ऐतिहासिक व्यक्तित्व: अश्वघोष का जीवन परिचय |Aśvaghoṣa Short Biography in Hindi
ऐतिहासिक व्यक्तित्व: अश्वघोष का जीवन परिचय (Aśvaghoṣa Short Biography in Hindi)
ऐतिहासिक व्यक्तित्व: अश्वघोष का जीवन परिचय
अश्वघोष की ख्याति महान कवि, दार्शनिक, नाटककार, संगीतकार आदि के रूप में बहुत अधिक है. अश्वघोष सातवाहन शासक यज्ञ श्री शातकर्णी का समकालीन थे. वे कनिष्क प्रथम (78 ई.) की राजसभा में निवास करते थे. अश्वघोष अयोध्या के निवासी थे. इस महान लेखक को मगध पर आक्रमण करके कनिष्क अपने दरबार में लाया था.
अश्वघोष के बारे में महत्प्रवपूर्मुण जानकारी
- संस्कृत के कवियों में अश्वघोष का नाम सर्वप्रथम उल्लेखनीय है.
- अश्वघोष उन लेखकों में से हैं, जिन्होंने बौद्ध धर्म के बारे में कई ग्रंथ लिखे हैं, जिनसे बौद्ध धर्म की जानकारी प्राप्त होती है.
- इनके नाटक ताड़-पत्र पर लिखित पांडुलिपियों में प्राप्त हुए हैं.
- उन्होंने बौद्ध धर्म के नवीन रूप (महायान) के जन-जन में प्रचार के लिए नाट्य नृत्य तथा संगीत के माध्यम से अपनी रचनाओ का गायन और मंचन भी किया था.
- चीनी परम्परा के अनुसार अवश्घोष कनिष्क के समकालीन थे.
- प्रोफेसर जोंसटन महोदय ने 'बुद्ध चरित' के अंग्रेजी अनवाद की भूमिका में लिखा है कि अश्वघोष का जन्म 50 ई. 100 ई. के बीच हुआ था.
अश्वघोष की कतिपय प्रसिद्ध रचनाएँ निम्नांकित हैं
बुद्ध चरित इस ग्रंथ में 97 सग - (अध्याय) में बुद्ध की जीवन गाथा है. इसमें महात्मा बुद्ध के जीवन के बारे में बताया गया है.
सौंदरानंद-
इस ग्रंथ में 18 सर्गो (अध्याय) में 'बुद्ध' 'के चचेरे भाई सौंदरानंद के बौद्ध संघ में प्रवेश लेने का उल्लेख है.
शारिपुत्र प्रकरण -
इसके 8 सर्गे (अध्याय) में लिखित बुद्ध के शिष्य शारिपुत्र के बौद्ध धर्म में दीक्षा लेने का वर्णन मिलता है. यह ग्रंथ मध्य एशिया से प्राप्त हुआ तथा भारतीय साहित्य का प्रथम अधूरा नाटक है.
महायान श्रद्धोत्पाद-
यह महायान बौद्ध धर्म का एक दार्शनिक ग्रंथ है. इसका मूल संस्कृत रूप प्राप्त नहीं है. इसके दो चीनी संस्करण उपलब्ध हैं.
सूत्रालंकार
यह पाली की संदुर जातक कथाओं का संग्रह है. इस समय यहमूल संस्कृत रूप में नहीं मिलता है. परन्तु इसका चीनी रूप उपलब्ध है और उसी पर आधारित फ्रांसीसी अनवाद भी मिलता है.
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