जैव विविधता नियम 2004 |Biodiversity Rules 2004
जैव विविधता नियम 2004
जैव विविधता नियम 2004
1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ :-
(1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम जैव विविधता नियम, 2004 है।
(2) ये 15 अप्रैल, 2004 को प्रवृत होंगे।
2. परिभाषाएँ :-
इन नियमों में जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,
(क) “अधिनियम” से जैव विविधता अधिनियम, 2002 (2003 का 18) अभिप्रेत है;
(ख) “ प्राधिकरण” से धारा 8 की उपधारा (1) के अधीन स्थापित राष्ट्रीय जैव विविधता प्रबंध समिति अभिप्रेत है;
(ग) “जैव विविधता समिति” से स्थानीय निकाय द्वारा धारा 4 की उपधारा (1) के अधीन स्थापित कोई जैव विविधता प्रबंध समिति अभिप्रेत;
घ) “अध्यक्ष” से यथास्थिति राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण या राज्य जैव विविधता बोर्ड का अध्यक्ष अभिप्रेत है;
ङ) “ फ़ीस” से अनुसूची में नियत कोई फ़ीस अभिप्रेत है;
च) “प्ररूप” से इन नियमों से उपाबद्ध प्ररूप अभिप्रेत है;
छ) “सदस्य” से यथास्थिति राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण या राज्य जैव विविधता बोर्ड के सदस्य अभिप्रेत है; और जिसके अंतर्गत अध्यक्ष भी है;
ज) “धारा” से अधिनियम की धारा अभिप्रेत है;
झ) “सचिव” से प्राधिकरण का पूर्णकालिक सचिव अभिप्रेत है;
ञ) ऐसे शब्दों और पदों के जिनका प्रयोग किया गया है, किन्तो वे इन
नियमों में परिभाषित नहीं है और अधिनियम में परिभाषित है, वही अर्थ हैं जो
अधिनियम में हैं।
3. अध्यक्ष के चयन और नियुक्ति की रीति
1) प्राधिकरण के अध्यक्ष की नियुक्ति केंद्रीय सरकार द्वारा की जाएगी।
2) उपधारा (1) के अधीन अध्यक्ष की प्रत्येक नियुक्ति
केन्द्रीय सरकार से बाहर से प्रतिनियूक्ति के आधार की पर या चयन द्वारा की जाएगी।
प्रतिनियूक्ति के माध्यम से नियुक्ति की दशा में आवेदक भारत के अपर सचिव से नीचे की पंक्ति का नहीं होना
चाहिए।
4. अध्यक्ष की पदावधि
1) प्राधिकरण का अध्यक्ष तीन वर्ष की अवधि के लिए पद धारण करेगा और पूनार्नियूक्ति के लिए पात्र होगा।
2) परन्तु कोई अध्यक्ष 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर या उसकी पदावधि की सम्पति के पश्चात, जो भी पूर्वतर हो, पद धारण नहीं करेगा।
3) अध्यक्ष केन्द्रीय सरकार को कम से कम एक मास की सूचना
देकर अपने पद से त्यागपत्र दे सकेगा।
5. अध्यक्ष का वेतन भत्ते:-
1) अध्यक्ष 26,000 रू. प्रतिमाह के नियत वेतन का हकदार होगा। किसी सेवानिवृत्त व्यक्ति की अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति की दशा में, उसका वेतन उस व्यक्ति को लागू केन्द्रीय सरकार के आदेशों के अनुसार नियत किया जाएगा।
2) अध्यक्ष ऐसे भत्तों, छुट्टी, पेंशन, भविष्य निधि, आवास और अन्य परिलब्धियों आदि के हकदार होगा जो केन्द्रीय सरकार द्वारा समय-समय पर विनिश्चित की जाएँ।
6. गैर- सरकारी सदस्यों की पदावधि और भत्ते
1) प्राधिकरण का प्रत्येक गैर सरकारी सदस्य राजपत्र में उसकी नियुक्ति के प्रकाशन की तारीख से एक समय में तीन वर्ष से अनधिक की अवधि के लिए अपना पद धारण करेगा।
2) प्राधिकरण की बैठक में उपस्थित होने वाले प्रत्येक गैर
सरकारी सदस्य ऐसे बैठक भत्ता, यात्रा भत्ता, दैनिक भत्ता और ऐसे अन्य
भत्तों का हक़दार होगा जो केन्द्रीय सरकार के आयोगों और समितियों के गैर सरकारी
सदस्यों के ऐसे आयोगों या समितियों के अधिवेशनों में उपस्थित होने के लिए लागू
