विश्व स्वास्थ्य संगठन के उद्देश्यों एवं कार्यों का वर्णन लिखिए? | WHO Work in Hindi
विश्व स्वास्थ्य संगठन के उद्देश्यों एवं कार्यों का वर्णन लिखिए?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के उद्देश्यों एवं कार्यों का वर्णन लिखिए?
डब्ल्यूएचओ के संविधान को 22 जुलाई, 1946 को स्वीकार किया गया और यह 7 अप्रैल 1948 से लागू हो गया। 15 नवंबर, 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन संयुक्त राष्ट्र का विशिष्ट अभिकरण बन गया। डब्ल्यूएचओ द्वारा जन स्वास्थ्य के अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय (1907 में स्थापित तथा राष्ट्र संघ से सम्बन्धित स्वास्थ्य संगठन) के कार्यों तथा संयुक्त राष्ट्र राहत एवं पुनर्वास प्रशासन (यूएनआरआरए) की गतिविधियों को भी हाथ में ले लिया गया। 194 (2013 के अनुसार) सदस्यों वाले विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्यालय जेनेवा में स्थित है।
डब्ल्यूएचओ का लक्ष्य सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य के उच्चतम संभवतः स्तर की प्राप्ति में सहायता प्रदान करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन को सर्वाधिक सफल संयुक्त राष्ट्र अभिकरणों में से एक माना जाता है। यह अंतरिम स्वास्थ्य कार्यों से सम्बन्धित समन्वयकारी प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है तथा स्वास्थ्य मामलों में सक्रिय सहयोग को प्रोत्साहित करता है। इसके कार्यक्रमों में स्वास्थ्य सेवाओं का विकास, रोग निवारण व नियंत्रण, पर्यावरणीय स्वास्थ्य का संवर्द्धन, स्वस्थ मानव शक्ति विकास तथा जैव चिकित्सा, स्वास्थ्य सेवाओं, शोध व स्वास्थ्य कार्यक्रमों का विकास एवं प्रोत्साहन शामिल है। डब्ल्यूएचओ सदस्य देशों को उन स्वास्थ्य सेवाओं के विकास में सहयोग प्रदान करता है जिनका लक्ष्य सभी के लिए स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करना, मातृ एवं बाल स्वास्थ्य को संवर्द्धित करना, परिवार नियोजन, पोषण, स्वास्थ्य शिक्षा व स्वास्थ्य अभियांत्रिकी स्वच्छ जलापूर्ति व सफाई व्यवस्था, संक्रामक रोगों की रोकथाम, दवाओं व टीकों का उत्पादन व गुणवत्ता नियंत्रण तथा शोध प्रोत्साहन इत्यादि होता है। संगठन स्वास्थ्य आँकड़ों के संग्रहण, विश्लेषण एवं वितरण में भी सहयोग करता है तथा रोग लक्षणों, बीमारियों व उपचारों के में सम्बद्ध में तुलनात्मक अध्ययनों को प्रायोजित करता है।
यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य सम्बन्धी मामलों में सिफारिशें प्रस्तुत करता है तथा विभिन्न संधियों, समझौतों व विनियमों का प्रस्ताव रखता है। यह रोगों की अंतर्राष्ट्रीय नामावली के समीक्षित व संशोधित करता है तथा खाद्य व औषधीय पदार्थों के अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण को विकसित एवं प्रोत्साहित करता है। पिछले वर्षों में संगठन द्वारा वर्ष 2000 तक सभी के लिए स्वास्थ्य नामक मुख्य सामाजिक लक्ष्य की प्राप्ति हेतु राष्ट्रीय, क्षेत्रीय व भूमंडलीय रणनीतियों को प्रोत्साहित किया गया। डब्ल्यूएचओ ने टीकाकरण कार्यक्रमों में विशेष सफलता अर्जित की है। छोटा चेचक टीकाकरण अभियान द्वारा छोटा चेचक को पूरी तरह उन्मूलित कर दिया गया है। संगठन एड्स विरोधी प्रयासों को भी समन्वित करता रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने कैंसर, हृदय रोग व मस्तिष्क शोथ जैसी गैर-संचारी बीमारियों के विषय में भी शोध कार्यों को सघन किया है। डब्ल्यूएचओ ने दस प्रमुख जानलेवा बीमारियों की पहचान की है जिनमें कैंसर, सेरिब्रोवैस्क्यूलर डिजीज, एक्यूट लोअर रेस्पायरेटरी इन्फेक्शन, पेरीनेटल कंडीशंस, टी.बी., कारोनरी हार्ट डिजीज, क्रानिक आबस्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, अतिसार, डेसेन्टरी तथा एड्स या एचआईवी शामिल है।
संगठन द्वारा अनिवार्य औषधि एवं टीका कार्ययोजना के अंतर्गत विकासशील देशों में प्रभावी व सुरक्षित औषधियों एवं टीकों के उत्पादन, चयन व गुणवत्ता नियंत्रण हेतु सहायता उपलब्ध कराई जाती है। 1990 में आरंभ किए गए पदार्थ दुरुपयोग कार्यक्रम का उद्देश्य मनोसक्रिय दवाओं एवं पदार्थों की माँग का घटना और नियंत्रित करना है।
