खाद्य भण्डारण क्या होता है | खाद्य भण्डारण हेतु ध्यान में रखने योग्य बातें |Food storage in Hindi
खाद्य भण्डारण क्या होता है , खाद्य भण्डारण हेतु ध्यान में रखने योग्य बातें
खाद्य भण्डारण क्या होता है
खाद्य पदार्थों का भण्डारण उन्हें सुरक्षित रखने के लिये किया जाता है। भण्डारण के माध्यम से सूखे भोज्य पदार्थ जैसे-अनाज, दालों, घी, तेल आदि को लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जाता है। उ रूप से भण्डारण न करने पर भोज्य पदार्थों के रंग, रूप, गंध व स्वाद में अरुचिकर परिवर्तन आते हैं। इसके अलावा चूहे व कीड़े-मकौड़े भोज्य पदार्थों को नष्ट कर देते हैं जिससे उनमें घुन, फफूंदी व जाले लग जाते हैं।
1 खाद्य भण्डारण हेतु ध्यान में रखने योग्य बातें अनाज व दालें
- भंडार में रखने से पूर्व अनाज व दालों में से धूल, कंकड़, पत्थर, कीड़े छाँट कर साफ़ करें।
- अनाज व दालों को अच्छी तरह सुखा लें, जिससे उसमें नमी न रहे।
- भण्डारण से पूर्व, खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक वस्तुओं जैसे नीम की पत्ती, हल्दी लगाकर धूप में सुखाकर संरक्षित करें।
- भण्डारण कक्ष की दीवारें पक्की होनी चाहिए अन्यथा पानी के अन्दर रिसाव नुकसान की होने से सम्भावना बढ़ जाती है।
- भण्डारण कक्ष हवादार होना चाहिये।
- कीड़ों- मकौड़ों व चूहे से निदान पाने के लिए दवाई, स्प्रे व चूहेदानी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
- भण्डार गृह का समय-समय पर निरीक्षण करते रहने चाहिए जिससे यथा शीघ्र खराब खाद्यान की पहचान कर उसे अन्य खाद्यानों से दूर किया जा सके।
- यदि भण्डार गृह में अनाज आदि (आटा, बिस्कुट, दलिया, सूजी आदि) का रंग खराब हो, गाठें बनने लगे या कीड़े व फफूँद लगी हो, तो इसे भण्डार में न रखें क्योंकि ये अन्य वस्तुओं को खराब कर सकते हैं तथा इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।
- अनाज व दाल से बने पदार्थों को हमेशा साफ-सुथरे, नमी रहित व पूर्णतः बन्द होने वाले ढक्कन सहित डिब्बों में भण्डारण करें।
घी, वसा व तेल
- वसा में एंजाइम, हवा व पानी की नकारात्मक क्रिया होने के कारण तेल व घी का लम्बे समय तक भण्डारण करने में कठिनाइयाँ उत्पन्न होती हैं।
- लम्बे समय तक घी या तेल को संग्रहित करने से उस पर अरुचिकर महक आ जाती है जिसे विकृत गंधिता (Racidity) कहते हैं।
- वसा या तेल को आग व ताप से दूर एक ठंडे स्थान पर भण्डारित करना चाहिए।
कच्चे फल व सब्जियाँ
- सब्जी को संग्रह करने से पूर्व खराब सब्जी को छाँट कर अलग कर उन्हें शीघ्र उपयोग में लाना चाहिये।
- सूखी सब्जियों को हवादार तथा सूखे स्थान पर रखना चाहिये।
- सब्जियों और फल को अच्छे ढंग से साफ़ करें, उसकी सतह से पानी सुखने के बाद ही भण्डारित करें।
- हरी सब्जी को गीले कपड़े में लपेट कर भण्डारण करें।
दूध व दूध से बने पदार्थ
- दूध व दुग्ध पदार्थों के भण्डारण से पूर्व परीक्षण करना चाहिये कि उसमें खट्टापन या दुर्गन्ध तो नहीं आ रही है। दूध को समय-समय पर उबालने से वह शीघ्र खराब नहीं होता है।
- घरेलू परिवेश में इन पदार्थो को फ्रिज में भंडारित करें।
माँस व मछली
मांस पदार्थों को पॉलीथीन में बन्द कर फ्रिज में भण्डारित करें।
चीनी व गुड़
चीनी व गुड़ बड़ी आसानी से नमी ग्रहण कर लेते हैं, इसलिए इन्हें नमी रहित, पूर्णतः बन्द होने वाले डिब्बे में संग्रहित करें।
सही भंडारण करने के लिए निम्न कारकों पर ध्यान देना जरूरी है:
भण्डारण गृह का तापमान-
शीघ्र क्षयशील खाद्य पदार्थ जैसे फल सब्जियाँ, माँस, पके हुए पदार्थ, दूध व दुग्ध पदार्थ आदि को रेफ्रीजरेटर में रखें। कम नमी वाले खाद्य पदार्थ जैसे चावल, दाल, प्याज, लहसुन आदि को ठंडे सूखे कमरे पर भंडारित करें।
भण्डारण गृह की नमी-
भंडार गृह खुला, हवादार व नमीरहित होना चाहिए अन्यथा नमी की अधिकता से जीवाणु वृद्धिकर, खाद्य पदार्थों को खराब कर सकती है।
भण्डार गृह में चूहों, कीड़े एवं गन्दगी की उपस्थिति -
कीड़े, मकौड़ों व चूहों से निदान पाने के लिए भंडार गृह की नियमित सफाई करनी चाहिए।
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