चवालीसवें (44वें) संविधान संशोधन द्वारा आपातकालीन प्रावधानों में क्या परिवर्तन किए गए? व्याख्या कीजिए? | 44 Amendment in Hindi
चवालीसवें (44वें) संविधान संशोधन द्वारा आपातकालीन प्रावधानों में क्या परिवर्तन किए गए? व्याख्या कीजिए?
चवालीसवें (44वें) संविधान संशोधन द्वारा आपातकालीन प्रावधानों में क्या परिवर्तन किए गए? व्याख्या कीजिए? MPPSC 2014
उत्तर-
चवालीसवें संविधान (संशोधन) अधिनियम, 1978 इस संशोधन द्वारा सम्पत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर केवल संवैधानिक अधिकार बना दिया गया। संविधान के इस संशोधन द्वारा अनुच्छेद-352 के अंतर्गत आपात उपबंधों में आंतरिक अव्यवस्था के स्थान पर सशस्त्र विद्रोह शब्द का प्रयोग किया गया। अनुच्छेद-74 में यह उपबंध जोड़ा गया कि राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद से किसी परामर्श पर साधारण रूप से या पुनर्विचार करने की अपेक्षा करेगा और राष्ट्रपति ऐसे पुनर्विचार के पश्चात् दिए गए परामर्श के कार्य करेगा।
अनुच्छेद 356 को संशोधित करके किसी भी राज्य में राष्ट्रपति द्वारा प्रशासन की अवधि, एक समय में एक वर्ष से घटाकर 6 महीने कर दी गई। छठी लोकसभा चुनाव के दौरान जनता पार्टी ने घोषणापत्र में कहा था कि वह 42वें संवैधानिक संशोधन के प्रावधानों को रद्द कर देगी लेकिन सत्ता में आने के पश्चात् इसे रद्द करने के बजाए इसके संदर्भ में गुणावगुण के आधार पर व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया गया।
42वें संशोधन की कुछ बातें 43वें संशोधन (1977) और कुछ 44वें संशोधन (1979) में रद्द की गई। कुल मिलाकर 44वें संवैधानिक संशोधन द्वारा भारतीय संविधान को फिर से सामान्य स्थिति में लाने का प्रयास किया गया है।
Post a Comment