योग सम्पूर्ण अध्ययन |
योग का अर्थ परिभाषा |
योग की उत्पत्ति, इतिहास एवं विकास |
यौगिक ग्रंथों का सामान्य परिचय |
योग की प्रमुख परम्परायें, योग की उपयोगिता एवं
महत्व |
योग अस्तित्व की अवधारणा |
दर्शन काल में योग का अस्तित्व |
आधुनिक काल में योग का अस्तित्व |
योग में वर्णित ईश्वर का स्वरूप |
यौगिक जीवन दर्शनः पुरूषार्थ का अर्थ एवंव्याख्या |
भारतीय संस्कृति की अवधारणाः आश्रम व्यवस्था |
विवेक वैराग्य, षद्सम्पति और मुमुक्षुत्व |
जीवन मूल्य, जीवन मूल्यों की स्थापना |
श्रीमद् भागवत गीता के अनुसार कर्मयोग |
भारतीय परम्परा में योग का स्वरूप |
पातंजल योगसूत्र |
योगसूत्र के अनुसार योग की परिभाषा |
अष्टांग योग |
प्रणायाम का अर्थ एवं लाभ |
हठयोग का अर्थ परिभाषा |
सात चक्रों का विवरण |
कुंडलिनी, प्रमुख नाड़ियां |
हठयोग के अंग, षट्कर्म धौति |
हठयोग अभ्यास, अन्य यौगिक परम्परायें |
योगसाधना में विघ्न |
यौगिक अभ्यास के पूर्व की जाने वाली तैयारियां |
योग अभ्यास कैसे करायेंगे |
षट्कर्म क्या है अवधारणा |
दण्ड धौति की विधि लाभ सावधानियाँ |
वस्त्र धौति विधि लाभ सावधानियां |
शंख प्रक्षालन एवं आसन |
नेति क्रिया |
त्राटक क्रिया |
नौलि क्रिया |
कपाल भाति, कपाल का अर्थ |
यौगिक सूक्ष्म अभ्यास, योग का महत्व |
पवनमुक्तासन श्रेणी-1 |
हाथों के संधि संचालन के अभ्यास |
पवनमुक्तासन श्रेणी-2 |
पवन मुक्तासान श्रेणी-3 |
योग के विशेष अभ्यास- तड़ासन आदि |
बुद्धि तथा धृत शक्ति विकासक योग |
विश्राामात्मक आसन |
ध्यानात्मक आसन |
आसन क्या होते हैं |
सूर्यनमस्कार |
आसनों की श्रेणियां |
योग के प्रमुख आसन |
प्रमुख योगासान नाम विधि और लाभ |
प्रणायाम अर्थ एवं व्याख्या |
प्रणायाम के प्रकार |
योग में मुद्रा का अर्थ एवं प्रकार |
हठयोग मुद्रा प्रकार विधि एवं लाभ |
योग में मुद्रा बन्ध |
ध्यान साधना, मंत्र शिक्षा |
योग निद्रा |
स्वर्शन ध्यान साधना अभ्यास |
योग दिवस 2021 |
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