MP Current Affairs in Hindi : शिवपुरी की सांख्य सागर झील को रामसर साइट का दर्जा

 MP Current Affairs in Hindi :  शिवपुरी की सांख्य सागर झील को रामसर साइट का दर्जा



सांख्य सागर झील को रामसर साइट का दर्जा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शिवपुरी की सांख्य सागर झील को रामसर साइट का दर्जा मिलने पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी है। यह प्रदेश में भोजताल, भोपाल के बाद दूसरी रामसर साइट है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सोशल मीडिया में जारी संदेश में कहा कि -''सांख्य सागर झील को यह दर्जा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में जैव विविधता पर्यावरण-संरक्षण के प्रयासों का पारितोषिक है।''

सांख्य सागर झील 

  • सांख्य सागर झील  और माधव सागर झील को 1918 में मनीय्यर नदी से बनाया गया था।
  • यह झील माधव राष्‍ट्रीय पार्क के पास में ही स्थित है।
  • यह झील माधव राष्‍ट्रीय पार्क के आसपास की जैव विविधता को बनाएं रखता है।
  • यह पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है जहां कई वन्‍यजीव और चिडि़यां व सरीसृप सौहार्दपूर्वक रहते है।
  • सांख्य सागर  झील में बोट क्‍लब भी है जिसे सेलिंग क्‍लब के नाम से जाना जाता है। यह नाव, पर्यटकों को इस झील में शांत जल में सैर करने का अवसर प्रदान करता है। 


रामसर कन्वेंशन क्या है 

  • यह कन्वेंशन 1975 में लागू हुआ।
  • कन्वेंशन का मिशन- "सतत् विकास लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करते हुए स्थानीय और राष्ट्रीय कार्यों एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से विश्व में सभी आर्द्रभूमियों का संरक्षण और बुद्धिमत्तापूर्ण उपयोग" करना।


कन्वेंशन के तीन स्तंभ हैं:

  1. सभी आर्द्रभूमियों के विवेकपूर्ण उपयोग की दिशा में कार्य करें।
  2. अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि ("रामसर सूची") की सूची के लिये उपयुक्त आर्द्रभूमि को नामित करें और उनका प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करें।
  3. अंतर्राष्ट्रीय आर्द्रभूमि, साझा आर्द्रभूमि सिस्टम और साझा प्रजातियों पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग करें।          

 

आर्द्रभूमि क्या हो ती  हैं?

  • आर्द्रभूमि ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ जल पर्यावरण और संबंधित पौधे व पशु जीवन को नियंत्रित करने वाला प्राथमिक कारक है।
  • आर्द्रभूमि को इस प्रकार परिभाषित किया गया है: "स्थलीय और जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के बीच संक्रमणकालीन भूमि जहाँ जल आमतौर पर सतह पर होता है या भूमि उथले पानी से ढकी होती है"।


आर्द्रभूमि के कितने प्रकार की होती है?

तटीय आर्द्रभूमि: 

  • तटीय आर्द्रभूमि भूमि और खुले समुद्र के बीच के क्षेत्रों में पाई जाती है जो तटरेखा, समुद्र तट, मैंग्रोव और प्रवाल भित्तियों की तरह नदियों से प्रभावित नहीं होते हैं।
  • इसका एक अच्छा उदाहरण उष्णकटिबंधीय तटीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले मैंग्रोव दलदल हैं।

उथली झीलें और तालाब:

  •  ये आर्द्रभूमियाँ स्थायी या अर्द्ध-स्थायी पानी वाले क्षेत्र हैं जिनमें कम प्रवाह होता है। इनमें तालाब, स्प्रिंग पूल, साल्ट लेक और ज्वालामुखी क्रेटर झीलें शामिल हैं।

दलदल: 

  • ये जल से संतृप्त क्षेत्र या पानी से भरे क्षेत्र होते हैं और गीली मिट्टी की स्थिति के अनुकूल जड़ी-बूटियों वाली वनस्पतियाँ इनकी विशेषता होती है। दलदल को आगे ज्वारीय दलदल और गैर-ज्वारीय दलदल के रूप में जाना जाता है।

स्वैंप्स: 

  • ये मुख्य रूप से सतही जल द्वारा पोषित होते हैं तथा यहाँ पेड़ व झाड़ियाँ पाई जाती हैं। ये मीठे पानी या खारे पानी के बाढ़ के मैदानों में पाए जाते हैं।

बॉग्स: 

  • दलदल पुराने झील घाटियाँ या भूमि में जलभराव वाले गड्ढे हैं। इसमें लगभग सारा पानी वर्षा के दौरान जमा होता है।

मुहाना: 

  • जहाँ नदियाँ समुद्र से मिलती हैं वहाँ जैव विविधता का एक अत्यंत समृद्ध मिश्रण देखने को मिलता है। इन आर्द्रभूमियों में डेल्टा, ज्वारीय मडफ्लैट्स और नमक के दलदल शामिल हैं।

No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.