Current Affairs Summary August 2022 in Hindi |सममयिकी सारांश अगस्त 2022

Current Affairs Summary August 2022 in Hindi सममयिकी सारांश अगस्त 2022

Current Affairs Summary September 2022 in Hindi |समसमयिकी सारांश सितंबर 2022

Current Affairs Summary August 2022 in Hindi 


 मुस्लिम महिला अधिकार दिवस

  • 1 अगस्त को भारत में मुस्लिम महिला अधिकार दिवस (Muslim Women Rights Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस 1 अगस्त को तीन तलाक बिल की पृष्ठभूमि में मनाया जाता है, जिसे 1 अगस्त, 2019 को संसद से मंज़ूरी मिली थी। 


मालदीव गणराज्य 

  • मालदीव गणराज्य के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने 02 अगस्त, 2022 को  राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से भेंट की। मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख साझेदार और घनिष्ठ मित्र है। सदियों से दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत सांस्कृतिक, आर्थिक और व्यापारिक संबंध रहे हैं। मालदीव के दक्षिणी और उत्तरी भाग में दो महत्त्वपूर्ण ‘सी लाइन्स ऑफ कम्युनिकेशन’  (Sea Lines Of Communication- SLOCs) स्थित हैं। ये SLOC पश्चिम एशिया में अदन और होर्मुज़ की खाड़ी तथा दक्षिण-पूर्व एशिया में मलक्का जलडमरूमध्य के बीच समुद्री व्यापार प्रवाह के लिये महत्त्वपूर्ण हैं। भारत के विदेशी व्यापार का लगभग 50% और इसकी ऊर्जा आयात का 80% हिस्सा अरब सागर में इन SLOCs से होकर गुज़रता है। इसके अलावा भारत और मालदीव दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) और दक्षिण एशिया उप-क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग (SASEC) के सदस्य है। सरकार की "नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी" के अनुसार, मालदीव जैसे स्थिर, समृद्ध और शांतिपूर्ण देश के विकास के लिये भारत एक प्रतिबद्ध भागीदार बना हुआ है।

लॉन बॉल टीम स्पर्द्धा

  • बर्मिंघम राष्‍ट्रमंडल खेल में भारत ने चार पदक अपने नाम किये। महिला लॉन बॉल्स में इतिहास रचते हुए नयनमोनी सैकिया, पिक्‍की, लवली चौबे और रूपारानी तिर्की की टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 17-10 से हराकर स्‍वर्ण पदक जीता। इस प्रतियोगिता में भारत ने पहली बार स्‍वर्ण पदक जीता है। इसके बाद टेबल टेनिस में भारत को जीत हासिल हुई, जब साथियान ज्ञानशेखरन, शरथ कमल, हरमीत देसाई और सनिल शेट्टी की टीम ने सिंगापुर को मात देकर एक और स्‍वर्ण पदक दिलाया।  इंग्लैंड के बर्मिंघम में  28 जुलाई से 8 अगस्त तक राष्ट्रमंडल खेलों के वर्ष 2022 के संस्करण का आयोजन किया जा रहा है। पहले राष्ट्रमंडल खेल का आयोजन वर्ष 1930 में हैमिल्टन, कनाडा में किया गया था, जहाँ 11 देशों ने छह खेलों और 59 कार्यक्रमों में भाग लेने के लिये 400 एथलीटों को भेजा था। वर्ष 1930 से हर चार वर्ष के अंतराल पर (द्वितीय विश्व युद्ध के कारण वर्ष 1942 और वर्ष 1946 को छोड़कर) इन खेलों का आयोजन किया जाता है।

 

प्रेसिडेंट्स कलर्स

  • भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को चेन्नई के राजारथिनम स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में तमिलनाडु पुलिस के लिये “प्रेसिडेंट्स कलर्स” प्रदान किया गया। तमिलनाडु पुलिस “प्रेसिडेंट्स कलर्स” प्राप्त करने वाली भारत में कुछ कानून प्रवर्तन एजेंसियों में से एक बन गई है। इस उपलब्धि हेतु सेवारत प्रत्येक पुलिस अधिकारी को एक पदक दिया जाएगा। दरअसल तमिलनाडु पुलिस भारत में सबसे बेहतरीन पुलिस बलों में से एक है। यह अनुकरणीय सेवा देने हेतु प्रसिद्ध है। साथ ही तमिलनाडु भारत की पहली महिला कमांडो यूनिट को स्थापित करने वाला राज्य भी है। प्रेसिडेंट्स कलर्स भारत में किसी भी सैन्य इकाई को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। प्रेसिडेंट्स कलर्स पुरस्कार को निशान भी कहा जाता है, जो सभी यूनिट अधिकारियों द्वारा उनकी वर्दी के बाएँ हाथ की आस्तीन पर पहने जाने वाले प्रतीक का प्रतिनिधित्व करता है।


श्रीमद राजचंद्र 

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 04 जुलाई, 2022 को गुजरात के धर्मपुर में श्रीमद राजचंद्र मिशन के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे और आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री वलसाड ज़िले के धर्मपुर में श्रीमद राजचंद्र अस्पताल का उद्घाटन करेंगे। इस अस्पताल पर लगभग दो सौ करोड़ रुपए की लागत आई, जिसमें 250 बेड व अन्य अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। इससे दक्षिणी गुजरात के लोगों को विशेष रूप से लाभ होगा। प्रधानमंत्री श्रीमद राजचंद्र पशु अस्पताल की भी आधारशिला रखेंगे। इस अस्पताल पर लगभग 70 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यह अस्पताल पशुओं की देखभाल और उपचार के लिये पारंपरिक औषधि के साथ-साथ समग्र चिकित्सा देखभाल उपलब्ध कराएगा। प्रधानमंत्री महिलाओं के लिये श्रीमद राजचंद्र उत्कृष्टता केन्द्र की भी आधारशिला रखेंगे। यह उत्कृष्टता केन्द्र लगभग चालीस करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा और इसमें स्वविकास कार्यक्रमों के अलावा मनोरंजन की भी सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें 700 से अधिक जनजातीय महिलाओं को रोज़गार मिलेगा और हज़ारों लोगों को आजीविका की व्यवस्था होगी।

 

मिशन भूमिपुत्र

  • असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने 1 अगस्त, 2022 को ‘मिशन भूमिपुत्र’ पोर्टल का अनावरण किया। इस मिशन के तहत छात्रों को डिजिटल जाति प्रमाणपत्र सरल और डिजिटल तरीके से जारी किये जाएंगे। आदिवासी मामलों के विभाग और सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग द्वारा कार्यान्वित इस मिशन को जनता को आसान सार्वजनिक सेवाएँ प्रदान करने हेतु सरकार द्वारा लागू किया गया है। यह मिशन जाति प्रमाणपत्र जारी करने की मैनुअल प्रणाली को खत्म कर देगा। आईटी एक्ट के तहत जाति प्रमाणपत्र अब डिजी लॉकर में प्राप्त हो सकेगा। इसे संबंधित उपायुक्तों द्वारा डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित किया जाएगा। इस पोर्टल का उपयोग कक्षा 8वीं के छात्र वर्ष 2023 से जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिये कर सकते हैं। यह पोर्टल मुख्यमंत्री के डैशबोर्ड के अनुरूप होगा तथा मुख्यमंत्री कार्यालय को पूरी प्रक्रिया की निगरानी करने में सक्षम बनाएगा।


राष्ट्रीय युवा और विद्यार्थी संवाद कार्यक्रम’

  • सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के अंतर्गत 4 अगस्त, 2022 को  ‘नशे से आाज़ादी-राष्ट्रीय युवा और विद्यार्थी संवाद कार्यक्रम’ का आयोजन किया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय नशा मुक्त भारत अभियान के नाम से एक प्रमुख अभियान चला रहा है। इसे 15 अगस्त, 2020 को भारत के 272 ज़िलों में शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम के दौरान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों के सेवन से संबंधित विकार देश के सामाजिक संरचना पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली एक गंभीर समस्या है।  नशा मुक्त भारत अभियान न केवल संस्थागत सहयोग पर बल्कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के माध्यम से पहचाने गए ज़िलों में सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों  (community outreach programmes) पर भी ध्यान केंद्रित करता है। इस अभियान के तहत सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नशा मुक्ति के क्षेत्र में कार्यरत संस्थानों के लिये धन जुटाने तथा युवाओं के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिये स्कूलों तथा कॉलेजों में नशा मुक्ति अभियान को संचालित किया जाता  है। इस अभियान में जागरूकता सृजन कार्यक्रम, समुदाय की आउटरीच और दवाओं पर निर्भर आबादी की पहचान, उपचार सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ सेवा-प्रदाताओं के लिये क्षमता-निर्माण कार्यक्रम को शामिल किया गया हैं। नशीली दवा की माँग में कमी लाने के लिये सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय नोडल मंत्रालय है। यह मंत्रालय नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के सभी पहलुओं की निगरानी का कार्य  करता है।


चिराग योजना

  • हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के शिक्षा विभाग में चिराग योजना शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत हरियाणा सरकार आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलाने हेतु आर्थिक मदद देगी। चिराग योजना का अर्थ है "मुख्यमंत्री समान शिक्षा राहत, सहायता और अनुदान"। अर्थात इस योजना के तहत दूसरी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों के लिये निजी मान्यता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने हेतु मुख्यमंत्री समान शिक्षा राहत, सहायता एवं अनुदान प्रदान करेगी। वर्ष 2007 में भूपिंदर सिंह हुड्डा की सरकार द्वारा शुरू की गई इसी तरह की योजना को बदल दिया गया है। यह योजना हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम, 2003 के नियम 134 ए के अनुसार शुरू की गई थी लेकिन नए शिक्षा सत्र में राज्य सरकार नियम-134ए को खत्म कर उसकी जगह पर चिराग योजना को अपनाएगी। हालाँकि इस योजना की पात्रता हेतु माता-पिता की वार्षिक सत्यापित आय 1.8 लाख रुपेए से कम होनी चाहिये।

 

ग्रैंड अनियन  चैलेंज 

  • उपभोक्ता कार्य विभाग ने प्याज की कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिये 5 अगस्त, 2022 को  शैक्षिक संस्थानों के प्रमुखों, कुलपतियों, प्रोफेसरों, प्रख्यात संस्थानों के डीन, वरिष्ठ शिक्षाविदों, स्टार्टअप्स के अधिकारियों, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों, परमाणु ऊर्जा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापारिक विभाग के अधिकारियों तथा कृषि, बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में कार्य करने वाले पेशेवरों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस कर उनसे "ग्रैंड अनियन चैलेंज" में शामिल होने का आग्रह किया। यह चैलेंज युवा व्यवसाइयों, प्रोफेसरों, उत्पाद तैयार करने में वैज्ञानिकों की भूमिका व कटाई से पूर्व की तकनीकों, प्राथमिक प्रसंस्करण, भंडारण और देश में प्याज फसल की कटाई के बाद के कार्यों में प्रोटोटाइप की आवश्यकता तथा प्याज के परिवहन में सुधार के लिये नए विचारों की तलाश करता है। इस चैलेंज में निर्जलीकरण, प्याज के मूल्य निर्धारण और प्याज खाद्य प्रसंस्करण डोमेन में प्रौद्योगिकी के आधुनिकीकरण के लिये नवीन विचारों की भी खोज की जाएगी। चैलेंज में देश के सर्वश्रेष्ठ विचारकों से उपरोक्‍त सभी क्षेत्रों में उनके सुझाव मांगे गए हैं।