हैं।
7. गैर सरकारी सदस्यों की रिक्तियों का भरा जाना
1) प्राधिकरण का कोई गैर सरकारी सदस्य किसी भी समय लिखित में अपने हस्ताक्षर से केन्द्रीय सरकार को संबोधित करके अपने पड़ से त्यागपत्र दे सकेगा और प्राधिकरण में उस सदस्य का स्थान रिक्त जो जाएगा।
2) प्राधिकरण में किसी गैर सरकारी सदस्य की आकस्मिक रिक्ति
नय नामनिर्देशन द्वारा भरी जाएगी और रिक्ति को भरने के लिए नाम निर्दिष्ट व्यक्ति
व्यक्ति इस पद को उस सदस्य की, जिसके स्थान पर उसे नाम निर्देशित किया गया है, शेष पदावधि तक
धारण करेगा।
8. प्राधिकरण के सदस्य का हटाया जाना
प्राधिकरण के किसी सदस्य को, धारा 11 में विनिद्रिष्ट
किसी आधार पर किसी ऐसे अधिकारी द्वारा, जो केन्द्रीय सरकार
द्वारा नियुक्त भारत सरकार के सचिव से नीचे की रेंक का न हो, सभ्यक और उचित
जाँच कराए बिना और ऐसे जाएगा।
9. प्राधिकरण का सचिव
1) प्राधिकरण अपने लिए एक सचिव की नियुक्ति करेगा।
2) सचिव की नियुक्ति के निबंध और शर्ते प्राधिकरण द्वारा विनियम द्वारा अवधारित की जाएगी।
3) सचिव प्राधिकरण के अधिवेशनों का समन्वयन और अधिवेशन
बुलाने और प्राधिकरण के कर्मचारियों का अभिलेख रखने और ऐसे अन्य विषयों, जो उसे प्राधिकरण
द्वारा सौपें जाएँ, के लिए उत्तरदायी होगा।
10. प्राधिकरण के अधिवेशन
1) प्राधिकरण के अधिवेशन तीन मास की अवधि के पश्चात एक वर्ष में कम से कम चार बार प्राधिकरण के मुख्यालय पर या ऐसे स्थान पर, जो अध्यक्ष द्वारा विनिश्चित किया जाए, आयोजित होगा।
2) अध्यक्ष प्राधिकरण के कम से कम पांच सदस्यों के लिखित अनुरोध पे या केन्द्रीय सरकार के निर्देश पर प्राधिकरण की विशेष बैठक बुला सकेगा।
3) सदस्यों को कोई सामान्य अधिवेशन आयोजित करने के लिए कम से कम 15 दिन की सूचना दी जाएगी और विशेष अधिवेशन बुलाने के लिए उद्देश्य, समय व स्थान जिस पर ऐसा अधिवेशन आयोजित किया जाएगा, विनिर्दिष्ट करते समय कम से कम तीन दिन की सूचना दी जाएगी
4) प्रत्येक अधिवेशन की अध्यक्षता अध्यक्ष द्वारा की जाएगी और उसकी अनुपस्थिति में उपस्थित सदस्यों द्वारा अपने में से चुने गए किसी पीठासीन अधिकारी द्वारा की जाएगी।
5) प्राधिकरण के किसी अधिवेशन में विनिश्चय, येई आवश्यक हो, उपस्थित और मत
देने वाले सदस्यों के साधारण बहुमत से किया जाएगा और अध्यक्ष या उसकी अनुपस्थिति
में अध्यक्षता करने वाले सदस्य का द्वितीय या निर्णायक मत होगा।
6) प्रत्येक सदस्य का एक मत होगा।
7) प्राधिकरण के प्रत्येक अधिवेशन में गणपूर्ति पांच होगी।
8) कोई सदस्य किसी अधिवेशन में ऐसे किसी विषय पर, जिसमें उसे दस दिन की सूचना नहीं दी गई है, अधिवेशन पर विचार करने के लिए अग्रसारित नहीं होगा जब तक कि उसे ऐसा करने के लिए अध्यक्ष स्वविवेक से ऐसा करने के लिए अनुज्ञात न करें।
9) अधिवेशन की सूचना सदस्यों से संवाहक द्वारा परिदत्त करके या इसे उसके अंतिम निवास या कारबार के ज्ञात स्थान पर रजिस्ट्रीकृत डाक द्वारा भेजकर या ऐसी अन्य रीति में जिसे मामले की परिस्थितियों में प्राधिकरण का सचिव ठीक समझे, दी जा सकेगी।
11. प्राधिकरण द्वारा विशेषज्ञ समिति की नियुक्ति और उनकी हकदारी:-
1) प्राधिकरण ऐसे प्रयोजनों के लिए, जिन्हें वह ठीक समझे, उतनी संख्या में समितियाँ गठित कर सकेगा जो पूर्णत: सदस्यों या पूर्णत: अन्य व्यक्तियों या अंशत: सदस्यों या अंशत: अन्य व्यक्तियों से मिलकर बनेगी।
2) प्राधिकरण के श्स्यों से भिन्न समिति के सदस्यों द्वारा
