पिंगली वेंकैया जिन्होंने तैयार की थी तिरंगे की डिजाइन |Pingali Venkayya Jyanti Vishesh
पिंगली वेंकैया जिन्होंने तैयार की थी तिरंगे की डिजाइन
पिंगली वेंकैया जिन्होंने तैयार की थी तिरंगे की डिजाइन
जन्म 02 अगस्त, 1876
मृत्यु 04 जुलाई, 1963
- 02 अगस्त, 1876 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले में जन्मे पिंगली वेंकैया ने प्रारंभिक शिक्षा भटाला पेनमरू और मछलीपट्टनम में प्राप्त की तथा 19 वर्ष की आयु में उन्होंने अफ्रीका में एंग्लो-बोअर युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना में सैनिक के रूप में कार्य किया। इसी युद्ध के दौरान दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए वे गांधी जी से मिले एवं उनसे काफी प्रभावित हुए। अफ्रीका से लौटने के बाद पिंगली वेंकैया ने अपना अधिकांश समय कृषि और कपास की खेती पर शोध करते हुए बिताया। उन्होंने लाहौर के एंग्लो वैदिक स्कूल में संस्कृत, उर्दू और जापानी का अध्ययन भी किया।
- वर्ष 1918 तथा वर्ष 1921 के बीच पिंगली वेंकैया ने काॅन्ग्रेस के लगभग प्रत्येक अधिवेशन में एक ध्वज की मांग का आह्वान किया। राष्ट्रीय ध्वज की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए वर्ष 1921 में राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस की एक बैठक में गांधी जी ने वेंकैया से नए सिरे से डिज़ाइन तैयार करने को कहा।
- प्रारंभ में वेंकैया ने ध्वज में केवल लाल और हरे रंग का ही प्रयोग किया था, जो क्रमशः हिंदू तथा मुस्लिम समुदायों का प्रतिनिधित्व करते थे। किंतु बाद में इसके केंद्र में एक चरखा और तीसरे रंग (सफेद) को भी शामिल किया गया। वर्ष 1931 में भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस द्वारा इस ध्वज को आधिकारिक तौर पर अपनाया गया। 04 जुलाई, 1963 को पिंगली वेंकैया की मृत्यु हो गई।
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