सरला ठुकराल का जन्म 8 अगस्त, 1914 को दिल्ली, ब्रिटिश भारत में हुआ था और बाद में वे वर्तमान पाकिस्तान में लाहौर चली गईं। वह एक भारतीय पायलट, डिज़ाइनर और उद्यमी थीं।
21 वर्ष की उम्र में एक पारंपरिक साड़ी पहने हुए उन्होंने अपनी पहली उड़ान भरी थी और अपनी पहली उड़ान के साथ उन्होंने इतिहास रच दिया था। सरला ठुकराल ने अपना प्रशिक्षण ‘लाहौर फ्लाइंग क्लब’ से प्राप्त किया था तथा इस प्रशिक्षण के दौरान सरला ठुकराल ने उड़ान के 1,000 घंटे पूरे करने का गौरव भी हासिल किया था, जिससे उन्हें ‘A’ श्रेणी का लाइसेंस प्राप्त हुआ था। इस तरह वह ‘A’ श्रेणी का लाइसेंस प्राप्त करने वाली देश की पहली महिला थीं।
द्वितीय विश्व युद्ध के कारण नागरिक उड्डयन प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने की योजनाओं में एक महत्त्वपूर्ण चुनौती उत्पन्न हुई, किंतु उन्होंने अपना शिक्षण जारी रखा और लाहौर के ‘मायो स्कूल ऑफ आर्ट्स’ (अब नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट्स) में ललित कला एवं चित्रकला का अध्ययन किया। इसके पश्चात् वह दिल्ली लौट आईं, जहाँ उन्होंने पेंटिंग जारी रखी और एक डिज़ाइनर के तौर पर सफल कॅरियर का निर्माण किया।
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