विश्व जैव ईंधन दिवस 2024 :इतिहास उद्देश्य अन्य जानकारी |World Biofuel Day 2024: History Purpose in Hindi
विश्व जैव ईंधन दिवस 2024 :इतिहास उद्देश्य अन्य जानकारी
विश्व जैव ईंधन दिवस 2024 :इतिहास उद्देश्य अन्य जानकारी
ईंधन के अपरंपरागत स्रोतों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 अगस्त को ‘विश्व जैव ईंधन दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस पांरपरिक जीवाश्म ईंधनों के विकल्प के रूप में गैर-जीवाश्म ईंधनों के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाता है तथा जैव ईंधन क्षेत्र में सरकार द्वारा किये गए विभिन्न प्रयासों पर प्रकाश डालता है।
विश्व जैव ईंधन दिवस 10 अगस्त को क्यों मनाया जाता है ?
10 अगस्त को विश्व जैव ईंधन दिवस के रूप में चिह्नित किया जाता है क्योंकि इसी दिन वर्ष 1893 को डीज़ल इंजन के आविष्कारक ‘सर रूडोल्फ डीज़ल’ ने पहली बार मूँगफली के तेल से यांत्रिक इंजन को कुशलतापूर्वक चलाया था। उन्होंने अपने प्रयोग के माध्यम से भविष्यवाणी की थी कि वनस्पति तेल आने वाले समय में यांत्रिक इंजनों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण हो जाएगा। यह दिवस उनके प्रयोग के महत्त्व को मान्यता देता है।
भारत में इस दिवस को पहली बार वर्ष 2015 में पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था। भारत में ‘जैव ईंधन विकास कार्यक्रम’ सरकार के अन्य कार्यक्रमों जैसे- स्वच्छ भारत अभियान और आत्मनिर्भर भारत अभियान आदि के साथ समन्वय से आगे बढ़ रहा है। चूँकि दुनिया भर में संसाधन सीमित हैं, ऐसे में ऊर्जा की बढ़ी हुई मांग, आपूर्ति सुरक्षा के लिये खतरा उत्पन्न करेगी। ऐसी स्थिति में जैव ईंधन जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम करके ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं।
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