काॅन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP) के बारे में जानकारी | COP GK in Hindi
काॅन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP) के बारे में जानकारी
काॅन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP) क्या है ?
- काॅन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ UNFCCC के अंतर्गत आता है जिसका गठन वर्ष 1994 में किया गया था। UNFCCC की स्थापना "वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैस सांद्रता को स्थिर करने" की दिशा में काम करने के लिये की गई थी।
- COP, UNFCCC का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला प्राधिकरण है।
- इसने सदस्य राज्यों के लिये ज़िम्मेदारियों की एक सूची तैयार की है जिसमें शामिल हैं:
- जलवायु परिवर्तन को कम करने के उपाय खोजना।
- जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के अनुकूलन हेतु तैयारी में सहयोग करना।
- जलवायु परिवर्तन से संबंधित शिक्षा, प्रशिक्षण और जन जागरूकता को बढ़ावा देना।
UNFCCC और COP?
UNFCCC वर्ष 1992 में ब्राज़ील में आयोजित ‘रिओ अर्थ समिट’ (Rio Earth Summit) में पर्यावरण पर
प्रस्तावित तीन समझौतों में से एक है:
- संयुक्त राष्ट्र जैव विविधिता सम्मलेन (UNCBD
- संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम सम्मेलन (UNCCD)
- संयुक्त राष्ट्र जलवायु
परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (UNFCCC)
विभिन्न देशों द्वारा इस
समझौते पर हस्ताक्षर के पश्चात् 21 मार्च, 1994 को इसे लागू किया गया। गौरतलब है कि आज यह संधि 197 देशों द्वारा मान्य है।
वर्ष 1995 से लगातार UNFCCC की वार्षिक बैठकों का
आयोजन किया जा रहा है और यह पर्यावरण एवं जलवायु के मुद्दे पर वार्षिक रूप से
आयोजित होने वाला विश्व का सबसे बड़ा मंच है।
इसके तहत ही वर्ष 1997 में बहुचर्चित क्योटो
समझौता (Kyoto Protocol) हुआ और विकसित देशों (एनेक्स-1 में शामिल देश) द्वारा
ग्रीनहाउस गैसों को नियंत्रित करने के लिये लक्ष्य तय किया गया। क्योटो प्रोटोकॉल
के तहत 40 औद्योगिक देशों को अलग
सूची एनेक्स-1 में रखा गया है।
इस सम्मेलन में आधिकारिक
रूप से हिस्सा लेने वाले देशों की बैठक को कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP) के नाम से जाना जाता है।
विदित हो कि COP की पहली बैठक मार्च, 1995 को जर्मनी के बर्लिन में
आयोजित की गई थी।
काॅन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP) की बैठकें:
COP सदस्यों द्वारा वर्ष 1995 से हर साल बैठक का आयोजन
किया जाता है। UNFCCC में भारत, चीन और अमेरिका सहित 198 दल शामिल हैं।
इसकी बैठक सामान्यतः बॉन
में होती है, जब तक कि कोई भागीदार
सत्र की मेज़बानी करने की पेशकश नहीं करता है।
काॅन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP) की अध्यक्षता:
COP अध्यक्ष का कार्यालय
आमतौर पर पाँच संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय समूहों अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और
कैरिबियन, मध्य एवं पूर्वी यूरोप
तथा पश्चिमी यूरोप व अन्य के बीच चक्रीय रूप से घूमता है।
अध्यक्षता आमतौर पर उस
देश के पर्यावरण मंत्री द्वारा की जाती है।
काॅन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP) की महत्वपूर्ण बैठके और परिणाम
वर्ष 1995: COP1 (बर्लिन, जर्मनी)
वर्ष 1997: COP3 (क्योटो प्रोटोकॉल)
यह कानूनी रूप से विकसित
देशों को उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों हेतु बाध्य करता है।
वर्ष 2002: COP8 (नई दिल्ली, भारत) दिल्ली घोषणा
- सबसे गरीब देशों की विकास आवश्यकताओं और जलवायु परिवर्तन को कम करने हेतु प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करना है।
वर्ष 2007: COP13 (बाली, इंडोनेशिया)
- पार्टियों ने बाली रोडमैप और बाली कार्ययोजना पर सहमति व्यक्त की, जिसने वर्ष 2012 के बाद के परिणामों की ओर तीव्रता प्रदान की। इस योजना में पाँच मुख्य श्रेणियांँ- साझा दृष्टि, शमन, अनुकूलन, प्रौद्योगिकी और वित्तपोषण शामिल हैं।