वयोश्रेष्‍ठ सम्‍मान- 2022 

  • सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वरिष्‍ठ नागरिकों के राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार वयोश्रेष्‍ठ सम्‍मान-2022 के लिये नामाकंन आमंत्रित किये हैं। 1 अक्तूबर को अंतर्राष्‍ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर यह पुरस्‍कार वरिष्‍ठ नागरिकों के लिये काम करने वाले लोगों को प्रदान किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस को मनाने के लिये 1 अक्तूबर, 1999 को एक प्रस्ताव द्वारा इसे अपनाया था। वर्ष 2013 से 13 विभिन्‍न श्रेणियों में वयोश्रेष्‍ठ सम्‍मान प्रदान किया जाता है। वयोश्रेष्‍ठ सम्‍मान की स्‍थापना सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वर्ष 2005 में की थी तथा इसे वर्ष 2013 में राष्‍ट्रीय पुरस्‍कारों की श्रेणी में लाया गया। यह युवा पीढ़ी को समाज और राष्ट्र के निर्माण में बुज़ुर्गों के योगदान को समझने का अवसर प्रदान करता है। इस पुरस्‍कार के लिये भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों एवं उनके स्वायत्त संगठनों से नामांकन आमंत्रित किये जाते हैं।


'माई हैंडलूम माई प्राइड एक्सपो '

  • कपड़ा और रेल राज्य मंत्री ने हथकरघा उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिये 5 अगस्त, 2022 को नई दिल्ली (जनपथ) में 'माई हैंडलूम माई प्राइड एक्सपो' का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी महिला सांसदों को जनपथ हाट में विशेष हथकरघा एक्सपो में आने और बुनकरों को प्रोत्साहित करने तथा उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समृद्ध हथकरघा विरासत को देखने के लिये आमंत्रित किया था। यह प्रदर्शनी 11 अगस्त, 2022 तक सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक जनता के लिये खुली रहेगी। यह विशेष हथकरघा एक्सपो राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम (NHDC) लिमिटेड के माध्यम से भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के विकास आयुक्त (हथकरघा) कार्यालय की एक पहल है। स्वदेशी आंदोलन जिसकी शुरुआत 7 अगस्त, 1905 को हुई थी, इसने स्वदेशी उद्योगों और विशेष रूप से हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित कियाा। इसी उपलक्ष्य में वर्ष 2015 से भारत सरकार ने प्रत्येक वर्ष 7 अगस्त को ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया। हथकरघा बुनाई कला के पारंपरिक मूल्य से जुड़ा हुआ है और प्रत्येक क्षेत्र में इसकी उत्कृष्ट किस्में देखने को मिलती हैं। पोचमपल्ली, तंगलिया साड़ी, कोटा डोरिया, बनारसी, जामदानी, बलूचरी, इकत, कलमकारी आदि उत्पादों की विशिष्ट बुनाई, डिज़ाइन और पारंपरिक कला की विशिष्टता दुनिया भर के ग्राहकों को आकर्षित करती है।

 

जगदीप धनखड़ 

  • जगदीप धनखड़ 11 अगस्त, 2022 को भारत के उपराष्‍ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करेंगे। वर्तमान  उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडुु का कार्यकाल 10 अगस्त, 2022 को समाप्त हो जाएगा। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन-एनडीए के प्रत्याशी जगदीप धनखड़ देश के 14वें उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार व कॉन्ग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा पर बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई, 1951 को राजस्थान के झुंझूनु ज़िले में एक किसान परिवार में हुआ। उन्होंने चितौड़गढ़ सैनिक स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। भौतिक शास्त्र से स्नातक डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने राजस्थान से ही वकालत की डिग्री हासिल कीऔर राजस्थान उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय में वकालत की। वर्ष 1989 में वह पहली बार राजस्थान के झुंझूनु लोकसभा की सीट से सांसद चुने गए थे। वर्ष 1990 में वह संसदीय राज्यमंत्री बने। वर्ष 1993 में अजमेर ज़िले के किशनगढ़ विधानसभा से राजस्थान विधानसभा के लिये चुने गए। वर्ष 2019 में उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया। उपराष्ट्रपति भारत का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक कार्यालय है। वह पांँच वर्ष के कार्यकाल के लिये कार्य करता है, लेकिन कार्यकाल की समाप्ति के बावजूद तब तक पद पर बना रह सकता है जब तक कि उत्तराधिकारी द्वारा पद ग्रहण नहीं कर लिया जाता है। उपराष्ट्रपति राज्यों की परिषद (राज्यसभा) का पदेन अध्यक्ष होता है।


बढ़े चलो अभियान

  • आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में संस्कृति मंत्रालय ने भारत के अधिक से अधिक युवाओं से जुड़ने और उनके अंदर देशभक्ति की भावना को जागृत करने के उद्देश्य से "बढ़े चलो अभियान" की शुरुआत की है। यह अभियान 5 अगस्त से 10 अगस्त, 2022 तक 10 शहरों में प्रतिदिन आयोजित किया जा रहा है जिसका ग्रैंड फिनाले 12 अगस्त, 2022 को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होगा। बढ़े चलो अभियान का उद्देश्य भारत के सभी क्षेत्र के युवाओं एवं लोगों को एक मंच पर लाना है। इसके तहत झलक नृत्य या फ्लैश डांस की सुविधा होगी, जिसमें नर्तक “युवा गान” पर प्रदर्शन करेंगे। ‘युवा गान’ गीत को ‘बढ़े चलो’ की थीम पर लिखा और कंपोज़ किया गया है। जो लोगों को आगे आने तथा अपने घरों में तिरंगा फहराने के लिये प्रोत्साहित करता है, साथ ही अमृत महोत्सव के संदेश और भावना का भी प्रसार करता है। केंद्र सरकार ने प्रगतिशील भारत के 75 वर्षों के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, उपलब्धियों एवं उसके लोगों के गौरवशाली इतिहास को मनाने हेतु आज़ादी का अमृत महोत्सव पहल शुरू की थी। 


हिम ड्रोन-ए-थॉन कार्यक्रम

  • भारतीय सेना ने 8 अगस्त, 2022 को ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से हिम ड्रोन-ए-थॉन कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह पहल रक्षा निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के अनुरूप है तथा इसका उद्देश्य सीमा पर सैनिकों की आवश्यकताओं को देखते हुए पथ-प्रदर्शक ड्रोन क्षमता विकसित करने के लिये भारतीय ड्रोन पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करना है। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यह कार्यक्रम उद्योग, शिक्षा, सॉफ्टवेयर डेवलपर्स और ड्रोन उत्पाद निर्माताओं सहित सभी हितधारकों के बीच पारस्परिक सहयोग से संचालित किया जाएगा। ड्रोन मानव रहित विमान (Unmanned Aircraft) के लिये प्रयुक्त एक आम शब्द है। मानव रहित विमान के तीन उप-सेट हैं- रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (Remotely Piloted Aircraft), ऑटोनॉमस एयरक्राफ्ट (Autonomous Aircraft) और मॉडल एयरक्राफ्ट (Model Aircraft)। रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट में रिमोट पायलट स्टेशन, आवश्यक कमांड और कंट्रोल लिंक तथा अन्य घटक होते हैं। रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट में रिमोट पायलट स्टेशन, आवश्यक कमांड एवं कंट्रोल लिंक तथा अन्य घटक होते हैं। ड्रोन को उनके वज़न के आधार पर पाँच श्रेणियों में बाँटा गया है-: नैनो- 250 ग्राम से कम, माइक्रो- 250 ग्राम से 2 किग्रा. तक,  स्माल- 2 किग्रा. से 25 किग्रा. तक, मीडियम- 25 किग्रा. से 150 किग्रा. तक, लार्ज- 150 किग्रा. से अधिक।


परवाज़’ मार्केट लिंकेज योजना

  • अभिनव मार्केट लिंकेज योजना परवाज़ में केंद्रशासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर के किसानों की आर्थिक स्थिति को मज़बूत करने की बेहतर क्षमता है। सरकार ने यह योजना जम्‍मू-कश्‍मीर के कृषि और बागवानी क्षेत्र की बाज़ार तक  पहुँच आसान बनाने के उद्देश्‍य से शुरू की है। इसके अंतर्गत जम्‍मू-कश्‍मीर के फलों को हवाई मार्ग से भेजने पर 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी किसानों को प्रत्‍यक्ष अंतरण लाभ के माध्यम से दी जाती है। कार्यान्वयन एजेंसी ‘जम्मू-कश्मीर बागवानी उत्पादन विपणन एवं प्रसंस्करण निगम’  नियमित रूप से इस योजना के बारे में किसानों को जागरूक कर रही है, ताकि बड़ी संख्‍या में किसान इसका लाभ उठा सकें। योजना से संबंधित कार्यों को आसान बनाया गया है और सब्सिडी का भुगतान समय पर किया जा रहा है। इस योजना से किसानों की आय दोगुनी करके उनका आर्थिक और सामाजिक कल्याण सुनिश्चित किया गया है। इस योजना के तहत किसानों की उपज का मूल्य सीधे उनके बैंक खाते में हस्तांतरित किया जाएगा।


डिफेंस एक्सपो-2022’

  • भू-आधारित नौसेनिक और होमलैंड सुरक्षा प्रणालियों पर भारत की प्रमुख प्रदर्शनी ‘डिफेंस एक्सपो’ (डेफएक्सपो-2022) का 12वाँ संस्करण 18-22 अक्तूबर, 2022 के बीच गुजरात के गांधीनगर में आयोजित किया जाएगा। इस पाँच दिवसीय कार्यक्रम में तीन व्यावसायिक दिनों के बाद शेष दो दिन आम जनता के लिये समर्पित होंगे। इस दौरान साबरमती रिवर फ्रंट में सशस्त्र बलों और उद्योग जगत के उपकरणों एवं कौशल का प्रदर्शन सभी स्तरों पर सक्रिय भागीदारी तथा समेकित प्रयासों के माध्यम से किया जाएगा। डेफएक्सपो-2022 रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और वर्ष 2025 तक 5 अरब डॉलर का निर्यात हासिल करने के दृष्टिकोण के अनुरूप है। रक्षा क्षेत्र में यह एशिया का सबसे बड़ा आयोजन है। प्रतिभागियों के समक्ष आ रही लाॅजिस्टिक  संबंधी समस्याओं के कारण इसे मार्च 2022 में स्थगित कर दिया गया था। डेफएक्सपो-2022 में प्रतिभागियों को अपने उपकरणों और प्लेटफाॅर्मों को प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होगा, साथ ही यह व्यावसायिक साझेदारी बनाने के लिये भारतीय रक्षा उद्योग के विस्तार और क्षमताओं का पता लगाने में भी सक्षम होगा। यह आयोजन निवेश को बढ़ावा देने, विनिर्माण क्षमताओं का विस्तार करने एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में सहायता करेगा।

 

