डीवी का आधुनिक शिक्षा पर प्रभाव | Effect of DV on Modern Education
डीवी का आधुनिक शिक्षा पर प्रभाव
डीवी का आधुनिक शिक्षा पर प्रभाव
डीवी के विचारों का आधुनिक शिक्षा पर व्यापक प्रभाव है। आधुनिक शिक्षा पर डीवी के प्रभाव को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है-
1. शिक्षा के उद्देश्य पर प्रभाव -
प्रजातांत्रिक मूल्यों का विकास आधुनिक शिक्षा का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। सामाजिक गुणों का विकास भी डीवी के कारण शिक्षा में महत्वपूर्ण माना जाने लगा।
2. शिक्षण विधि पर प्रभाव -
आधुनिक शिक्षण विधि पर डीवी के विचारों का व्यापक प्रभाव पड़ा। शिक्षा बच्चे के अनुभव पर आधारित होनी चाहिए। बच्चे की क्षमता, रूचि एवं रूझान के अनुसार शिक्षण विधि बदलनी चाहिए। इन विचारों ने आधुनिक शिक्षण विधि को प्रभावित किया। एक्टीविटी स्कूल' इसी का परिणाम है।
प्रोजेक्ट विधि भी डीवी के विचारों का ही फल है। दूसरे विद्यालयों में भी बच्चे के मनोविज्ञान पर ध्यान दिया जाने लगा साथ ही बच्चों में सामाजिक चेतना के विकास का भी प्रयास किया जाता है।
3. पाठ्यचर्चा पर प्रभाव -
डीवी क अनुसार मानव श्रम को पाठ्यचर्चा में स्थान दिया जाना चाहिए यह शिक्षा का एक महत्वपूर्ण पक्ष बन गया। विभिन्न तरह के खेलों, वस्तुओं, विभिन्न उपकरणों के उपयोग पर आज अधिक जोर दिया जाता है। पढ़ाये जाने हेतु विषयों के चलन में भी बच्चे की रूचि एवं क्षमता पर अधिक ध्यान दिया जाता है।
4. अनुशासन पर प्रभाव-
आज बच्चों को विद्यालय में अधिक से अधिक जिम्मेदारियाँ सौपी जाती हैं ताकि उनमें आत्म नियंत्रण और प्रजातांत्रिक नागरिकता के गुणों का विकास हो सके। जिम्मेदारी बच्चे को सही ढंग से सोचने एवं कार्य करने की प्रवृत्ति को बढ़ाता है।
5. सार्वजनीन शिक्षा -
डीवी के आदर्शों एवं विचारों ने सार्वजनिक एवं अनिवार्य शिक्षा की माँग को बल प्रदान किया। हर व्यक्ति को शिक्षा के द्वारा अपने व्यक्तित्व के विकास का अवसर मिलना चाहिए । इस सिद्धान्त को सर्वत्र मान्यता मिल गयी । वर्तमान वैज्ञानिक एवं सामाजिक रूझान की जड़ें डीवी के विचारों में है। उन्होंने शिक्षा को सामाजिक आवश्यकता बताया यह जीने की तैयारी नहीं स्वयं जीवन है । यह व्यक्ति एवं समाज दोनों का विकास करता है। इससे व्यक्ति का समग्र विकास होता है।
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