औद्योगीकरण क्या है, म.प्र. में कम औद्योगीकरण के क्या कारण है? | Reason for Less Industrialization in MP
औद्योगीकरण क्या है। म.प्र. में कम औद्योगीकरण के क्या कारण है?
औद्योगीकरण क्या है, म.प्र. में कम औद्योगीकरण के क्या कारण है?
उत्तर-
औद्योगीकरण से आशय :-
औद्योगीकरण, निजी भी राज्य की अर्थव्यवस्था के विकास की पूर्ण शर्त है। इसी की वजह से मध्यप्रदेश आर्थिक विकास की दौड़ में अन्य राज्यों की तुलना में पिछड़ा कहलाता है। मध्यप्रदेश में मन्द औद्योगिक विकास के प्रमुख कारणों को हम इस प्रकार देख सकते हैं-
1. उचित नीति का अभाव :-
औद्योगिक विकास के लिए यह आवश्यक है कि सरकार द्वारा नीतिगत पहल की जाए। औद्योगिक नीतियाँ, औद्योगिक विकास के लिए प्रेरक का काम करती है। लेकिन मध्यप्रदेश में इस सम्बन्ध में नीतिगत पहल नहीं की गई। इस कारण सार्वजनिक और निजी उद्योगो को प्रोत्साहन नहीं मिला।
2. आघारभूत संरचना की कमी-
औद्योगिक विकास के लिए एक पूर्व शर्त के रूप में आधारभूत संरचना का होना आवश्यक है। आधारभूत संरचना से आशय बिजली, सड़क, से रेल तथा अन्य यातायात संसाधनों की उपलब्धता से है। आधारभूत संरचना उद्योगों के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराने के साथ तैयार माल के लिए बाजार उपलब्ध करवाती है ।
मध्यप्रदेश में बिजली की उपलब्धता तथा सड़कों और रेलमार्गों की कमी हमेशा से रही है। यही मुख्य कारण है मन्द औद्योगिक विकास का।
3. वित्त की उपलब्धता में कमी :-
औद्योगिक स्थापना तथा विकास के लिए वित्त को आसान उपलब्धता अनिवार्य है उद्यमी वित्त को उपलब्ध करवाने की संस्थागत व्यवस्था के बिना औद्योगिक विकास के आवश्यक गति और दिशा नहीं मिल सकती है। म.प्र. में विशेष रूप से औद्योगिक विकास हेतु औद्योगिक वित्त की उपलब्धता आसान रूप से उपलब्ध नहीं थी, जिसने औद्योगिक 'विकास' की गति को मन्द बने रहने को स्थिर किया है।
4. कुशल श्रम की कमी :
उद्योगों की स्थापना और संचालन के लिए कुशल व प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्धता होना आवश्यक है। औद्योगिक विकास के लिए जितनी आवश्यकता भौतिक अवसंरचना की है, उतनी ही आवश्यकता मानव संसाधन के रूप में सामाजिक अवसंरचना की भी है। म.प्र. में तकनीकी शिक्षा और उच्च प्रबंधन शिक्षा की उपलब्धता न होना औद्योगिक विकास के मन्द होने की एक प्रमुख वजह है।
5. सामाजिक आर्थिक दशाएँ :-
उद्योगों के उत्पादन के लिए माँग का होना आवश्यक है जबकि माँग के लिए समाज में आर्थिक क्षमता का स्तर भी होना चाहिए। म.प्र. में गरीबी और निम्न आर्थिक क्षमता ने स्थानीय और घरेलू माँग को मन्द बनाए रखा इस वजह से भी मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास की दशाएँ मन्द बनी रहीं ।
6. भौगोलिक अवस्थिति:-
उद्योगों की स्थापना में व्यापार मार्गों तथा आयात-निर्यात सुविधाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उद्योगों का विकास तटीय राज्यों में लाभदायक होता है क्योंकि वहाँ पत्तन सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध होती हैं।
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