22वें राष्ट्रमंडल खेल संपन्न 

  • राष्‍ट्रमंडल खेलों के अंतिम दिन 08 अगस्त को भारत ने चार स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता। 22वें राष्‍ट्रमंडल खेलों का आयोजन 28 जुलाई से 8 अगस्त, 2022 तक बर्मिंघम (इंग्लैंड) में किया गया और 08 अगस्त, 2022 को भव्‍य समारोह के साथ समापन हुआ। 11 दिन तक चले इस आयोजन में 72 देशों के पाँच हज़ार से अधिक खिलाडि़यों ने भाग लिया। समापन समारोह की शुरुआत सोहिल ओशन कलर सीन की संगीतमय प्रस्‍तुति के साथ हुई। राष्‍ट्रीय ध्‍वज के साथ भारतीय दल का नेतृत्‍व मुक्‍केबाज़ निकहत ज़रीन और टेबिल टेनिस खिलाडी अचंता शरत कमल ने किया। बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने महिला एकल का खिताब अपने नाम किया, जबकि लक्ष्‍यसेन ने पुरुष एकल में विजय प्राप्‍त की। पुरुष युगल मुकाबले में चिराग शेट्टी तथा सात्विकसाईराज रनकीरेड्डी ने तीसरा स्‍वर्ण पदक दिलाया। टेबल टेनिस में अचंता शरत कमल ने स्‍वर्ण पदक हासिल किया, जबकि जी. साथियान ने पुरुष एकल का कांस्‍य पदक जीता। पुरुष हॉकी में भारतीय टीम को रजत पदक मिला। समापन के बाद राष्‍ट्रमंडल खेल संघ का ध्‍वज ऑस्‍ट्रेलिया के विक्‍टोरिया प्रांत को सौंप दिया गया। विक्‍टोरिया प्रांत वर्ष 2026 में अगले राष्‍ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी करेगा। भारत 22 स्‍वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्‍य पदक समेत कुल 61 पदक जीतकर चौथे स्‍थान पर रहा। भारत की पदक तालिका में कुश्‍ती का सर्वाधिक योगदान रहा। भारतीय पहलवानों ने 6 स्‍वर्ण पदक सहित 12 पदक जीते, भारोत्‍तोलन में 10 पदक मिले। ऑस्‍ट्रेलिया 67 स्‍वर्ण, 57 रजत और 54 कांस्‍य पदक सहित कुल 178 पदक जीतकर पदक तालिका में सबसे ऊपर रहा, जबकि मेज़बान इंग्‍लैंड 175 पदक के साथ दूसरे स्‍थान पर रहा।


75वाँ राष्‍ट्रीय स्‍थल: पादांग

  • सिंगापुर में 9 अगस्त, 2022 को नेताजी सुभाषचन्‍द्र बोस से जुड़े स्‍थल पादांग को 75वाँ राष्‍ट्रीय स्‍थल घोषित किया गया। पादांग से नेताजी सुभाषचन्‍द्र बोस ने जुलाई 1943 में ‘दिल्ली चलो' का नारा दिया था। सिंगापुर 9 अगस्त, 2022 को अपना 57वाँ राष्‍ट्रीय दिवस मना रहा है। सिंगापुर के राष्‍ट्रीय धरोहर बोर्ड ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि सुदृढ़ राष्‍ट्रीय, ऐतिहासिक और सामाजिक महत्त्व के कारण पादांग को स्‍थल संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत उच्‍च स्‍तर का संरक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके लिये अधिसूचना जारी कर दी गई है। पादांग का सिंगापुर में रह रहे भारतीय समुदाय के लिये विशेष महत्त्व है। यहाँ पर भारतीय सिपाहियों ने अपना पहला शिविर स्‍थापित किया था। इस स्‍थल से नेताजी ने आज़ाद हिन्‍द फौज के हज़ारों सिपाहियों को कई बार संबोधित किया। युद्ध के बाद नेताजी ने पादांग के दक्षिण में आज़ाद हिन्‍द फौज स्‍मारक स्‍थल स्‍थापित किया था। रास बिहारी बोस के निमंत्रण पर सुभाष चंद्र बोस 13 जून, 1943 को पूर्वी एशिया आए। उन्हें इंडियन इंडिपेंडेंस लीग का अध्यक्ष पद तथा इंडियन नेशनल आर्मी (INA) जिसे लोकप्रिय रूप से 'आज़ाद हिंद फौज' कहा जाता है, की कमान सौंपी गई। INA का गठन पहली बार मोहन सिंह और जापानी मेजर इवाइची फुजिवारा द्वारा किया गया था, इसमें मलय (वर्तमान मलेशिया) अभियान एवं सिंगापुर में जापान द्वारा बंदी बनाए गए ब्रिटिश-भारतीय सेना के सैनिक शामिल थे।


इथेनॉल संयंत्र 

  • 10 अगस्त, 2022 को प्रधानमंत्री हरियाणा के पानीपत में दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल संयंत्र का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्‍यम से लोकार्पण करेंगे। यह संयंत्र देश में जैव ईंधन के उत्‍पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के सरकार के विभिन्न उपायों के अनुकूल है जो ऊर्जा क्षेत्र को अधिक सुलभ, सक्षम एवं कुशल बनाने के प्रयासों  के अनुरूप है। दूसरी पीढ़ी के इस इथेनॉल संयंत्र का निर्माण भारतीय तेल निगम लिमिटेड ने 900 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से किया है। यह परियोजना ‘कचरे से कंचन’ उत्‍पादित करने के भारत के प्रयासों में एक नया अध्‍याय जोड़ेगी। इसके तहत लगभग दो लाख टन पराली से प्रतिवर्ष तीन करोड़ लीटर इथेनॉल बनाया जा सकेगा और लगभग तीन लाख टन कार्बन डाईऑक्‍साइड के बराबर ग्रीन हाऊस गैसों का उत्‍सर्जन कम करने में भी मदद मिलेगी। इथेनॉल  प्रमुख जैव ईंधनों में से एक है, जो प्रकृतिक रूप से खमीर अथवा एथिलीन हाइड्रेशन जैसी पेट्रोकेमिकल प्रक्रियाओं के माध्यम से शर्करा के किण्वन द्वारा उत्पन्न होता है। इथेनॉल को गैसोलीन में मिलाकर यह कार चलाने के लिये आवश्यक पेट्रोल की मात्रा को कम कर सकता है जिससे आयातित महंँगे और प्रदूषणकारी पेट्रोलियम पर निर्भरता को कम किया जा सकता है। इथेनॉल अपेक्षाकृत निम्न प्रदूषणकारी ईंधन है जो पेट्रोल की तुलना में कम लागत पर समान दक्षता प्रदान करता है।

 

विश्व शांति आयोग

  • मैक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रे मैनुएल लोपेज़ ओब्रेडॉर ने वैश्विक शांति के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, संयुक्तराष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतेरस और पोप फ्राँसिस के तीन सदस्यीय आयोग बनाने के लिये संयुक्त राष्ट्र को लिखित प्रस्ताव सौंपने की घोषणा की हैं। वैश्विक शांति आयोग के माध्यम से पूरे विश्व में युद्ध रोकने का प्रयास किया जायेगा। आयोग का उद्देश्य कम से कम पाँच वर्ष तक के लिये युद्ध विराम संधि सुनिश्चित करना है। इस कदम से विश्वभर की सरकारों को अपने नागरिकों विशेषकर युद्ध की विभीषिका का सामना कर रहे लोगों को राहत पहुँचाने में मदद मिलेगी। युद्ध और युद्ध जैसी कार्रवाईयाँ रोकने का आह्वान करते हुए मैक्सिको के राष्ट्रपति ने चीन, रूस और अमेरिका से शांति बहाली उपायों की अपील की है। दुनिया में पाँच वर्ष बिना तनाव एवं हिंसा के बीतेगा और शांति रहेगी। इससे युद्ध और उसके प्रभावों से सबसे अधिक पीड़ित लोगों के जीवन में बदलाव लाया जा सकेगा।


49वें मुख्य न्‍यायाधीश

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सर्वोच्च न्यायालय के न्‍यायाधीश उदय उमेश ललित को देश का 49वाँ मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। न्‍यायाधीश ललित 27 अगस्‍त, 2022 को कार्यभार ग्रहण करेंगे। वर्तमान प्रधान न्‍यायाधीश न्‍यायाधीश एन वी रमणा 26 अगस्त, 2022 को सेवानिवृत्त होंगे।।न्‍यायाधीश उदय उमेश ललित को अगस्त 2014 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। न्‍यायाधीश ललित ने दो कार्यकालों के लिये उच्‍चतम न्यायालय विधिक सेवा समिति के सदस्य के रूप में भी कार्य किया है। 9 नवंबर, 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में जन्मे, न्‍यायाधीश ललित को जून 1983 में महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल द्वारा अधिवक्‍ता के रूप में पंजीकृत किया गया था। जनवरी 1986 में सर्वोच्च न्यायालय आने से पहले उन्‍होंने दिसंबर 1985 तक बम्‍बई उच्च न्यायालय में वकालत की। भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय (SC) के न्यायाधीशों को राष्ट्रपति द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) के तहत नियुक्त किया जाता है। मुख्य न्यायाधीश के पद के मामले में देश के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश द्वारा अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश की जाती है। केंद्रीय विधि मंत्री द्वारा मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश प्रधानमंत्री को हस्तांतरित की जाती है और प्रधानमंत्री उसी आधार पर राष्ट्रपति को सलाह देता है। द्वितीय न्यायाधीश मामले में वर्ष 1993 में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया था कि सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश को ही मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया जाना चाहिये। सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम में भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय के चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।


लम्पी-प्रोवैक’ वैक्सीन

  • कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने 10 अगस्त, 2022 को पशुधन को त्वचा रोग से बचाने के लिये स्वदेशी वैक्सीन लम्पी-प्रोवैक का शुभारंभ किया। इस वैक्सीन को हरियाणा स्थित हिसार के राष्ट्रीय अश्‍व अनुसंधान केंद्र ने विकसित किया है। इस अनुसंधान में बरेली स्थित इज्‍जतनगर के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान ने सहयोग किया है। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने इस वैक्सीन को लम्‍पी स्किन डिजीज (LSD) के उन्मूलन हेतु मील का पत्थर बताया है। इस अनुसंधान में वैज्ञानिकों ने सभी मानकों का पालन करते हुए शत-प्रतिशत प्रभावी वैक्सीन विकसित कर ली है। यह वैक्‍सीन LSD से निज़ात दिलाने में कारगर होगी। LSD मवेशियों या भैंस के पॉक्सवायरस लम्पी स्किन डिज़ीज़ वायरस (LSDV) के संक्रमण के कारण होता है। खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, LSD की मृत्यु दर 10% से कम है। इस बीमारी को पहली बार वर्ष 1929 में ज़ाम्बिया में एक महामारी के रूप में देखा गया था। प्रारंभ में यह ज़हर या कीड़े के काटने का अतिसंवेदनशील परिणाम माना जाता था। LSD मुख्य रूप से मच्छरों और मक्खियों के काटने, कीड़ों (वैक्टर) के काटने से जानवरों में फैलता है। संक्रमण के लक्षणों में मुख्य रूप से बुखार, आंँखों और नाक से तरल पदार्थ का निकलना, मुंँह से लार का टपकना शरीर पर छाले आ जाना शामिल है। इस रोग से पीड़ित पशु चारा खाना बंद कर देता है क्योंकि चारा खाने या जुगाली करने के दौरान उसे समस्या होती है, परिणामस्वरूप दुग्ध-उत्पादन में भी कमी आती है।

 

युवा संवाद ‘इंडिया@2047’

  • शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री तथा युवा कार्य और खेल मंत्री 12 जुलाई, 2022 को नई दिल्‍ली में युवा संवाद इंडिया @ 2047 को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में राष्‍ट्रीय युवा पुरस्‍कार विजेता और युवा प्रतिनिधियों सहित लगभग चार सौ युवा भाग ले रहे हैं। अंतर्राष्‍ट्रीय युवा प्रतिनिधियों के रूप में भारत का प्रतिनिधित्‍व करने के लिये युवा कार्य मंत्रालय ने इन्‍हें विभिन्‍न देशों में भेजा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और मार्गदर्शन के तहत भारत, लोगों और उपलब्धियों के गौरवमय इतिहास तथा स्‍वतंत्रता के 75 वर्ष के अवसर पर आज़ादी का अमृत महोत्‍सव मना रहा है। इस महोत्‍सव के अंग के रूप में 8 अगस्‍त से 14 अगस्‍त तक का सप्‍ताह (आइकॉनिक वीक) युवा कार्य और खेल मंत्रालय को आवंटित किया गया है। यह कार्यक्रम प्रतिभागी युवाओं को राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍टीय महत्त्व के विभिन्‍न मुद्दों पर विचार व्‍यक्‍त करने का अवसर उपलब्‍ध कराएगा। इस वर्ष 15 अगस्त 2022 को देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे हो जाएँगे। आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने के 75 हफ्ते पहले, 12 मार्च, 2021 को केंद्र सरकार नेआजादी के अमृत महोत्सव का शुभारंभ किया था जो कि 15 अगस्त 2023 तक चलेगा।


खेलो इंडिया महिला हॉकी लीग’ (अंडर-16)

  • नई दिल्ली और लखनऊ में इस वर्ष के आरंभ में तीन चरणों में आयोजित किये गए खेलो इंडिया महिला हॉकी लीग (अंडर-21) की सफलता के बाद, अंडर-16 लड़कियों के लिये उसी प्रकार की एक और लीग 16 अगस्त, 2022 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में शुरू होगी। पहली खेलो इंडिया महिला हॉकी लीग (अंडर-16) का पहला चरण 16 से 23 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें देश भर की कुल 16 टीमें भाग ले रही हैं। इसके पहले चरण में कुल 56 मैच खेले जाएंगे और 300 से अधिक खिलाड़ी इसमें भाग लेंगे। ‘भारतीय खेल प्राधिकरण’ ने प्रतियोगिता के 3 चरणों के लिये कुल 53.72 लाख रुपए आवंटित किये हैं। इस राशि में 15.5 लाख रुपए की पुरस्कार राशि भी शामिल है। खेलो इंडिया महिला हॉकी लीग (अंडर-16) का पहला चरण और दूसरा चरण राउंड-रॉबिन प्रारूप में खेला जाएगा। पहले 2 चरणों के पूरा होने के बाद टीमों की अंतिम रैंकिंग निर्धारित की जाएगी। तीसरे चरण में अलग-अलग वर्गों में मैच आयोजित किये जाएँगे, जहाँ प्रत्येक टीम कम-से-कम 3 मैच खेलेगी। वर्तमान में केवल सीनियर वर्ग के लिये ही प्रतियोगिता/टूर्नामेंट के रूप में अवसर उपलब्ध हैं, लेकिन विशेष रूप से जूनियर और सब जूनियर स्तर पर महिला हॉकी में उनके पास इतनी संख्या में टूर्नामेंट और प्रतियोगिता में भाग लेने के अवसर नहीं हैं, जहाँ वे अपने हुनर को निखार सकें, आकलन कर सकें और अपनी प्रशिक्षण और क्षमताओं में वृद्धि कर सकें। अतः खेलो इंडिया महिला हॉकी लीग (अंडर-16) महिलाओं के लिये खेलों में बढ़ावा देने की दिशा में एक और प्रयास है, जो खेल प्रतियोगिताओं की एक विस्तृत शृंखला में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक प्रयास करता है।

 

पार्श्वगायक सुबन्ना

  • कन्नड़ भाषा के प्रसिद्ध पार्श्वगायक सुबन्ना का 11 अगस्त, 2022 को बंगलूरू में हृदयघात से निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे। वह दशकों तक कन्नड़ संगीत की दुनिया में छाए रहे। सुबन्ना पहले कन्नड़ गायक थे, जिन्हें उनके गीत काडू कुडूर ओडि बेनडिटा के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रकवि कुवेम्पु द्वारा लिखित 'बारीसु कन्नड़ दिंडीमावा' गाने के बाद वह कर्नाटक में प्रसिद्ध हो गए। उन्हें सुगमा संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिये जाना जाता है, यह एक शैली है जो कन्नड़ में कविता संगीत के लिये निर्धारित है। सुबन्ना ने कुवेम्पु एवं दा रा बेंद्रे जैसे प्रसिद्ध कवियों की कविताओं पर काम किया और गाया है तथा कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किये हैं। वह आकाशवाणी और दूरदर्शन के गायक भी थे और उन्होंने एक वकील के रूप में काम किया था।


अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस, 2022

  • युवाओं की समस्याओं को पहचानने और उन पर ध्यान दिलाने के लिये प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1999 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। यह संयुक्त राष्ट्र महासभा में, लिस्बन में युवाओं के कल्याण के लिये ज़िम्मेदार मंत्रियों के विश्व सम्मेलन द्वारा की गई सिफारिश पर आधारित था। प्रथम अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस 12 अगस्त, 2000 को मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र हर साल एक थीम तय करता है जो सभी वैश्विक समुदायों और नागरिकों के लिये प्रासंगिक है। वर्ष 2022 के लिये इस दिवस की थीम “अंतरपीढ़ीगत एकजुटता: सभी उम्र हेतु विश्व का निर्माण (Intergenerational solidarity: Creating a world for all ages)” है। हालाँकि युवा क्षमता को साकार करने संबंधी विभिन्न चुनौतियाँ मौजूद हैं, भारत की अल्प वित्तपोषित शिक्षा प्रणाली रोज़गार के उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिये युवाओं को आवश्यक कौशल प्रदान करने हेतु अपर्याप्त अवसर है। विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि महामारी के कारण स्कूल बंद होने से बच्चों के सीखने, जीवन और मानसिक कल्याण पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के सर्वेक्षण से पता चलता है कि विश्व में 65% किशोरों ने महामारी के दौरान कम सीखने की सूचना दी। बाल विवाह, लिंग आधारित हिंसा, दुर्व्यवहार और तस्करी के प्रति उनकी संवेदनशीलता, ये सभी मुद्दे युवा महिलाओं को उनकी पूरी क्षमता हासिल करने से रोकते हैं।


'मीठी क्रांति (स्वीट रिवोल्यूशन)'

  • मधुमक्खी पालन और उससे संबद्ध गतिविधियों को बढ़ावा देने के माध्यम से प्रधानमंत्री की 'मीठी क्रांति (स्वीट रिवोल्यूशन)' की परिकल्पना के अनुरूप शहद की निर्यात क्षमता का दोहन करने के लिये केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और किसानों के सहयोग से देश भर में कार्यक्रमों की एक शृंखला आयोजित करने की योजना बनाई है। ऐसा ही एक कार्यक्रम चंडीगढ़ में निर्यातकों, हितधारकों और सरकारी अधिकारियों को शामिल करते हुए शहद के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये ‘वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय’ के अंतर्गत ‘कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA)’ द्वारा आयोजित किया जाना है जिसमें गुणवत्ता उत्पादन सुनिश्चित करके किसानों को शहद उत्पादन के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा। विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक स्तर पर शहद की प्राकृतिक प्रतिरक्षा बूस्टर विशेषताओं और चीनी के एक स्वस्थ्य विकल्प के कारण इसकी खपत में कई गुना वृद्धि को देखते हुए APEDA का लक्ष्य अब नए देशों में गुणवत्ता उत्पादन और बाज़ार विस्तार सुनिश्चित करके शहद के निर्यात को बढ़ावा देना है। वर्तमान में भारत का प्राकृतिक शहद निर्यात मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के बाज़ार पर निर्भर है जो इस निर्यात का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत पहल’ के एक हिस्से के रूप में सरकार ने ‘राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (NBHM)’ के लिये तीन वर्ष (2020-21 से 2022-23) की अवधि हेतु 500 करोड़ रुपए के आवंटन को मंज़ूरी दी है।

 

एक  ज़िला-एक उत्पाद उपहार सूची

  • हाल ही में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्‍ली में एक ज़िला-एक उत्पाद उपहार सूची का डिजिटल संस्करण जारी किया। वाणिज्‍य भवन में निर्यात संवर्धन परिषद और उद्योग संघों की बैठक में वाणिज्‍य मंत्री ने कहा कि एक ज़िला एक उत्‍पाद - उपहार सूची देश के सभी ज़िलों की क्षमता उज़ागर करने की दिशा में एक कदम है और इससे देश के विविध स्वदेशी उत्पादों को वैश्विक मान्यता मिलेगी। श्री गोयल ने सभी संबंधित मंत्रालयों, उद्योग संघों और निर्यात संवर्धन परिषदों से डिज़ाइन और ब्राण्डिंग को बढ़ावा देने के लिये कैटलॉग के माध्‍यम से उत्पादों का उपयोग करने का अनुरोध किया। वाणिज्‍य मंत्री ने कहा कि कैटलॉग से उत्पादों का उपयोग अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में स्थानीय उत्पादों की ब्राण्ड इमेज को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि इससे मेक इन इंडिया और मेक फॉर वर्ल्ड दृष्टिकोण को बढ़ावा मिल रहा है। एक ज़िला-एक उत्पाद उपहार सूची में विभिन्‍न प्रकार के इत्र-सुगंध और तेल, भारतीय मदिरा, गृह सज्ज़ा उत्पाद तथा रेशम और शॉल सहित कई अन्य उत्पाद शामिल हैं।

डूरंड कप

  • डूरंड कप फुटबॉल टूर्नामेंट का 131वाँ सत्र 16 अगस्त, 2022 से शुरू होगा। टूर्नामेंट में 20 टीमें शामिल होंगी, सभी को पाँच-पाँच टीमों के चार समूहों में बाँटा गया है। डूरंड कप का आयोजन पहली बार पश्चिम बंगाल, असम और मणिपुर के कई शहरों में किया जाएगा। दुनिया का तीसरा सबसे पुराना और एशिया का सबसे पुराना फुटबॉल टूर्नामेंट डूरंड कप पहली बार वर्ष 1888 में डगशाई (हिमाचल प्रदेश) में आयोजित किया गया था और इसका नाम मोर्टिमर डूरंड के नाम पर रखा गया था, जो उस समय भारत के प्रभारी विदेश सचिव थे। टूर्नामेंट शुरू में ब्रिटिश सैनिकों के बीच स्वास्थ्य और फिटनेस को बनाए रखने का सचेत तरीका था, लेकिन बाद में इसे नागरिकों हेतु खोल दिया गया और वर्तमान में यह दुनिया के प्रमुख खेल आयोजनों में से एक है। मोहन बागान और ईस्ट बंगाल डूरंड कप के इतिहास में सबसे सफल टीमें हैं जिन्होंने इसे सोलह बार जीता है।

 

