चेन्नई में आम लोगों द्वारा प्रतिवर्ष 22 अगस्त को ‘मद्रास दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस, चेन्नई शहर में रहने वाले लोगों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इसी दिन वर्ष 1639 में मद्रास शहर की स्थापना की गई थी।
गौरतलब है कि22 अगस्त, 1639 को मद्रासपट्टनम गाँव को ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ ने स्थानीय शासकों से खरीद लिया था। यद्यपि इस सौदे की सही तिथि को लेकर कुछ विवाद रहे हैं, किंतु 22 अगस्त को सबसे उपयुक्त तारीख माना जाता है।
यह समझौता ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी ‘फ्रांसिस डे’ और तत्कालीन स्थानीय शासकों के बीच हुआ था। धीरे-धीरे इस क्षेत्र और इसके आसपास के क्षेत्र में लोगों की आबादी बढ़ने लगी तथा कुछ समय बाद आसपास के गाँवों को भी ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा खरीद लिया गया। इस नए और पुराने क्षेत्र को मिलाकर एक नए मद्रास शहर की स्थापना की गई।
‘मद्रास दिवस’ की अवधारणा की संकल्पना वर्ष 2004 में चेन्नई के पत्रकार ‘विन्सेंट डिसूज़ा’ ने की थी। उन्होंने चेन्नई हेरिटेज फाउंडेशन के ट्रस्टियों की एक बैठक के दौरान शहर के प्रसिद्ध इतिहासकार ‘एस. मुथैया’ को यह विचार दिया और इसके बाद ‘मद्रास दिवस’ को आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
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