भृगुकच्छ ऐतिहासिक स्थल महत्वपूर्ण जानकारी | Bhrigukaccha Bharuch Historic Place Fact

 भृगुकच्छ ऐतिहासिक स्थल महत्वपूर्ण जानकारी 

भृगुकच्छ ऐतेहासिक स्थल महत्वपूर्ण जानकारी | Bhrigukaccha Bharuch Historic Place Fact



भृगुकच्छ ऐतिहासिक स्थल 

भृगुकच्छ नामक स्थान की पहचान आधुनिक गुजरात के भड़ौच से की जाती है. यह पश्चिमी भारत का प्रसिद्ध नगर एवं समुद्री बन्दरगाह था. साहित्य में इसके नाम भरूकच्छभृगुपुरभृगुतीर्थ आदि मिलते हैं. विदेशी लेखक इसे बेरीगाजाबैरुगाजाबैर्गोसा आदि कहते हैं. पुराणों में इसे महर्षि भृगु का क्षेत्र बताया गया है तथा इसे तीर्थस्थल कहा गया है. नासिक के एक गुहालेख से पता चलता है कि नहपान उषावदात के दामाद ने यहाँ यात्रियों की सुविधा के निर्मित आवासगृहकुएंतालाब आदि बनवाए थे.

 

ऐतेहासिक स्थल प्रमुख तथ्य 

  • व्यापार वाणिज्य के क्षेत्र में यह नगर अत्यधिक प्रसिद्ध था. 
  • पश्चिमी तट का यह सबसे बड़ा बन्दरगाह था. ईसा की प्रथम शती उत्तरी तथा मध्य भारत का समस्त आयात-निर्यात यहीं से होता था. 
  • जातक ग्रन्थों से इस स्थान से जाने वाले व्यापारियों का उल्लेख हुआ है. 
  • सुप्पारक जातक में भरूकच्छ के समुद्री व्यापारियों की साहसिक यात्राओं के रोचक विवरण मिलते हैं. 
  • सुस्सोदि जातक के अनुसार यहाँ के व्यापारी सुवर्णभूमि को जलमार्गों द्वारा जाते थे. 
  • दक्षिण के व्यापारी इसी बन्दरगाह अपनी सामग्रियाँ पश्चिम देशों में भेजते थे. 
  • हर्ष के समय में भृगुकच्छ में गुर्जर वंश की राजधानी थीजिसका शासक दक्ष द्वितीय था. 
  • यह राज्य सम्भवतः नर्मदा तथा माही नदियों की बीच की भूमि में स्थित था. 
  • यूनानी रोमन लेखकों ने भी भृगुकच्छ के व्यापारिक महत्व को संकेत दिया था. 
  • पेरीप्लस से ज्ञात होता है कि यहाँ पहुँचने वाले जहाजों को संकट का सामना करना पड़ता था. 
  • पश्चिमी देशों से इस नगर में मदिरासीसास्वर्ण रजत मुद्राएंबर्तनअनुलेप आदि पहुँचते थे. यहाँ से निर्यातित किए जाते थेजिसके बदले में रोम से एक करोड़ मुद्राएं प्रतिवर्ष पहुँचती थीं. 
  • ह्वेनसांग भी इस बन्दरगाह की प्रसिद्धि का उल्लेख करता है. उत्तरी भारत के प्रमुख नगर भृगुकच्छ से जुड़े हुए थे.

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