चार वॉलन्‍टरी ट्रस्‍ट में भारत का योगदान 

भारत ने चार वॉलन्‍टरी ट्रस्‍ट फंड में चार लाख डॉलर का योगदान किया है। यह राशि संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार के वैश्विक मानव अधिकार प्रोत्‍साहन और संरक्षण के सहयोग में दी गई है। जिनेवा में संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत के स्‍थायी मिशन ने एक ट्वीट में कहा है कि यह योगदान इस संबंध में भारत की प्रतिबद्धता दर्शाता है। यह राशि चार ट्रस्‍ट फंड, वॉलन्‍टरी फंड फॉर विक्टिम्‍स ऑफ टॉर्चर, द वॉलन्‍टरी फंड फॉर टेक्‍नीकल कॉपरेशन, द वॉलन्‍टरी फंड फॉर फाइनेंसियल एण्‍ड टेक्‍नीकल असिसटेंस फॉर द इम्‍पलीमेंटेशन ऑफ यूनिवर्सल पीरियोडिक रिव्‍यू और द वॉलन्‍टरी टेक्‍नीकल असिसटेंस ट्रस्‍ट फंड टू सपोर्टस द पार्टिपेसन्‍स ऑफ एल डी सी एण्‍ड एस आई डी इन वर्क ऑफ काउन्‍सिल को दिया गया है।। मानवाधिकार परिषद संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर एक अंतर-सरकारी निकाय है जो दुनिया भर में मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण को मज़बूत करने हेतु ज़िम्मेदार है। इस परिषद का गठन वर्ष 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा किया गया था। इसने मानवाधिकार पर पूर्व संयुक्त राष्ट्र आयोग का स्थान लिया था। मानवाधिकार हेतु उच्चायुक्त का कार्यालय (OHCHR) मानवाधिकार परिषद के सचिवालय के रूप में कार्य करता है। OHCHR का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित है।

भारतीय फुटबॉल महासंघ 

  • विश्व फुटबॉल संचालन संस्था फीफा ने भारतीय फुटबॉल महासंघ को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। फीफा के नियमों के गंभीर उल्लंघन की वजह से यह निर्णय लिया गया है। भारतीय फुटबॉल महासंघ को अपने 85 साल के इतिहास में पहली बार फीफा से निलंबन का सामना करना पड़ा है। इस वजह से भारत में 11 से 30 अक्तूबर के बीच होने वाला फीफा अंडर-17 महिला विश्‍व कप टल गया है। इस निलंबन का मतलब यह है कि जब तक यह जारी रहेगा तब तक भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम और भारतीय महिला फुटबॉल टीम किसी भी अंतर्राष्ट्रीय मैच में हिस्सा नहीं ले पाएगी। साथ ही कोई भी खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय लीग में हिस्सा नहीं ले पाएगा। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) एक राष्ट्रीय संघ है जिसकी स्थापना वर्ष 1937 में शिमला स्थित सेना मुख्यालय में हुई थी। महासंघ के रूप में यह देश भर में फुटबॉल प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। AIFF एशियाई फुटबॉल परिसंघ (AFC) के संस्थापक सदस्यों में से एक है, जो एशिया में फुटबॉल का प्रबंधन करता है।


राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा ’

  • केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री ने नागरिकों की भागीदारी द्वारा नया पाठ्यक्रम विकसित करने के लिये राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF) हेतु नागरिक सर्वेक्षण में भाग लेने का आग्रह किया है।   के अनुरूप एक सशक्त राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा, विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी। एक जीवंत, सशक्त, समावेशी और भविष्यवादी राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा का विकास वैश्विक दृष्टिकोण के साथ समन्वित सांस्कृतिक सुदृढ़ता सहित, शिक्षा को औपनिवेशिक प्रभाव से मुक्त करने और हमारी अगली पीढ़ियों में गर्व की गहरी भावना पैदा करने के लिये अत्यंत आवश्यक है। शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा तैयार करने और बाद में पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और अन्य शिक्षण सामग्री के डिज़ाइन के लिये एक ऑनलाइन सार्वजनिक परामर्श सर्वेक्षण के माध्यम से जनता के सुझाव आमंत्रित किये हैं। भारत सरकार ने 29 जुलाई, 2020 को NEP, 2020 की घोषणा की, जो राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा विकसित करते हुए शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार की सिफारिश करती है। ज़िला परामर्श समितियों, राज्य-केंद्रित समूहों और राज्य संचालन समिति, राष्ट्रीय केंद्रित समूहों, राष्ट्रीय संचालन समिति आदि के गठन के माध्यम से राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा की प्रक्रिया शुरूआत की गई है।

 

पंच प्राण’ (Panch Pran) लक्ष्य

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2022  को भारत के लोगों से विकसित राष्ट्र के लिये "पंच प्राण" (पाँच प्रतिज्ञा) लेने का आह्वान किया और वर्ष 2047, भारत की स्वतंत्रता का 100वें वर्ष तक स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने का लक्ष्य रखा। प्रधानमंत्री ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन पाँच प्रतिज्ञाओं के बारे में बात की जिन पर देश को अगले 25 वर्षों तक ध्यान देने की आवश्यकता है। आने वाले 25 साल के लिये उन पंच प्राण पर अपनी शक्ति को केंद्रित करना होगा। वर्ष 2047 जब आज़ादी के 100 साल होंगे, आजादी के दिवानों के सारे सपने पूरे करने की ज़िम्मेदारी उठानी होगी। पहला प्राण लक्ष्य: विकसित भारत के बड़े संकल्प और संकल्प के साथ आगे बढ़ना है। दूसरा प्राण लक्ष्य: दासता के सभी निशान मिटाना है। भले ही हम अपने अंदर या अपने आस-पास दासता की छोटी-छोटी चीजें देखें, हमें इससे छुटकारा पाना होगा। तीसरा प्राण लक्ष्य: हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिये। चौथा प्राण लक्ष्य: एकता और एकजुटता। 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के हमारे सपनों के लिये एकता ही ताकत है। पाँचवाँ प्राण लक्ष्य: नागरिकों का कर्तव्य, इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है, राष्ट्रपति भी बाहर नहीं है और मुख्यमंत्री भी नहीं।


भारतीय दूतावास आवासीय परिसर ’

  • भारत के विदेश मंत्री ने 17, 2022 अगस्त को बैंकॉक में थाईलैंड के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के साथ ‘भारतीय दूतावास आवासीय परिसर’ का उद्घाटन किया। विदेश मंत्री भारत-थाईलैंड की ‘नौवीं संयुक्‍त आयोग’ की बैठक में हिस्‍सा लेने के लिये थाईलैंड के दौरे पर हैं। इससे पहले उन्‍होंने थाईलैंड के प्रधानमंत्री  से भी मुलाकात की और उन्हें शुभकामनाएँ दी। विदेश मंत्री, बैंकॉक के एम.राल्‍ड बुद्ध मंदिर भी गए। भारत और थाईलैंड संयुक्‍त आयोग की नौवीं बैठक भी 17 अगस्त को बैंकॉक में संपन्न हुई। इस बैठक की अध्‍यक्षता भारत के विदेश मंत्री और थाईलैंड के उप-प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री ने संयुक्‍त रूप से की। इस बैठक में सभी द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करने पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा के साथ-साथ रक्षा, संपर्क और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में संबंध बढ़ाने एवं आसियान और बिमस्‍टेक में सहयोग पर भी चर्चा की। इस दौरान भारत और थाईलैंड ने हिंद-प्रशांत योजना पर भी विचार साझा किये।


पालन 1000 राष्ट्रीय अभियान

  • केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने 16 अगस्त, 2022 को वर्चुअल मोड में ‘पालन 1000 राष्ट्रीय अभियान’ लॉन्च किया। इस अवसर पर एक पेरेंटिंग एप्लीकेशन का भी अनावरण किया गया जो मुख्य रूप से पहले दो वर्षों में बच्चों के विकास पर केंद्रित है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री के अनुसार भारत ने वर्ष 2014 से बाल मृत्यु दर को कम करने के लिये त्वरित कदम उठाए हैं। परिणामस्वरूप बाल मृत्यु दर वर्ष 2019 में घटकर 1000 जीवित जन्मों पर 35 हो गई है, जबकि वर्ष 2014 में यह प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 45 थी। यह अभियान इसलिये शुरू किया गया है क्योंकि पहले 1000 दिन बच्चे के शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक, संज्ञानात्मक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिये एक ठोस आधार के रूप में कार्य करते हैं। ‘Paalan 1000 Journey of the First 1000 Days’ में परिवारों, माता-पिता और देखभाल करने वालों के लिये प्रारंभिक वर्षों के प्रशिक्षण के साथ-साथ परिवारों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने वाली सेवाएँ भी शामिल हैं। “Early Childhood Development Conclave” में पेरेंटिंग एप्लीकेशन लॉन्च किया गया था ताकि देखभाल करने वालों को व्यावहारिक सलाह दी जा सके कि वे रोज़मर्रा की दिनचर्या में क्या कर सकते हैं। यह माता-पिता के कई संदेहों को सुलझाने में भी मदद करेगा।

 

देश  का पहला हर घर जल राज्‍य तथा केंद्रशासित प्रदेश

  • गोवा वर्ष 2020 में हर घर जल प्रमाणित देश का पहला राज्‍य बन गया था, जबकि हाल ही में दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव को हर घर जल प्रमाणित देश का पहला केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया है। इस राज्‍य और केंद्रशासित प्रदेश में सभी गाँवों ने ग्रामसभा की ओर से पारित एक प्रस्‍ताव के जरिये स्वयं को हर घर जल ग्राम घोषित किया है। गोवा के सभी दो लाख 63 हज़ार ग्रामीण परिवारों और दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन और दीव के 85 हज़ार से ज़्यादा परिवारों को अब नल के जरिये स्वच्छ एवं सुरक्षित पेय जल प्राप्त हो रहा है। जलशक्ति मंत्रालय ने एक वक्‍तव्‍य में बताया कि कोविड 19  महामारी की अनेक चुनौतियों तथा बाधाओं के बावज़ूद पंचायत प्रतिनिधियों, पानी समितियों, ज़िला तथा राज्‍य और केद्रशासित प्रदेश के अधिकारियों के अथक प्रयासों से हर घर जल का अभियान सफल हुआ है, यह अभियान जल जीवन मिशन का हिस्सा है। सभी स्‍कूलों, आँगनबाड़ी केंद्रों , ग्राम-पंचायत भवनों, स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों, सामुदायिक केंद्रों तथा अन्‍य सरकारी कार्यालयों में नल के जरिये पेयजल प्राप्त हो रहा है। जल जीवन मिशन वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया यह मिशन वर्ष 2024 तक ‘कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन’ (FHTC) के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर जल की आपूर्ति की परिकल्पना करता है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य जल को आंदोलन के रूप में विकसित करना है, ताकि इसे लोगों की प्राथमिकता बनाया जा सके। यह मिशन भारत सरकार के ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अंतर्गत क्रियान्वित हो रहा है।


स्वच्छता पखवाड़ा ’

  • कैबिनेट सचिवालय और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के निर्देशानुसार कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (MCA) 16 से 31 अगस्त, 2022 तक ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ का आयोजन कर रहा है। कार्यक्रम के तहत MCA में स्वच्छता शपथ का आयोजन किया तथा कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के सचिव द्वारा शपथ दिलायी गई। इसके अलावा, स्वच्छता पखवाड़ा के हिस्से के रूप में मंत्रालय में इस अवधि के दौरान विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जायेंगी जैसे; फर्नीचर सहित बेकार और अनुपयोगी वस्तुओं का निपटान, पुरानी फाइलों और अभिलेखों की समीक्षा और निपटान, स्वच्छता पर वेबिनार, स्वच्छता पर निबंध प्रतियोगिता आदि। इस अवधि में कॉरपोरेट कार्य महानिदेशक के तहत क्षेत्रीय कार्यालयों समेत मंत्रालय के विभिन्न वैधानिक प्राधिकरण तथा संबद्ध कार्यालय भी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करेंगे। स्वच्छता पखवाड़ा अप्रैल, 2016 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य सभी सरकारी मंत्रालयों और विभागों को उनके अधिकार क्षेत्र में शामिल करके स्वच्छता के मुद्दों और प्रथाओं पर एक पखवाड़े का गहन ध्यान केंद्रित करना था। स्वच्छता पखवाड़ा से संबद्ध गतिविधियों की योजना बनाने हेतु मंत्रालयों के बीच एक वार्षिक कैलेंडर भी परिचालित किया जाता है।