अधिवेशन में उपस्थित होने के लिए ऐसी फ़ीस और भत्तों का संदाय किया जाएगा जो
प्राधिकरण ठीक समझे।
12. प्राधिकरण के साधारण कृत्य: -
प्राधिकरण निम्नलिखित कृत्यों का पालन कर सकेगा, अर्थात् :-
1) धारा 3, धारा 4 और धारा 6 के अधीन उपबंधित क्रियाकलापों को शासित करने के लिए प्रक्रिया और मार्गदर्शक सिद्धांत अधिकथित करना;
2) केन्द्रीय सरकार के जैव विविधता के संरक्षण और उसके
संघटकों को पोषणीय उपयोग तथा जैविक स्रोतों और ज्ञान के उपयोग से अदभुत फायदों के
उचित और साम्यापूर्ण प्रभाजन से संबंधित विषयों के संबंध में सलाह देना;
3) राज्य जैव विविधता बोर्डों के क्रियाकलापों को समन्वित करना;
4) राज्य जैव विविधता बोर्डों को तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन उपलब्ध कराना;
5) अध्ययन आरंभ करना और अन्वेषण तथा अनूसंधान प्रयोजित करना;
6) प्राधिकरण को उसके कृत्यों के प्रभावी निर्वहन मर तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के लिए तीन वर्ष से अनधिक की विनिर्दिष्ट अवधि के लिए परामर्शदाताओं को लगाना;
परंतु यह की यदि तीन वर्ष से अधिक की अवधि के लिए किसी परामर्शदाता को लगाना आवश्यक और समीचीन है तो प्राधिकरण ऐसे लगाए जाने के लिए केन्द्रीय सरकार का पूर्वानुमोदन मांगेगा।
7) जैव विविधता संरक्षण, उसके संघटकों के पोषणीय उपयोग और जैवीय संसाधनों और ज्ञान और उपयोग से उद्भूत फायदों के उचित और साम्यापूर्ण प्रभाजन से संबंधित तकनीकी और संख्याकिय आंकड़े और मैनुअल, सहिंतायेंया गाइडें संगृहित, संकलित और प्रकशित करना;
8) जैव विविधता संरक्षण, उसके संघटकों के पोषणीय उपयोग और जैवीय संसाधनों और ज्ञान और उपयोग से अदभुत फायदों के उचित साम्यापूर्ण प्रभाजन से संबंधित जन प्रचार द्वारा एक वृहत कार्यक्रम आयोजित करना;
9) जैव विविधता संरक्षण और उसके संघटकों के पोषणीय उपयोग के लिए कार्यक्रमों में लगे या लगाए या लगाए जाने वाले कार्मिकों के लिए योजना और प्रशिक्षण आयोजित करना;
10) प्राधिकरण का उसकी रसीदों और केन्द्रीय सरकार से उसके अवमूल्यन को भी समाविष्ट करते हुए वार्षिक बजट तैयार करना परंतु यह कि केन्द्रीय सरकार द्वारा आबंटन केन्द्रीय सरकार द्वारा अनुमोदित बजट उपबंधों के अनुसार प्रचालित किया जाएगा;
11) प्राधिकरण के कृत्यों का प्रभावी रूप से निर्वहन करने के लिए केन्द्रीय सरकार को पदों के सृजन करने के सिफारिश करना परन्तु ऐसा पद चाहे स्थायी/अस्थायी हो या किसी भी प्रकृति का हो, केन्द्रीय सरकार के पूर्वानूमोदन के बिना सृजित नहीं किया जाएगा;
12) प्राधिकारियों के अधिकारीयों और सेवकों को भर्ती की पद्धति का अनुमोदन करना;
13) प्रभावी प्रबंधन, संवर्धन और पोषणीय उपयोगों को सुनिश्चित करने के लिए जैव विविधता रजिस्टर और इलेक्ट्रोनिक डाटा बेस के माध्यम से जैवीय संसाधनों और सहबद्ध पारंपरिक ज्ञान के लिए डाटा बेस बनाने और जानकारी तथा दस्तावेज पद्धति सृजित करने के लिए कदम उठाना;
14) राज्य जैव विविधता बोर्डों और जैव विविधता प्रबंध समितियों को अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए लिखित में निर्देश देना;
15) प्राधिकरण के कार्यकरण और अधिनियम के कार्यान्वयन के बारे में केन्द्रीय सरकार को रिपोर्ट देना;
16) समय-समय पर जैवीय संसाधनों की बाबत धारा 6 की उपधारा (1) के अधीन फ़ीस या धारा 19 की उपधारा (3) के अधीन स्वामित्वों के प्रभारों के फायदे के प्रभाजन की सिफारिश, उपांतरित और संगृहित करना;
