भारत में लोकतंत्र की कार्यप्रणाली का विश्लेषण कीजिए ? | Democracy System Analysis in Hindi

भारत में लोकतंत्र की कार्यप्रणाली का विश्लेषण कीजिए ।

भारत में लोकतंत्र की कार्यप्रणाली का विश्लेषण कीजिए ? | Democracy System Analysis in Hindi
 

भारत में लोकतंत्र की कार्यप्रणाली का विश्लेषण कीजिए ?

उत्तर- 

भारत का लोकतंत्र विकास की दृष्टि से अभी सिर्फ 70-75 वर्ष पुराना ही है। लेकिन भारत में लोकतंत्र की जड़ें सदियों पुरानी हैं । स्वतंत्रता प्राप्ति से वर्तमान समय तक भारत के लोकतंत्र की कार्यप्रणाली को हम निम्न बिन्दुओं में देख सकते हैं।

 

1. समानता व स्वतंत्रता-

भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली अपने संवैधानिक आदर्शों के अनुरूप समानता व स्वतंत्रता पर आधारित है। यहाँ लोकतांत्रिक प्रणाली में समानता को तो सुनिश्चित किया ही गया हैसाथ ही वंचित वर्गों को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है।

 

2. व्यापक भागीदारी - 

भारतीय लोकतांत्रिका प्रणाली में व्यापक मताधिकार के द्वारा सभी नागरिकों को लोकतांत्रिक प्रणाली में भाग लेने के अवसर दिए गए हैं।

 

3. क्षेत्रीय भावनाओं को अवसर-

भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली का अन्य प्रमुख पहलू यह है कि यहाँ क्षेत्रीय भावनाओं को दलीय आधार पर लोकतांत्रिक प्रणाली में अवसर प्राप्त होता है। 


4. चुनौतियों में भी स्थिर - 

भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली के सामने स्थिरता की समस्या लगभग 1980 के दशक से ही रही हैलेकिन फिर भी भारतीय लोकतंत्र इन चुनौतियों में भी स्थिर है व विकास की ओर अग्रसर है।

 

5. विकास में बाधाएँ

यदि भारतीय लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली पर दृष्टि डालें तो हमें यह ज्ञात होगा कि यहाँ अक्सर दलगत आधार पर विकास नीतियों व योजनाओं पर अवसरवाद हावी हो जाता है।

 

6. गरीबी व अभाव - 

भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली ने विकास का अपना मुख्य ध्येय घोषित किया हैलेकिन फिर भी व्यापक गरीबी व अभाव लोकतंत्र की सफलता के लिए समस्याएँ पैदा करते हैं।

 

7. आन्तरिक व बाह्य असंतोष-

भारतीय राजनीतिक प्रणाली के समक्ष सम्प्रदायिकताक्षेत्रवादभाषावाद, नस्लवाद तथा आतंकवाद जैसी चुनौतिया इसकी लोकतांत्रिक प्रणाली पर प्रभाव डालती है।

 

8. केन्द्र व राज्यों में तनाव 

भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली में केन्द्र व राज्यों के बीच शक्तियों का बँटवारा भी अक्सर लोकतंत्र के लिए चुनौती उत्पन्न करता है।

 

उपरोक्त विश्लेषण से स्पष्ट है कि भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली जहाँ तमाम चुनौतियों से दो-चार हैवहीं इसने अपने संक्षिप्त इतिहास में आशाजनक सफलताएँ भी अर्जित की हैं। अतः हम कह सकते हैं कि भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली का भविष्य उज्जवल है।

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