आत्मनिरीक्षण: सशस्त्र बल न्यायाधिकरण '

  • रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह 20 अगस्त, 2022 को नई दिल्ली में सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (प्रिंसिपल बेंच) बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित 'आत्मनिरीक्षण: सशस्त्र बल न्यायाधिकरण' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करेंगे। संगोष्ठी का आयोजन सशस्त्र बलों के सेवारत कर्मियों के अलावा भूतपूर्व सैनिकों, उनके परिवारों और युद्ध-विधवाओं को त्वरित और सस्ता न्याय सुनिश्चित करने के लिये स्थापित सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के कामकाज की जाँच हेतु किया जा रहा है। संगोष्ठी का उद्देश्य इसकी कार्यप्रणाली का विश्लेषण करना, किसी भी कमी के लिये उपाय सुझाना और त्वरित न्याय प्राप्त करने के दौरान वादियों की समस्याओं एवं कठिनाइयों का समाधान करना है। संगोष्ठी में रक्षा मंत्रालय, कानून और न्याय मंत्रालय और न्यायपालिका के वरिष्ठ अधिकारियों के भाग लेंगे। यह सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के स्थापना दिवस समारोह के एक भाग के रूप में आयोजित किया जा रहा है।

 

17वाँ प्रवासी भारतीय दिवस 2023

  • 17वाँ प्रवासी भारतीय दिवस जनवरी 2023 में इंदौर में आयोजित किया जाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि दूतावास, पासपोर्ट और वीज़ा प्रभाग के सचिव औसफ सईद तथा  मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने प्रवासी भारतीय दिवस की मेजबानी के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित थे। प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bharatiya Divas- PBD) भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने हेतु मनाया जाता है। 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाने के दिन के रूप में चुना गया था क्योंकि इसी दिन वर्ष 1915 में महान प्रवासी महात्मा गांधी, दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्त्व किया और भारतीयों के जीवन को हमेशा के लिये बदल दिया। वर्ष 2003 से प्रवासी दिवस मनाने की शुरुआत की गई लेकिन वर्ष 2015 में इसे संशोधित किया गया और प्रत्येक दो वर्ष पर इसे मनाने का निर्णय लिया गया। यह तब एक विषय-आधारित सम्मेलन था जिसे प्रत्येक वर्ष अंतरिम अवधि के दौरान किया जाता था। PBD सम्मेलन प्रत्येक दो वर्ष में एक बार आयोजित किया जाता हैं। प्रवासी भारतीय दिवस 2021: 16वाँ PBD सम्मेलन वस्तुतः नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। जिसकी थीम "आत्मनिर्भर भारत में योगदान" थी।

एक्वा बाज़ार ’

  • केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने 19 अगस्त, 2022 को राष्ट्रीय मत्स्यिकी विकास बोर्ड (NFDB) की बैठक के दौरान "मत्स्यसेतु" मोबाइल ऐप में ऑनलाइन मार्केट प्लेस फीचर "एक्वा बाज़ार" का शुभारंभ किया। इस ऐप को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान और केंद्रीय मीठा जल जीवपालन अनुसंधान संस्थान (ICAR-CIFA), भुवनेश्वर द्वारा विकसित किया गया है, जिसे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के माध्यम से राष्ट्रीय मत्स्यिकी विकास बोर्ड (NFDB), हैदराबाद द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। ऑनलाइन मार्केटप्लेस मत्स्य किसानों और हितधारकों को मत्स्यपालन के लिये आवश्यक सेवाएँ, मछली के बीज, चारा और दवाओं जैसे इनपुट सामग्री की प्राप्ति में मदद करेगा। इस मार्केटप्लेस का उद्देश्य जलीय कृषि क्षेत्र में शामिल विभिन्न हितधारकों को आपस में जोड़ना है। देश में मीठे पानी की जलीय कृषि की सफलता और विकास के लिये सही स्थान तथा सही समय पर गुणवत्तापूर्ण इनपुट सामग्री की उपलब्धता के संदर्भ में विश्वसनीय जानकारी बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। इन समस्याओं के समाधान हेतु ICAR-CIFA और NFDB ने सभी हितधारकों को एक मंच पर लाने के लिये इस डिजिटल प्लेटफॉर्म को विकसित किया है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से, कोई भी पंजीकृत विक्रेता अपनी इनपुट सामग्री को सूचीबद्ध कर सकता है।

 

दही हांडी को खेल का दर्जा

  • हाल ही में दही हांडी को महाराष्ट्र में खेल का दर्जा दिया गया है। इसे एक तरह का एडवेंचर स्पोर्ट्स माना जाएगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में बताया कि दही हांडी में शामिल होने वाले गोविंदाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ, सरकारी नौकरियों में 5 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। गोविंदा को अब बीमा सुरक्षा भी प्रदान की जाएगी। यदि दही हांडी खेलते समय कोई दुर्घटना हो जाती है और ऐसी स्थिति में किसी गोविंदा की मृत्यु हो जाती है तो संबंधित गोविंदा के परिजनों को सहायता के रूप में 10 लाख रुपए की राशि दी जाएगी। गोविंदा की दोनों आँखें या दोनों पैर या दोनों हाथ या शरीर के कोई दो महत्त्वपूर्ण अंगों पर गंभीर चोट लगने पर राज्य सरकार की ओर से उसे साढ़े सात लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। ऐसे में यदि किसी गोविंदा का हाथ, पैर या शरीर का कोई अंग ख़राब हो जाता है तो ऐसी स्थिति में उसे 5 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। दही हांडी पर्व को मनाने के लिये मिट्टी के घड़े में दही या माखन भरकर उसे रस्सी के सहारे लटका दिया जाता है। इस उत्सव में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को गोविंदा कहा जाता है। गोविंदाओं की टोली मानव पिरामिड बनाकर रस्सी के सहारे लटके दही और माखन से भरी हुई मटकी को तोड़ने का प्रयास करते हैं। दही हांडी का उत्सव भगवान कृष्ण की आराधना का एक हिस्सा है। इसके माध्यम से भगवान कृष्ण द्वारा बाल अवस्था में की गई लीलाओं और शरारतों का चित्रण किया जाता है। वर्ष 1907 में मुंबई में शुरू हुई दही हांडी की परंपरा नवी मुंबई के पास घनसोली गाँव में पिछले 104 वर्षों से चली आ रही है। दही हांडी उत्सव को देखने के लिये देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग यहाँ आते हैं।


अंतिम पंघल-अंडर-20 विश्‍व कुश्‍ती चैंपियनशिप में स्‍वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान

  • हरियाणा की 17 वर्षीय अंतिम पंघल बुलगारिया के सोफिया में अंडर-20 विश्‍व कुश्‍ती चैंपियनशिप में स्‍वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं। उन्‍होंने 53 किलोग्राम वर्ग में कज़ाखस्तान की एटलिन शागायेवा को 8-0 से हराया। भारत के लिये यह स्‍वर्ण पदक ऐतिहासिक है क्‍योंकि भारत को अंडर-20 विश्‍व चैंपियनशिप की महिला कुश्‍ती में अभी तक कोई स्‍वर्ण पदक नहीं मिला था। अंतिम पंघल हरियाणा में हिसार ज़िले के भगाना गाँव की निवासी हैं। सोनम मलिक ने 62 किलोग्राम और प्रियंका ने 65 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता। विश्व कुश्ती चैंपियनशिप संयुक्त विश्व कुश्ती द्वारा आयोजित शौकिया (Amateur) कुश्ती विश्व चैंपियनशिप हैं। पुरुषों का ग्रीको-रोमन कुश्ती टूर्नामेंट वर्ष 1904 में शुरू हुआ और पुरुषों का फ्रीस्टाइल कुश्ती टूर्नामेंट वर्ष 1951 में शुरू हुआ। महिला फ्रीस्टाइल कुश्ती टूर्नामेंट पहली बार वर्ष 1987 में आयोजित किया गया था।

इलेक्ट्रिक डबल डेकर बस

  • केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने मुंबई में भारत की पहली एसी डबल डेकर इलेक्ट्रिक बस (Double Decker Electric Bus) का उद्घाटन किया। अशोक लीलैंड समर्थित स्विच मोबिलिटी लिमिटेड (Switch) द्वारा निर्मित इस इलेक्ट्रिक डबल-डेकर में अधिक क्षमता है और यह सिंगल-डेकर बसों की तुलना में लगभग दोगुने यात्रियों को ले जा सकती है। इलेक्ट्रिक बस में फील गुड इंटीरियर और एक्सटीरियर के साथ समकालीन स्टाइल है। सिंगल-डेकर बस की तुलना में स्विच इलेक्ट्रिक डबल-डेकर (Switch electric bus) दोगुने यात्रियों का भार वहन करने में सक्षम है, जिसमें कर्ब वेट में सिर्फ 18 प्रतिशत की वृद्धि होती है। इसमें पॉवरिंग स्विच 231 kWh क्षमता, 2-स्ट्रिंग, लिक्विड-कूल्ड, उच्च घनत्व NMC केमिस्ट्री बैटरी पैक है जिसमें डुअल गन चार्जिंग सिस्टम है। यह इलेक्ट्रिक डबल डेकर को शहर के भीतर 250 किलोमीटर की सीमा तक अनुप्रयोग के लिये सक्षम बनाता है। भारत में भविष्य में इलेक्ट्रिक बसें बड़े पैमाने पर सार्वजनिक परिवहन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। यह ईंधन आयात बिल को कम करने की सरकार की पहल का समर्थन करेगी। इसके अलावा वायु प्रदूषण को रोकने में मदद मिलेगी।

 

चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह

  • चंडीगढ़ के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के नाम पर रखे जाने पर पंजाब और हरियाणा सहमत हो गए हैं। गौरतलब है कि इस हवाई अड्डे के नाम को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से विवाद बना हुआ था, क्योंकि इसके निर्माण में केंद्र सरकार के अलावा पंजाब और हरियाणा की भी हिस्सेदारी है। हवाई अड्डे का टर्मिनल पंजाब के मोहाली में पड़ता है। यह 485 करोड़ रुपए की भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, पंजाब और हरियाणा सरकार की संयुक्त परियोजना है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के लायलपुर ज़िले में हुआ था। जो वर्तमान में पाकिस्तान में है। वर्ष 1919 में 12 साल की उम्र में भगत सिंह ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के स्थल का दौरा किया था, जहाँ एक सार्वजनिक सभा के दौरान हज़ारों निहत्थे लोगों को मार दिया गया था। भगत सिंह अराजकतावाद (Anarchism) एवं साम्यवाद (Communism) के प्रति आकर्षित थे। वे ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (Hindustan Republican Association) में भी शामिल हुए जिसके प्रमुख नेता चंद्रशेखर आज़ाद, राम प्रसाद बिस्मिल एवं शाहिद अशफाकल्लाह खान थे। ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का पहली बार नारे के रूप में प्रयोग भगत सिंह ने किया था साथ ही इस नारे को चर्चित बनाया था। भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 को फाँसी दे दी गई।

गरबा नृत्य’

