पोषण अभियान मिशन |पोषण वाटिका क्या है | Poshan Abhiyaan Mission Kya Hai
पोषण अभियान मिशन , पोषण वाटिका क्या है
पोषण अभियान मिशन की जानकारी
- यह ‘एकीकृत बाल विकास सेवा’ (ICDS) (आँगनवाड़ी सेवाएँ, पोषण अभियान, किशोरियों के लिये योजना, राष्ट्रीय शिशु गृह योजना) को कवर करने वाली एक अम्ब्रेला योजना है।
- केंद्रीय बजट 2021-22 में पूरक पोषण कार्यक्रमों और पोषण अभियान को मिलाकर इसकी घोषणा की गई थी।
- इसे देश में स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के साथ-साथ रोग एवं कुपोषण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने वाली पोषण प्रथाओं पर नए सिरे से ध्यान देने के साथ पोषण सामग्री, वितरण, आउटरीच और मज़बूत परिणाम प्राप्त करने के लिये लॉन्च किया गया था।
पोषण माह के बारे में जानकारी
- बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिये पोषण संबंधी परिणामों में सुधार हेतु सितंबर माह को वर्ष 2018 से पोषण माह के रूप में मनाया जाता है।
- इसमें प्रसवपूर्व देखभाल, इष्टतम स्तनपान, एनीमिया, विकास निगरानी, लड़कियों की शिक्षा, आहार, शादी की सही उम्र, स्वच्छता और स्वच्छ एवं स्वस्थ भोजन (फूड फोर्टिफिकेशन) पर केंद्रित एक महीने तक चलने वाली गतिविधियाँ शामिल हैं।
- ये गतिविधियाँ ‘सामाजिक एवं व्यवहार परिवर्तन संचार’ (SBCC) पर केंद्रित हैं और जन आंदोलन दिशा-निर्देशों पर आधारित हैं।
- SBCC का आशय मौजूदा ज्ञान, दृष्टिकोण, मानदंड, विश्वास और व्यवहार में परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिये संचार का उपयोग करने से है।
पोषण वाटिका क्या है
- इसका मुख्य उद्देश्य जैविक रूप से घर में उगाई गई सब्जियों और फलों के माध्यम से पोषण की आपूर्ति सुनिश्चित करना है ताकि मिट्टी भी स्वस्थ रहे।
- आँगनबाड़ियों, स्कूल परिसरों और ग्राम पंचायतों में उपलब्ध स्थानों में सभी हितधारकों द्वारा पोषण वाटिका के लिये वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा।
पोषण अभियान:
- 8 मार्च, 2018 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सरकार द्वारा राष्ट्रीय पोषण मिशन शुरू किया गया था।
- इसका उद्देश्य स्टंटिंग, अल्पपोषण, एनीमिया (छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोर लड़कियों में) और जन्म के समय कम वज़न को क्रमशः 2%, 2%, 3% और 2% प्रतिवर्ष कम करना है।
कुपोषण क्यों होता है ?
कुपोषण तब भी होता है जब
किसी व्यक्ति के आहार में पोषक तत्त्वों की सही मात्रा उपलब्ध नहीं होती है। विश्व
स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ के अनुसार, कुपोषण के तीन प्रमुख लक्षण हैं:
कम वज़न (Underweight)- अल्पपोषण:
इसमें वेस्टिंग (कद के अनुपात में कम
वज़न), स्टंटिंग (आयु के अनुपात
में कम लंबाई) और कम वज़न (आयु के अनुपात से कम वज़न) शामिल हैं।
सूक्ष्म पोषक-संबंधी (Micronutrient-Related):
इसमें सूक्ष्म पोषक
तत्त्वों की कमी (महत्त्वपूर्ण विटामिन और खनिजों की कमी) या सूक्ष्म पोषक
तत्त्वों की अधिकता शामिल है।
अधिक वज़न:
मोटापा और आहार
से संबंधित गैर-संचारी रोग (जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह और कैंसर)।
सतत् विकास लक्ष्य (SDG 2: ज़ीरो हंगर)
इसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक सभी प्रकार की भूख और कुपोषण को समाप्त करना है, थ ही यह सुनिश्चित करना कि सभी लोगों को विशेष रूप से बच्चों को पूरे वर्ष पर्याप्त और पौष्टिक भोजन उपलब्ध हो।
आहार एवं पोषण की अवधारणायें सम्पूर्ण अध्ययन के लिए यहाँ क्लिक करें
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