वर्ष 2010: COP16 (कैनकन)
- कैनकन समझौतों के परिणामस्वरूप जलवायु परिवर्तन से निपटने में विकासशील देशों की सहायता हेतु सरकारों द्वारा एक व्यापक पैकेज प्रस्तुत किया गया।
- हरित जलवायु कोष, प्रौद्योगिकी तंत्र और कैनकन अनुकूलन ढांँचे की स्थापना की गई।
वर्ष 2011: COP17 (डरबन)
- सरकारें 2015 तक वर्ष 2020 से आगे की अवधि हेतु एक नए सार्वभौमिक जलवायु परिवर्तन समझौते के लिये प्रतिबद्ध हैं (जिसके परिणामस्वरूप 2015 का पेरिस समझौता हुआ)।
वर्ष 2015: COP21 (पेरिस)
- वैश्विक तापमान को पूर्व-औद्योगिक समय से 2.0 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखना तथा और अधिक सीमित (1.5 डिग्री सेल्सियस तक) करने का प्रयास करना।
- इसके लिये अमीर देशों को वर्ष 2020 के बाद भी सालाना 100 अरब डॉलर की फंडिंग प्रतिबद्धता बनाए रखने की आवश्यकता है।
वर्ष 2016: COP22 (माराकेश)
- पेरिस समझौते की नियम पुस्तिका लिखने की दिशा में आगे बढ़ना।
- जलवायु कार्रवाई हेतु माराकेश साझेदारी की शुरुआत की गई।
वर्ष 2017: COP23 (बॉन, जर्मनी)
- देशों द्वारा इस बारे में बातचीत करना जारी रखा गया कि समझौता वर्ष 2020 से कैसे कार्य करेगा।
- डोनाल्ड ट्रम्प ने इस वर्ष की शुरुआत में पेरिस समझौते से हटने के अपने इरादे की घोषणा की।
- यह एक छोटे द्वीपीय विकासशील राज्य द्वारा आयोजित किया जाने वाला पहला COP था, जिसमें फिजी ने अध्यक्षीय पद संभाला था।
वर्ष 2018: COP24 (काटोवाइस, पोलैंड)
- इसके तहत वर्ष 2015 के पेरिस समझौते को लागू करने के लिये एक ‘नियम पुस्तिका’ को अंतिम रूप दिया गया था।
- नियम पुस्तिका में जलवायु वित्तपोषण सुविधा और राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के अनुसार की जाने वाली कार्रवाइयाँ शामिल हैं।
वर्ष 2019: COP25 (मैड्रिड, स्पेन)
- इसे मैड्रिड (स्पेन) में आयोजित किया गया था।
- इस दौरान बढ़ती जलवायु तात्कालिकता के संबंध में कोई ठोस योजना मौजूद नहीं थी।
COP-25 के परिणाम
- बैठक में चिली मेड्रिड टाइम ऑफ एक्शन नामक दस्तावेज़ जारी किया गया है। इस दस्तावेज़ के अंतर्गत सतत् विकास तथा गरीबी उन्मूलन में जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न होने वाली बाधाओं से निपटने के लिये IPCC द्वारा राष्ट्रों को दिये वैज्ञानिक सुझावों की सराहना की गई है।
- इसके अलावा इसमें राष्ट्रों द्वारा वर्ष 2020 तक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने की पूर्ववर्ती प्रतिबद्धताओं और वर्तमान उत्सर्जन स्तर के अंतर पर प्रकाश डालते हुए प्रतिबद्धताओं की अनिवार्यता पर ज़ोर दिया गया।
- साथ ही जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में विकासशील देशों की मदद करने के लिये वर्ष 2020 तक 100 बिलियन डॉलर जुटाने की प्रतिबद्धता को भी दोहराया गया।
- दस्तावेज़ में जैव-विविधता क्षरण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का एकीकृत रूप से उन्मूलन करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया।
- बैठक के दौरान निजी क्षेत्र की 177 कंपनियों ने 1.5C के लक्ष्य के अनुरूप उत्सर्जन में कटौती करने की शपथ ली।
- इसी बीच यूरोपीय संघ ने ‘यूरोपीय ग्रीन डील’ का भी अनावरण किया गया, जिसके अंतर्गत वर्ष 2050 तक यूरोपीय संघ के देश स्वयं को जलवायु तटस्थ (Climate Neutral) अर्थात वर्ष 2050 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- इसके अलावा विकासशील देशों द्वारा हरित जलवायु कोष (GCF) के अंतर्गत ‘फाईनेंसिंग विंडो’ की व्यवस्था पर असहमति दर्ज की गई।
- अल्प विकासशील देशों ने पूर्व-2020 (Pre-2020) लक्ष्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया परंतु उन से ज़्यादा अपेक्षा न करने की मांग भी की।
- अनुच्छेद-6 के अतिरिक्त पेरिस समझौते की नियम-पुस्तिका के सभी बिंदुओं पर सदस्य देशों ने सहमति व्यक्त की।
Post a Comment