17) विनीर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए राज्य जैव विविधता बोर्ड
और जैव विविधता प्रबंध समितियों के लिए अनुदान सहायता और अनुदान मंजूर करना;
19) भारत से बाहर किसी देश में किसी जैवीय संस्थान और किसी अवैध रीति में भारत से अभिप्राप्त ज्ञान के संबंध में बौद्धिक संपदा अधिकार अनूद्त्त किए जाने का विरोध करने के लिए विधि विशेषज्ञों की नियुक्ति के लिए आवश्यक उपाय करना;
20) ऐसे अन्य कृत्य
करना जो समय-समय पर केन्द्रीय सरकार द्वारा सौंपे जाएँ या निर्देशित किए जाएँ;
(2) राज्य जैव विविधता बोर्ड और अन्य राज्य विविधता बोर्ड या बोर्डों के बीच विवाद अदभुत होने की दशा में व्यथित बोर्ड या बोर्डों द्वारा विवाद के बिन्दु या बिंदुओं को केन्द्रीय सरकार को भेजा जाएगा जो उन्हें प्राधिकारण को निर्दिष्ट करेगा;
(3) अपील के ज्ञापन में मामले के तथ्य, वे धारा जिनका अपिलाथी ने अपील करने के लिए आश्रय लिया है और चाहा गया अनुतोष कथित होंगे;
(4) अपील ज्ञापन के साथ आदेश, निदेश या नीतिगत विनिश्चय यथास्थिति उस आदेश, निदेश या नीतिगत विनिश्चय की एक अधिप्रमाणित प्रति होगी जिसके द्वारा अपीलार्थी व्यथित है और जो अपीलार्थी के प्राधिकृत प्रतिनिधि सम्यक रूप से हस्ताक्षरित होगें;
(5) अपील का ज्ञापन विवादित आदेश, निदेश या नीतिगत विनिश्चय की तारीख से टिस दिन के भीतर चार प्रतियों में या तो व्यक्तिगत रूप से रसीदी रजिस्ट्रीकृत डाक से या सम्यक रसीदी रजिस्ट्रीकृत डाक के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा;
परन्तु यदि केन्द्रीय सरकार का यह समाधान हो जाता है कि
अपील करने में विलंब होने के लिए अच्छा और पर्याप्त कारण था तो लेखबद्ध किए जाने
वाले कारणों से वह पूर्वगत तीस दिन की अवधि के अवसान के पश्चात् किन्तु यथास्थिति, विवादित आदेश, निदेश या नीतिगत
विनिश्चय की तारीख से 45 दिन के अवसान से पूर्व अपील किया जाना अनुज्ञात कर सकेगी;
(6) अपील की सुनवाई की सूचना प्ररूप 6 में सम्यक रसीदी रजिस्ट्रीकृत डाक से दी जाएगी;
(7) केन्द्रीय सरकार अपीलार्थी और पक्षकारों के पश्चात् अपील की निपटारा सुनवाई करेगी;
(8) किसी अपील का निपटारा करते समय वह यथास्थिति विवादित अदेश, निदेश या नीतिगत विनिश्चय को परिवर्तित, उपांतरित या रद कर सकेगा;
(9) प्राधिकरण किसी विवादित का न्याय निर्णयन करने में प्राकृतिक न्याय के सिंद्धतों द्वारा मार्गदर्शित होता यथासध्य उसी प्रक्रिया को अपनाएगा जिसको इस नियम के अधीन केन्द्रीय सरकार से अपनाए जाने की अपेक्षा है।
24. धारा 61 के अधीन सूचना देने की रीति
(1) धारा 61 के खंड (ख) के अधीन सूचना देने की रीति निम्नानुसार होगी, अर्थात :-
क) सूचना लिखित में प्ररूप 7MM में होगी।
ख) सूचना देने वाला व्यक्ति उसे;
i) यदि अभिकथित अपराध संघ राज्य क्षेत्र में हुआ है तो राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के अध्यक्ष को; और
ii) यदि अभिकथित अपराध राज्य में हुआ है तो राज्य जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष को भेजेगा।
(2) उपनियम (1) में निर्दिष्ट सूचना सम्यक रसीदी रजिस्ट्रीकृत डाक से भेजी जाएगी; और
(3) धारा 61 के खंड (ख) में वर्णित तीस दिन की अवधि की गणना
उस तारीख से की जाएगी, जिसको उपनियम (1) में वर्णित प्राधिकारियों
द्वारा सूचना प्राप्त की जाती है।
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