विश्व हृदय दिवस 2024: थीम इतिहास उद्देश्य महत्व |World Heart Day 2024 Theme History
विश्व हृदय दिवस 2024: थीम इतिहास उद्देश्य महत्व
- हृदय रोगों, उनकी रोकथाम और वैश्विक प्रभाव के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व भर में 29 सितंबर को ‘विश्व हृदय दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
- विश्व हृदय दिवस की स्थापना सर्वप्रथम वर्ष 1999 में ‘वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन’ (WHF) ने ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (WHO) के साथ मिलकर की थी और यह दिवस सर्वप्रथम वर्ष 2000 में आयोजित किया गया था।
- विश्व हृदय दिवस 2022 की थीम Cardiovascular Health for Everyone' है .
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा एकत्रित आँकड़ों के अनुसार, हृदय रोग (CVDs) के कारण प्रत्येक वर्ष लगभग 17.9 मिलियन लोगों की मृत्यु हो जाती है। इस प्रकार वैश्विक स्तर पर होने वाली कुल मौतों में 31 प्रतिशत मौतें हृदय संबंधी रोगों के कारण होती हैं।
- हृदय रोग (CVDs) संबंधी रोग मुख्य तौर पर तंबाकू, अस्वास्थ्यकर भोजन, शारीरिक गतिविधियों का अभाव और शराब के अत्यधिक उपयोग के कारण उत्पन्न होते हैं।
- विश्व हृदय दिवस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य हृदय रोगों के संबंध में लोगों को शिक्षित करना है, ताकि तंबाकू का उपयोग, अस्वास्थ्यकर आहार और शारीरिक निष्क्रियता जैसे जोखिम वाले कारकों को नियंत्रित करके हृदय रोग से होने वाली कम-से-कम 80 प्रतिशत मौतों को रोका जा सके।
हृदय रोग (CVDs) कार्डियो-वैस्कुलर रोग
क्या हैं?
हृदय रोग (CVDs) हृदय और रक्त वाहिकाओं से
संबंधित बीमारियों का समूह है। इन बीमारियों में शामिल हैं:
हृदय-धमनी रोग (Coronary Heart Disease):
- हृदय की
मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं की बीमारी;
रक्त धमनी का रोग (Cerebrovascular Disease):
- मस्तिष्क को रक्त
की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं की बीमारी;
बाह्य धमनी रोग (Peripheral Arterial Disease):
- हाथ और पैरों को
रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं की बीमारी;
वातरोगग्रस्त हृदय रोग (Rheumatic Heart Disease):
- स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया के कारण होने वाले आमवाती बुखार (Rheumatic Fever) से हृदय की मांसपेशियों और हृदय के वाल्व को नुकसान।
जन्मजात हृदय रोग (Congenital Heart Disease):
- जन्म के समय से
मौजूद हृदय संरचना की विकृति;
- तीव्र शिरा थ्रोम्बोसिस और फेफड़ों से संबंधित वाहिकारोध (Deep Vein Thrombosis and Pulmonary Embolism): पैर की नसों में रक्त के थक्के जो हृदय और फेफड़ों की कार्यप्रणाली को अव्यवस्थित कर सकते हैं।
कार्डियो-वैस्कुलर रोग के जोखिम कारक
हृदय रोग के जोखिम कारक
वे विशेष आदतें, व्यवहार व
दिनचर्या आदि हैं जो किसी व्यक्ति के हृदय रोग से ग्रस्त होने के जोखिम को बढ़ाते
हैं।
- धूम्रपान।
- व्यायाम की कमी।
- वसायुक्त आहार।
- मोटापा।
- उच्च रक्तचाप।
- कार्डियो-वैस्कुलर रोग का पारिवारिक इतिहास।
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