वस्त्र धौति क्या है |वस्त्र धौति की विधि लाभ सावधानियाँ |दंत धौति | Vashtra Dhoti Kya hai

वस्त्र धौति क्या है ,वस्त्र धौति की विधि लाभ सावधानियाँ  , दंत धौति

वस्त्र धौति क्या है |वस्त्र धौति की विधि लाभ सावधानियाँ  |दंत धौति | Vashtra Dhoti Kya hai

वस्त्र धौति क्या होती है ?

 

वस्त्र धौति जैसा कि इसके नाम से पता चलता है कि इसमें वस्त्र का प्रयोग किया जाता है । वस्त्र के अभ्यास से कई प्रकार के रोगों का शमन होता है।

 

वस्त्र धौति पूर्व तैयारी एवं अनुशासन

 

  • वस्त्र धौति बाजार से लाकर उसे भली प्रकार से देख लिया जाता है कि वह कहीं से कटी व फटी न होकिनारे ठीक प्रकार से व्यवस्थित हों। 
  • वस्त्र धौति को खौलते हुए पानी में कुछ देर रहने देते हैं फिर निकाल कर स्वच्छ पानी से धोकर धूल रहित स्थान पर सुखा देते हैं। 
  • सूखने के बाद बंद डिब्बे में सूखे स्थान पर रख देते हैं। 
  • वस्त्र धौति सम्पन्न करने से पहले गुनगुना पानी आवश्यकतानुसार नमक मिलाकर रख लें । 
  • पानी का जगधौति रखने का पात्र एवं गिलास पास में रखना चाहिए।

 

वस्त्र धौति की विधि

 

  • सर्वप्रथम उकडू बैठकरदोनों पैरों के बीच में पात्र रखें जिसमें वस्त्र धौति रखी हो । दायीं ओर पानी का गिलास एवं जग रख लेना चाहिए। फिर पात्र से धौति के एक छोर को उठा लेना चाहिए और उसे दोनों तरफ से मोड़ देना चाहिए जिससे वह तीरनुमा नुकीला हो जाएगा। इसके पश्चात् इसे मुंह में डालकर जीभ के सहारे निगलने का प्रयास करना चाहिए। बीच में पानी के घूंट पी लेना चाहिए। जिससे वस्त्र आसानी से कंठ से नीचे चला जाए।

 

 

  • यहाँ थोड़े धैर्य एवं सतर्कता की आवश्यकता होती है। धीरे-धीरे निगलने का प्रयास करना चाहिए। प्रारंभ में थोड़ी परेशानी होती है। वस्त्र धौति निगलते समय ध्यान रखें कि गले में ही वस्त्र का गुच्छा न बन जाए। प्रारंभ में कुछ दिन थोड़ा-थोड़ा वस्त्र निगलने का अभ्यास करें। प्रारंभ में अभ्यास न होने के कारण गले में अलग सा अनुभव होता हैजैसे कुछ अटक गया होखांसी आ सकती है। हो सकता है कि वमन करने का मन हो । इस स्थिति में स्वयं पर नियंत्रण रखें। प्रथम दिन हो सकता है कि थोड़ा भी कपड़ा अन्दर न जाए। एक-दो दिन के अभ्यास के बाद एक फुट कपड़ा अन्दर चला जाएगाउसे पुनः निकाल देते हैं।

 

  • कुछ ही दिनों में कपड़े की अन्दर निगलने की लम्बाई बढ़ती जाएगी। इस प्रकार धीरे-2 अभ्यास करते-करते वस्त्र धौति होने लगेगी जब वस्त्र एक हाथ बचे तब उसे बाहर निकाल देना चाहिए। बाहर निकालते समय किसी प्रकार की हड़बड़ी एवं जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।

 

वस्त्र धौति के लाभ

 

  • वस्त्र धौति के अभ्यास में कफबलगम से निवृत्ति मिलती है। दमा के रोगियों के लिए वस्त्र धौति का अभ्यास रामबाण की तरह है। चर्मरोगों में भी यह परम लाभकारी है।

 

वस्त्र धौति में सावधानियाँ

 

  • इसका अभ्यास स्वयं नहीं करना चाहिए। किसी योग्य मार्गदर्शक के निर्देशन में ही इसे सम्पन्न करना चाहिए। 
  • आमाशयिक व्रण में इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।

 

दंत धौति क्या होती है 

 

प्रतिदिन प्रातः और सायंकाल दांतों की मालिश और सफाई करनी चाहिए। जल और तेल दोनों में बारीक सेंधा नमक और सरसों का तेल मिलाकर दांत और मसूढ़ों की मालिश से पायरिया और अन्य दंत रोग दूर हो जाते हैं। दांत मजबूत और श्वेत होते हैं ।

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