ग्रामीण साख क्या है? इसमें नाबार्ड की भूमिका की समीक्षा कीजिए ?What is Rural Credit?
ग्रामीण साख क्या है? इसमें नाबार्ड की भूमिका की समीक्षा कीजिए ?
ग्रामीण साख क्या है? इसमें नाबार्ड की भूमिका की समीक्षा कीजिए ?
उत्तर-
- ग्रामीण साख से आशय ऐसी साख से है जो विशेषकर ग्रामीण कृषकों को कृषि कार्य सामाजिक दायित्व हेतु ऋण संख्यागत एवं असंख्यागत प्राप्त करने को ग्रामीण साख कहते हैं। जो बैंकों, व्यापारियों, साहूकारों मित्रों, रिश्तेदारों एवं एजेंडों से प्राप्त करते हैं, जिसमें नाबार्ड की भूमिका निम्न प्रकार से है वित्तीय समावेशन और कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह की धारा को तीव्र करने के प्रयासों के तहत ही 12 जुलाई, 1982 को नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि तथा ग्रामीण विकास बैंक) का गठन किया गया। इसके अलावा सरकार ने नाबार्ड की अधिकृत पूँजी को भी बढ़ाकर 3000 करोड़ रुपये कर दिया, जिससे अधिकतम कृषको की ऋण आवश्यकता की पूर्ति की जा सके।
- नाबार्ड ग्रामीण ऋण ढांचे के अन्तर्गत एक शीर्ष संस्था है। इसके द्वारा अनेक वित्तीय संस्थाओं को ग्रामीण ऋण व्यवस्था के लिए पुनर्वित्त सुविधाएं प्रदान की जाती है। ये संस्थाएँ हैं- राज्य भूमि विकास बैंक, राज्य सहकारी बैंक, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक आदि। अपनी ऋण सम्बंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नाबार्ड भारत सरकार, विश्व बैंक तथा अन्य एजेंसियों से सहायता प्राप्त करता है।
- नाबार्ड के द्वारा प्रदान ऋण का प्रमुख जोर निम्न पर है खेतिहर मजदूरों सहित किसानों को सतत जीविका के लिए साधन सुनिश्चित करना। तकनीकी परिवर्तनों के जरिए उत्पादकता बढ़ाना जिससे कि कृषकों की आय बेहतर जीवन स्तर को प्राप्त करने लायक हो । ऋण प्रौद्योगिकी, विपणन और बाजार सुविधाओं तक पहुँच बढ़ाने के लिए विभिन्न संस्थाओं की स्थापना।
- समाज के वंचित वर्गों की सामाजिक सुरक्षा और जोखिम निवारण के उपाय। साथ ही स्वास्थ्य, सफाई, पेयजल और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं को पूरा करना ।
Post a Comment