  • भारत ने गरबा नृत्य को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की सांस्कृतिक सूची में शामिल किये जाने के लिये नामित किया है। UNESCO के निदेशक ऐरिक फॉल्ट ने कहा कि UNESCO की अदृश्य सांस्कृतिक विरासत में पिछले वर्ष दुर्गा पूजा को शामिल किये जाने के बाद अब भारत ने गरबा को वर्ष 2022 के लिये नामित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि UNESCO की अगली बैठक नवंबर 2022 में होगी और आशा है कि भारतीय समारोह से संबंधित एक और सुन्दर नृत्य गरबा को UNESCO की अदृश्य सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल कर लिया जाएगा। भारत को जुलाई 2022 में अदृश्य सांस्कृतिक विरासत सुरक्षा से संबंधित वर्ष 2003 की अंतर-सरकारी समिति के लिये 155 देशों की समिति में 110 मतों से चुना गया था। गरबा, गुजरात का प्रसिद्ध लोकनृत्य है। यह नाम संस्कृत के ‘गर्भ-द्वीप’ शब्द से बना है। गरबा नृत्य के लिये कम-से-कम दो सदस्यों का होना अनिवार्य होता है| इस नृत्य में 'डांडिया' का प्रयोग किया जाता है| इस नृत्य को करते समय डांडिया को आपस  में टकराकर नृत्य किया जाता है| गरबा, गुजरात के सबसे प्रसिद्ध नृत्य में से एक है| आरंभ में देवी के निकट सछिद्र घट में दीप ले जाने के क्रम में यह नृत्य होता था। इस प्रकार यह घट दीपगर्भ कहलाता था। वर्णलोप से यही शब्द बाद में गरबा बन गया। गरबा नृत्य में ताली, चुटकी, खंजरी, डंडा, मंजीरा आदि का प्रयोग ताल देने के लिये होता हैं तथा स्त्रियाँ दो अथवा चार के समूह में मिलकर विभिन्न प्रकार से नृत्य करती हैं और देवी-गीत गाती हैं।

 

अंतर्राष्ट्रीय  खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी ओलंपियाड

  • भारत ने खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी (IOAA) पर आयोजित 15वें अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड की पदक तालिका में तीसरा स्थान हासिल किया है। प्रतिभागियों के तीन स्वर्ण और दो रजत पदक जीतने के साथ भारत सिंगापुर के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहा। खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी (IOAA) पर 15वाँ अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड 14 से 21 अगस्त, 2022 तक जॉर्जिया के कुटैसी में आयोजित किया गया। भारत का व्यक्तिगत प्रदर्शन कुछ इस प्रकार रहा: राघव गोयल, मो. साहिल अख्तर तथा मेहुल बोराद ने स्वर्ण जबकि मलय केडिया तथा अथर्व नीलेश महाजन ने रजत पदक जीता।आईओएए, 2022 में 37 मुख्य और 6 अतिथि टीमों के 209 प्रतिभागी शामिल हुए। इसके अलावा, 6 देशों के 24 छात्रों ने ऑनलाइन हिस्सा लिया। इस वर्ष की प्रतियोगिता पहले यूक्रेन के कीव में आयोजित होने वाली थी, लेकिन यूक्रेन में युद्ध के कारण मार्च 2022 में इसे जॉर्जिया के कुटैसी में स्थानांतरित कर दिया गया। पदक तालिका में ईरान प्रथम स्थान पर है। ईरान की आधिकारिक टीम को 5 स्वर्ण तथा अतिथि टीम को 4 स्वर्ण और 1 रजत पदक मिले । इसके बाद सिंगापुर के साथ भारत संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहा। इस IOAA में कुल मिलाकर 28 स्वर्ण, 38 रजत और 55 कांस्य पदक प्रदान किये गए। राघव गोयल ने सबसे चुनौतीपूर्ण सैद्धांतिक प्रश्न के सर्वश्रेष्ठ समाधान के लिये विशेष पुरस्कार जीता।  


पराग्वे में नवनिर्मित भारतीय दूतावास ’

  • भारतीय विदेश मंत्री ने 23 अगस्त, 2022 को  पराग्वे की सरकारी यात्रा के दौरान राजधानी असुन्सियोन में नवनिर्मित भारतीय दूतावास भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विदेश मंत्री ने कहा कि यह भारत और पराग्वे के बीच सुदृढ आपसी संबंधों तथा लंबे समय से जारी बहुपक्षीय सहयोग का प्रतीक है। इससे पहले, विदेश मंत्री ने असुन्सियोन में महात्‍मा गांधी की अर्ध प्रतिमा का अनावरण किया। उन्‍होंने पराग्वे के निर्माण में योगदान करने वाले राष्‍ट्रीय नायकों और राष्‍ट्र के लिये बलिदान करने वाले शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस दौरान विदेश मंत्री ने पराग्वे के राष्‍ट्रपति मारियो अब्दो बेनिटेज़ से मुलाकात की। दोनों देशों ने व्‍यापार, वाणिज्‍य, कृषि, फार्मास्‍युटिकल, परंपरागत औषधियाँ और सौर ऊर्जा सहित विभिन्‍न क्षेत्रों में सहयोग बढाने पर सहमति व्‍यक्‍त की है। भारत और पराग्वे ने हाल ही में राजनयिक संबंधों की स्‍थापना की 60वीं वर्षगाँठ मनाई है। पराग्वे दक्षिण अमेरिका के दक्षिण-मध्य में स्थित एक स्थल अवरुद्ध/लैंडलॉक देश है। यहाँ बहने वाली नदियाँ अटलांटिक महासागर में गिरती हैं, जो पनबिजली संयंत्रों के प्रमुख केंद्रों के रूप में कार्य करती हैं इसी कारण पराग्वे को जलविद्युत के मामले में विश्व के सबसे बड़े निर्यातक देशों में शामिल किया जाता है। पराग्वे, मर्कोसुर (MERCOSUR) का सदस्य है। दक्षिणी साझा बाज़ार जिसे स्पेनिश में मर्कोसुर कहा जाता है क्षेत्रीय एकीकरण की एक प्रक्रिया है। इसे अर्जेंटीना, ब्राज़ील, पराग्वे और उरुग्वे देशों द्वारा शुरू किया गया था तथा बाद में वेनेजुएला और बोलिविया भी इस प्रक्रिया में शामिल हो गए। भारत द्वारा मर्कोसुर से सुविधा प्राप्त करने के लिये व्यापार समझौता किया गया है।

 

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार-2022

  • मत्स्य-पालन, शुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने वर्ष 2022 के राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कारों के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल के माध्यम से 1 अगस्त, 2022 से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये हैं।आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर, 2022 है। ये पुरस्कार राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (26 नवंबर, 2022) के अवसर पर प्रदान किये जायेंगे। देश में "राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM)" दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य स्वदेशी गोजातीय नस्लों को वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित तथा विकसित करना था। पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत, दुग्ध उत्पादक किसानों और इस क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों तथा दुग्ध उत्पादकों को बाज़ार तक आसान पहुँच प्रदान करने वाली डेयरी सहकारी समितियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अग्रलिखित श्रेणियों में वर्ष 2022 का राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार प्रदान किया जाएगा: देशी गाय/भैंस की नस्लों को पालने-पोसने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान (पंजीकृत नस्लों की सूची संलग्न है), सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) तथा सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति/दुग्ध उत्पादक कंपनी/डेयरी किसान उत्पादक संगठन।


पुलित्ज़र पुरस्कार, 2022

  • अमेरिका की ऑनलाइन पत्रिका 'इनसाइडर' के लिये काम करने वाली बांग्‍लादेश मूल की चित्रकार और कहानीकार फहमीदा अज़ीम को वर्ष 2022 के पुलित्ज़र पुरस्कार के लिये चुना गया है। उन्‍हें यह पुरस्‍कार सचित्र व्‍याख्‍यात्‍मक रिपोर्टिंग और कमेंट्री की श्रेणी के लिये दिया जा रहा है। इनसाइडर पत्रिका के चार पत्रकारों एंथनी डेल कर्नल, जोश एडम्स और वॉल्ट हिक्की सहित फहमीदा अज़ीम को चीन में उइगरों के उत्पीड़न पर कार्य करने के लिये चुना गया है। फहमीदा अज़ीम का जन्म बांग्लादेश में हुआ था बाद में वह अमेरिका में बस गई। उनका कार्य पहचान, संस्कृति और स्वायत्तता के विषयों पर केंद्रित है। उनकी कलाकृतियाँ ग्लैमर, साइंटिफिक अमेरिकन, द इंटरसेप्ट, वाइस, द न्यूयॉर्क टाइम्स जैसी कई अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित होती हैं। पुलित्ज़र पुरस्कार को पत्रकारिता के क्षेत्र में अमेरिका का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है। इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1917 में की गई थी, जिसे कोलंबिया विश्वविद्यालय और ‘पुलित्ज़र पुरस्कार बोर्ड’ द्वारा प्रशासित किया जाता है। 'पुलित्ज़र पुरस्कार बोर्ड' का निर्माण कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त न्यायाधीशों द्वारा होता है। यह पुरस्कार प्रसिद्ध समाचार पत्र प्रकाशक जोसेफ पुलित्ज़र के सम्मान में दिया जाता है। जोसेफ पुलित्ज़र ने कोलंबिया विश्वविद्यालय में पत्रकारिता स्कूल को शुरू करने तथा पुरस्कार की शुरुआत करने के लिये अपनी वसीयत से पैसा दिया था।


भारत  का पहला ‘कार्यात्मक रूप से साक्षर’ ज़िला

  • मध्य प्रदेश का आदिवासी बहुल मंडला ज़िला भारत का पहला “कार्यात्मक रूप से साक्षर” (functionally literate) ज़िला बन गया है। वर्ष 2011 के सर्वेक्षण के दौरान मंडला ज़िले में साक्षरता दर 68% थी। वर्ष 2020 की एक अन्य रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि इस ज़िले में 2.25 लाख से अधिक लोग साक्षर नहीं थे, उनमें से अधिकांश वन क्षेत्रों के आदिवासी थे। लोगों को कार्यात्मक रूप से साक्षर बनाने के लिये एवं महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को शिक्षित करने हेतु स्कूल शिक्षा विभाग, आंँगनवाड़ी और सामाजिक कार्यकर्त्ताओं, महिला और बाल विकास विभाग के सहयोग से स्वतंत्रता दिवस वर्ष 2020 के अवसर पर एक बड़ा अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के साथ पूरा ज़िला दो वर्ष के भीतर कार्यात्मक रूप से साक्षर ज़िले के रूप में तब्दील हो गया है। मंडला इस मुकाम तक पहुँचने वाला भारत का पहला ज़िला है, जहाँ सभी लोग अपना नाम लिखने, पढ़ने और गिनती करने में सक्षम हैं। कार्यात्मक साक्षरता में पढ़ने और लिखने के कौशल शामिल हैं जो दैनिक जीवन और रोज़गार कार्यों के प्रबंधन के लिये आवश्यक हैं। ऐसे कार्यों के लिए बुनियादी स्तर से परे पढ़ने के कौशल की आवश्यकता होती है। एक व्यक्ति को तब कार्यात्मक रूप से साक्षर कहा जाता है जब वह अपना नाम लिखने, गिनती करने और हिंदी में या प्रमुख भाषा के अलावा अन्य भाषा में पढ़ने और लिखने में सक्षम होता है।

खादी उत्सव’

