26 सितंबर, 2022 को 100वें
‘सैन्य इंजीनियरिंग सेवा दिवस’ का आयोजन किया जा रहा ।
यह दिवस ‘सैन्य इंजीनियरिंग
सेवा’ की स्थापना को चिह्नित करता है। 26 सितंबर, 1923 को स्थापित ‘सैन्य
इंजीनियरिंग सेवा’ भारतीय सेना के ‘कोर ऑफ इंजीनियर्स’ के स्तंभों में से एक है, जो सशस्त्र बलों
को रियर लाइन इंजीनियरिंग सहायता प्रदान करती है।
यह लगभग 30000 करोड़ रुपए के कुल
वार्षिक कार्यभार के साथ भारत में सबसे बड़ी निर्माण एवं रखरखाव एजेंसियों में से
एक है। ‘सैन्य इंजीनियरिंग सेवा’ की विभिन्न इकाइयाँ और उप-इकाइयाँ देश भर में
फैली हुई हैं, यह मुख्य तौर पर थल सेना, वायु सेना, नौसेना, आयुध कारखानों, सीमा सड़क संगठन
तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की विभिन्न संरचनाओं को इंजीनियरिंग सहायता
प्रदान करती
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