामों पर प्रकाश डालिये ?
भारत में शहरीकरण एक बड़ी समस्या है। इसके भविष्य में दुष्परिणामों पर प्रकाश डालिये ?
उत्तर-
- जब शहरीकरण बढ़ता है, तो इससे जुड़ी अनेकानेक समस्याएँ भी बढ़ती हैं। भारत में यह स्थिति कुछ ज्यादा ही विकट है। हमारे देश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी गाँवों में है, जहाँ रोजगार की सम्भावनाएँ न्यूनतम है। ग्रामीण इलाकों से बड़े पैमाने पर लोग रोजगार की तलाश में शहरों का रुख करते हैं। शहरी आबादी पर इससे दबाव बढ़ता है और ढाँचागत व्यवस्थाएँ चरमराने लगती हैं। पिछलेएक दशक से शहरों की तरफ पलायन की जो प्रवृत्ति सामने आई है, उसी का यह परिणाम है कि वर्ष 2001 से 2011 के बीच शहरों की आबादी 28.5 करोड़ से बढ़कर 37.5 करोड़ हो गई। इस दौरान शहरों की कुल संख्या भी 5161 से बढ़कर 7,935 हो गई। शहरों पर आबादी का दबाव बढ़ने से शहर बेतरतीबी से पनपने लगते हैं और इसी के साथ समस्याओं का मकड़जाल भी बढ़ने लगता है।
- शहरी समस्याएँ अनन्त है। नशीले पदार्थ का व्यसन, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी उनमें से कुछ हैं। हम उन छह गम्भीर समस्याओं के प्रभाव क्षेत्र और व्यापकता का विश्लेषण करेंगे जिनका उल्लेख नहीं हुआ हैं। वे हैं- (i) और गंदी बस्तियाँ, (ii) भीड़-भाड़ और निर्व्यक्तीकरण, (iii) पानी की आपूर्ति एवं जल निकास, (iv) परिवहन एवं यातायात, (v) विद्युत की कमी, और (vi) प्रदूषण ।
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