  • अहमदाबाद में 27 अगस्त को प्रधानमंत्री अहमदाबाद के साबरमती तट पर ‘खादी उत्सव’ को संबोधित कर अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे की शुरुआत करेंगे। खादी उत्सव भारत के स्वतंत्रता संग्राम में खादी के महत्त्व को दर्शाने  के लिये केंद्र के ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित किया जा रहा एक अनूठा आयोजन है। यह उत्सव साबरमती तट पर आयोजित किया जाएगा जिसमें गुजरात के विभिन्न ज़िलों की 7,500 महिला खादी कारीगर एक ही समय पर चरखा चलाएँगी। इस कार्यक्रम में वर्ष 1920 के बाद इस्तेमाल किये गए 22 चरखों को प्रदर्शित करके ‘चरखों की विकास यात्रा’ पर एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। प्रदर्शनी में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस्तेमाल किये गए ‘यरवदा चरखा’ के साथ विभिन्न चरखे प्रदर्शित किए जाएँगे, जो वर्तमान प्रौद्योगिकी और नवाचार पर आधारित हैं। इस दौरान ‘पांडुरु खादी’ के उत्पादन का ‘लाइव’ प्रदर्शन भी होगा। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री गुजरात राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के एक नए कार्यालय भवन और साबरमती नदी पर एक फुट-ओवर ब्रिज का उद्घाटन भी करेंगे। इसी क्रम में प्रधानमंत्री भुज में ‘स्मृति वन’ का भी उद्घाटन करेंगे, जो गुजरात में वर्ष 2001 के भूकंप के बाद लोगों द्वारा कठिन परिस्थितियों से उबरने के लिये दिखाई गई भावना को दर्शाता है। इसके अलावा वह भुज में विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।


राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ’

  • राष्ट्रीय औषधि  मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA), 29 अगस्त को नई दिल्‍ली में अपनी स्‍थापना का रजत जयंती वर्ष मनाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री एकीकृत क्‍लाउड आधारित एप्लीकेशन औषधि डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली 2.0 का शुभारंभ करेंगे। इस पर औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश, 2013 के अंतर्गत विभिन्न तरह के फाॅर्म जमा कराने की सुविधा होगी। इससे राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण का कार्य कागज रहित होगा और देशभर के राष्ट्रीय औषधि मूल्य नियामक सभी हितधारकों से जुड़ सकेंगे। NPPA का गठन वर्ष 1997 में भारत सरकार द्वारा रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत औषधि विभाग (DoP) के एक संलग्न कार्यालय के तौर पर औषधियों के मूल्य निर्धारण हेतु स्वतंत्र नियामक के रूप में और सस्ती कीमतों पर दवाओं की उपलब्धता एवं पहुँच सुनिश्चित करने हेतु किया गया था। इसे ड्रग्स (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 1995-2013 (DPCO) के तहत नियंत्रित थोक दवाओं एवं फॉर्मूलेशन की कीमतों को तय/संशोधित करने तथा देश में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु बनाया गया था। इसका प्रमुख कार्य औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश के प्रावधानों को इसे प्रत्यायोजित शक्तियों के अनुसार लागू और कार्यान्वित करना,  NPPA के निर्णयों से उत्पन्न सभी कानूनी मामलों से निपटने के लिये उपाय करना, दवाओं की उपलब्धता की निगरानी करना, थोक दवाओं और फॉर्मूलेशन के लिये उत्पादन, निर्यात एवं आयात, अलग-अलग कंपनियों की बाज़ार हिस्सेदारी, कंपनियों की लाभप्रदता आदि पर डेटा एकत्र करना/बनाए रखना तथा दवाओं/ फार्मास्यूटिकल्स के मूल्य निर्धारण के संबंध में प्रासंगिक अध्ययन करना है।


एशिया कप 2022

  • एशिया कप 2022 का आयोजन टी20 फॉर्मेट पर किया जा रहा है। एशिया कप का 4 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद फिर से आयोजन किया जा रहा है। एशिया कप का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में किया जा रहा है, लेकिन इसका मेज़बान श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड होगा। पहले श्रीलंका में ही इसका आयोजन होना था, लेकिन श्रीलंका के राजनीतिक और आर्थिक हालात खराब होने कारण इसे UAE में हस्तांतरित कर दिया गया। भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक टी20 इंटरनेशनल में 9 बार आमना सामना हुआ है। इसमें से छह बार टीम इंडिया ने जीत हासिल की  है, वहीं 2 बार पाकिस्तान की टीम जीतने में कामयाब हुई है। एशिया कप पहली बार वर्ष 1984 में आयोजित हुआ था और ये टूर्नामेंट संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में खेला गया था। यह वनडे और टी20 दोनों फॉर्मेट में खेला जाता है। भारतीय टीम पहली बार इस मेगा टूर्नामेंट की चैंपियन बनी थी। अब तक कुल 14 बार इसका आयोजन हो चुका है। जिसमें भारत ने वर्ष 1984, 1988, 1990-91, 1995, 2010, 2016 और 2018 में एशिया कप का खिताब (7 बार ट्रॉफी) अपने नाम किया है। वहीं श्रीलंका ने 5 बार ये ट्रॉफी जीती है। वहीं पाकिस्तान ने 2 बार एशिया कप का खिताब जीता है। भारत इकलौती टीम है जिसने एशिया कप को दो अलग फॉर्मेट (वनडे और टी20) में जीत दर्ज की  है। भारतीय टीम टूर्नामेंट के इतिहास की सबसे सफल टीम है।

 

‘G-20’

  • केंद्रीय शिक्षा मंत्री इंडोनेशिया के बाली में आयोजित होने वाली ‘G-20 चौथे शिक्षा कार्य समूह और शिक्षा मंत्रियों की बैठक’ में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वह शिक्षा के माध्यम से ज़्यादा सशक्त, समावेशी, न्यायसंगत और बेहतर भविष्य बनाने की दिशा में भारत की सर्वोत्तम पहलों को साझा करेंगे। वह G-20 सदस्य देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भी भाग लेंगे और भारत की अध्यक्षता में होने वाली अगली ‘G-20 शिक्षा कार्य समूह और शिक्षा मंत्रियों की बैठक’ के लिये भारत की ओर से निर्धारित प्राथमिकता वाले विषयों को सामने रखेंगे। G-20,  19 देशों और यूरोपीय संघ (EU) का एक अनौपचारिक समूह है, जिसकी स्थापना वर्ष 1999 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ हुई थी। G-20 के सदस्य देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। भारत ने G-20 के संस्थापक सदस्य के रूप में दुनिया भर में वंचित लोगों को प्रभावित करने वाले महत्त्वपूर्ण मुद्दों को उठाने के लिये इस मंच का उपयोग किया है। समवर्ती रूप से भारत-फ्राँस के नेतृत्त्व वाले अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की सफलता को लेकर भारत की नेतृत्त्वकारी भूमिका अक्षय ऊर्जा में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने की दिशा में संसाधन जुटाने में एक महत्त्वपूर्ण हस्तक्षेप के रूप में विश्व स्तर पर प्रशंसित है। इसके अलावा 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के दृष्टिकोण से वैश्विक प्रतिमान में ‘नए भारत’ के लिये एक परिवर्तनकारी भूमिका की उम्मीद है, जो कोविड-19 महामारी के बाद विश्व अर्थव्यवस्था और वैश्विक आपूर्ति शृंखला के एक महत्त्वपूर्ण व विश्वसनीय स्तंभ के रूप में उभरेगा।

 

रंग स्वाधीनता ’

  • भारत की आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संगीत नाटक अकादमी ने ‘रंग स्वाधीनता’ का आयोजन किया, जो भारत को साम्राज्यवाद की बेड़ियों से मुक्त करने के लिये अपने प्राण न्यौछावर कर देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की स्‍मृतियों को सँजोने का उत्‍सव था। यह उत्सव 27 से 29 अगस्त, 2022 तक मेघदूत सभागार में आयोजित किया गया था। इस वर्ष का उत्सव विशिष्‍ट रूप से लोक गायन शैलियों पर केंद्रित था। इस उत्सव में भारत के 9 राज्यों की कुल 12 टीमों और लगभग 100 कलाकारों ने हिस्सा लिया। ‘रंग स्वाधीनता’ में देश भर की लोक संगीत परंपराओं को प्रस्‍तुत किया जाता है। ‘रंग स्वाधीनता’ के पहले दिन का शुभारंभ सुभाष नगाड़ा एंड ग्रुप की प्रस्‍तुति के साथ हुआ, जिसने कहरवा ताल पर अनेक धुन प्रस्तुत की, लोकप्रिय आल्हा कलाकार श्री रामरथ पांडेय ने देवी दुर्गा का आह्वान करने के साथ अपनी प्रस्‍तुति की शुरुआत की और इसके साथ ही चंद्रशेखर आज़ाद की वीरता की गाथाओं को भी सुनाया, आल्हा गायन आमतौर पर मानसून के दौरान  प्रस्‍तुत किया जाता है, जिसे आल्हा छंद के रूप मेंं  गाया जाता है। ढिमरयाई लोक-गीत में नर्तक आमतौर पर हाथ में सारंगी लेकर उसे बजाता है, जिसमें अन्य अन्य संगीतकार भी उसका साथ देते हैं। ढिमरयाई गीत धार्मिक, पौराणिक, सामाजिक और देशभक्ति विषयों पर आधारित होते हैं। अन्य कलाकारों ने स्वतंत्रता संग्राम के नायकों पर गाथागीत प्रस्तुत किये। अंतिम दिन की प्रस्तुतियों की शुरुआत धर्मेंद्र सिंह द्वारा रागिनी गायन शैली में स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। रागिनी एक कौरवी लोकगीत है जो पूरे उत्तरी भारत, विशेषकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बहुत लोकप्रिय है। धर्मेंद्र सिंह रागिनी गायन की कई शैलियों जैसे कि आल्हा, बहारे तबील, चमोला, झूलना, सोहनी, अलीबक्श और सवैया इत्‍यादि में पारंगत हैं।


नीदरलैंड की रानी मैक्सिमा की भारत यात्रा

  • नीदरलैंड की रानी मैक्सिमा ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से 29 अगस्त, 2022 को राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने रानी मैक्सिमा का स्वागत किया तथा भारत और नीदरलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने के बारे में चर्चा की। बैठक के दौरान भारत के पूर्व राष्ट्रपति की अप्रैल 2022 में नीदरलैंड की राजकीय यात्रा को याद किया गया। राष्ट्रपति ने कहा कि अप्रैल 2021 में भारत-नीदरलैंड आभासी शिखर सम्मेलन के दौरान शुरू हुई 'जल पर रणनीतिक साझेदारी' और द्विपक्षीय संबंधों के कई अन्य आयामों के संबंध में हाल के वर्षों में और मज़बूती देखी गई है। दोनों राजनेताओं ने सार्वभौमिक वित्तीय समावेशन के विभिन्न पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा की। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार प्रत्येक भारतीय को विभिन्न तरीकों के जरिये औपचारिक बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ने और यह सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध है कि सरकार द्वारा प्रदान किये जाने वाले लाभ अंतिम इच्छित लाभार्थी तक बिना किसी बाधा के पूरी मात्रा के साथ पहुँचें। रानी मैक्सिमा ने पिछले कुछ वर्षों में इस दिशा में भारत में हुई प्रगति की सराहना की। विकास हेतुु समावेशी वित्त के लिये संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष अधिवक्ता और G20 वैश्विक भागीदारी (GPFI) का मानद संरक्षक के रूप में रानी मैक्सिमा 29 से 31 अगस्त, 2022 तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं।

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