डब्ल्यूएचओ संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय आधार पर स्वास्थ्य सहायता भी उपलब्ध कराता है। इस संगठन के प्रमुख अंगों में विश्व स्वास्थ्य सभा, कार्यकारी बोर्ड, क्षेत्रीय समितियाँ तथा सचिवालय सम्मिलित हैं। सभी सदस्यों के प्रतिनिधित्व वाली विश्व स्वास्थ्य सभा डब्ल्यूएचओ का राजनीतिक अंग है। यह संगठन की सभी दीर्घकालिक योजनाओं को स्वीकृति देती है तथा बजट एवं वार्षिक कार्यक्रम तैयार करती है। सभा द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य समझौतों की सिफारिश एवं अनुमोदन किया जाता है तथा तकनीकी स्वास्थ्य विनियमों को अंगीकृत किया जाता है। 32 सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड में सदस्य सरकारी प्रतिनिधियों के रूप में नहीं बल्कि अपनी व्यक्तिगत क्षमताओं के आधार पर कार्य करते हैं। वोर्ड की बैठक वर्ष में दो बार होती है तथा यह सभा का एजेंडा तैयार करता है और सभा के निर्णयों की क्रियान्वति पर निगरानी रखता है।
सचिवालयका प्रमुख एक महानिदेशक होता है, जिसकी सहायता के लिए एक उप-महानिदेशक एवं कई सहायक महानिदेशक होते हैं। डब्ल्यूएचओ एक अल्प केन्द्रीकृत संगठन है। इसके कार्यक्रम छह क्षेत्रीय संगठनों द्वारा लागू किए जाते हैं, जिनमें प्रत्येक का प्रमुख एक निदेशक होता है।
छह क्षेत्रीय संगठन एवं सम्बद्ध क्षेत्र इस प्रकार हैं
क्षेत्रीय संगठन
- दक्षिण-पूर्व एशिया
- पूर्वी भूमध्यसागर
- पश्चिमी प्रशांत अफ्रीका
- अमेरिका
- यूरोप
मुख्यालय
नई दिल्ली (भारत) अलेक्जेंड्रिया (मिस्र) मनीला (फिलीपीन्स) वाशिंगटन डीसी ब्रेजाविले (कांगो) कोपेनहेगन (डेनमार्क)
प्रतिवर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस, 31 मई को विश्व तंबाकू हीन दिवस, 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशाखोरी विरोध दिवस तथा 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।
WHO के प्रमुख कार्य निम्न हैं-
1. विश्व स्वास्थ्य से जुड़ी हुई अन्य अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों व संस्थाओं के बीच समन्वय स्थापित करना तथा उन्हें स्वास्थ्य संबंधित सहयोग व सलाह प्रदान करना।
2. विश्व में कुपोषण की समस्या से ग्रस्त देशों विशेषकर विकासशील देश अफ्रीका के देश आदि में उचित पोषण की उपलब्धता सुनिश्चित करना ।
3. विश्व के अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य संगठनों और संस्थाओं को तकनीकी और अनुसंधात्मक सहायता उपलब्ध कराना।
4. प्रमुख संक्रामक और असंक्रामक रोगों के उम्मूलन हेतु स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना और इन सेवाओं की प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँच सुनिश्चित कराना।
5. प्राकृतिक व मानवजन्य आपदाओं के कारण उत्पन्न होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के लिए राहत कार्य संचालित कराना और अन्य शारीरिक दुर्घटनाओं से शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावों को रोकना।
6. स्वस्थ देशों के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं व NGO को वित्तीय व तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना तथा जीवनरक्षक दवाइयाँ की पर्याप्तता सुनिश्चित कराना।
7. अफ्रीका के सहारा क्षेत्र में स्वास्थ्य से संबंधित अधिमानों व कार्यक्रमों की गति को तीव्र करना और ऐसे अन्य क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत तरीके से स्थापित करना ।
8. स्वास्थ्य में वृद्धि हेतु और रोगों के उन्मूलन के लिए उन्नत, वैज्ञानिक व अनुसंधात्मक कार्य करना तथा औषधि व दवाई निर्माता कंपनियों व संस्थानों को विविध बीमारियों के बचाव हेतु औषधि निर्माण में सहायता प्रदान करना।
9. उन सभी कार्यों व गतिविधियों को संपादित करना जो मानव स्वास्थ्य से जुड़े हैं तथा मानव स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।
उपरोक्त विवेचना से स्पष्ट है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन अंतर्राष्ट्रीय लोक स्वास्थ्य में वृद्धि हेतु स्थापित एक वैश्विक संस्था है। भारत जैसे देशों में इस वैश्विक संस्था के सहयोग से पोलियो, जैसी भयानक बीमारी को समाप्त कर दिया गया है और भारत एक पोलियो मुक्त देश बन गया है WHO के कारण अफ्रीका के उपसहारा क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाया है, लोगों के जीवनस्तर में वृद्धि हुई है व देशों की जीवन प्रत्याशा में वृद्धि संभव हुई है।
भारत सरकार द्वारा WHO की स्वास्थ्य संबंधित योजनाओं और कार्यक्रमों का पर्याप्त लाभ उठाया गया है और इन संगठनों द्वारा वित्तीय व स्वास्थ्य संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं व स्वस्थ भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान किया है।
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