विश्रामात्मक आसन -शवासन मकरासन | Vishramatmak Aasan
विश्रामात्मक आसन
विश्रामात्मक आसन
विश्रामात्मक आसनों का भी अन्य आसनों की भांति बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान है क्योंकि इनके अभ्यास से व्यक्ति शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रुप से भी अपने आपको हल्का एवं ऊर्जावान अनुभव करता है।
विश्रामात्मक आसनों में आप निम्न प्रमुख आसनों का अध्ययन यहाँ करेंगे-
- i) शवासन
- ii) मकरासन
1) शवासन
शवासन विधि
- पीठ के बल सीधा लेट जाएँ।
- पैरों में थोड़ी दूरी रखकर सीधा फैला लें। दोनों हाथ धड़ के पास रखें, हथेली खुली हुई आकाश की ओर अंगुलियां थोड़ी मुड़ी हुई हों।
- आंखें बंद कर लें और श्वास सामान्य रखें
- अपने शरीर की सभी मांसपेशियाँ, नस-नाड़ियाँ अंग-प्रत्यंग को ढीला छोड़ दें ।
- पैर के अंगूठे से लेकर पिंडली, घुटना, जंघा, छाती, पेट, हाथ, गर्दन, मुँह और सिर, शरीर के प्रत्येक भाग पर क्रम से ध्यान केन्द्रित करने का प्रयास करें ।
- ऐसा करने से शरीर के सभी अंग आराम का अनुभव करेंगे।
- बाद में दोनों हाथ आपस में रगड़ें और आँखों पर हल्का स्पर्श करें और धीरे-धीरे आँखें खोल दें ।
शवासन के लाभ
- इस आसन के अभ्यास से शरीर की सभी मांसपेशियों, रक्त नलिकाओं, नस-नाड़ियों और प्रत्येक अंग को संपूर्ण विश्राम मिलता है और अधिक काम करने से जो थकावट होती है, वह भी दूर हो जाती है।
- मानसिक तनाव और उच्च रक्तचाप दूर होता है।
- हृदय और मस्तिष्क में पुनर्वृद्धि होती है ।
- अनिद्रा के रोगियों के लिए यह बहुत लाभकारी आसन है। डर, चिन्ता और पीड़ा की स्थिति से मन को शान्ति मिलती है ।
- पीठ के बल लेटकर किये जाने वाले आसनों में शवासन में ही विश्राम किया जाता है।
मकरासन (पेट के बल लेटकर की जाने वाली क्रियाएं)
मकरासन विधि
- पेट के बल लेटें,
- बायाँ हाथ दाएं हाथ के साथ चित्रानुसार मिलाकर अपना मस्तक उसके ऊपर रखें;
- पैर सुविधापूर्वक दूर से दूर खुले हुए रखें। एड़ियां अंदर की ओर हों और पंजे बाहर की ओर;
- छाती को जमीन से थोड़ा उठाकर रखें;
- पेट पर हल्का-सा दबाव रखें;
- शरीर का संतुलन बिल्कुल मध्य में रहे;
- सांस की सामान्य गति रखें;
- इस स्थिति में 5-7 मिनट तक विश्राम कीजिए ।
- पेट के बल लेटकर किये जाने वाले आसनों के बाद मकरासन में ही विश्राम किया जाता है।
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