भारत में क्षेत्रीय असंतुलनों को कैसे सुधारा जा सकता है? |Regional Challenges in India
भारत में क्षेत्रीय असंतुलनों को कैसे सुधारा जा सकता है?
भारत में क्षेत्रीय असंतुलनों को कैसे सुधारा जा सकता है?
उत्तर-
- किसी देश के विभिन्न प्रदेशों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में अथवा अर्थव्यवस्था के विकास की असमानता को आर्थिक विकास में प्रादेशिक असमानताएँ विश्व के लगभग सभी भागों में पाई जाती है परंतु भारत जैसे विकासशील देश में ये असमानताएँ काफी अधिक है। आर्थिक विकास में प्रादेशिक असमानताओं के मुख्य कारण प्राकृतिक संसाधनों, सामाजिक एवं सांस्कृतिक व्यवस्था, प्रौद्योगिकी आदि की प्रादेशिक वितरण में असमानताएँ हैं। प्रकृति ने प्राकृतिक संसाधनों (उपजाऊ मिट्टी, खनिज, वन सम्पदा आदि) का वितरण पृथ्वी के सभी भागों पर समान रूप से नहीं किया है। कुछ भाग प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से बहुत ही सम्पन्न है। परन्तु कुछ अन्य प्रदेशों में इन संसाधनों का लगभग पूर्ण अभाव है ऐसे परिस्थिति में आर्थिक विकास में प्रादेशिक असमानताओं का होना स्वाभाविक ही है।
- क्षेत्रीय असंतुलन की वजह से अलग राज्यों की माँग अलगाववाद, असंतोष, व नक्सलवाद जैसी समस्याएँ जन्म लेती हैं अतः इसका समाधान किया जाना चाहिए।
- क्षेत्रीय असंतुलन को समाप्त करने के लिए समावेशी विकास की रणनीति कारगर हो सकती है। इसमें सभी क्षेत्रों के सामाजिक आर्थिक विकास पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
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