अंतर्राष्ट्रीय दिवस (विश्व ओज़ोन दिवस) : थीम इतिहास उद्देश्य महत्व | International Ozone Day 2024
अंतर्राष्ट्रीय दिवस (विश्व ओज़ोन दिवस) : थीम इतिहास उद्देश्य महत्व
- प्रत्येक वर्ष 16 सितंबर को विश्व ओज़ोन दिवस (World Ozone Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ओज़ोन परत में हो रहे क्षरण के बारे में आम लोगों में जागरूक करना और इसे संरक्षित करने के संभावित समाधानों की खोज करना है। ओज़ोन (Ozone-O3) ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है जो वायुमंडल में बेहद कम मात्रा में पाई जाती हैं। ओज़ोन गैस समतापमंडल (Stratosphere) में अत्यंत पतली एवं पारदर्शी परत के रूप में पाई जाती है। यह वायुमंडल में मौज़ूद समस्त ओज़ोन का कुल 90 प्रतिशत है। इसे ही ओज़ोन परत के नाम से जाना जाता है और यह परत पृथ्वी को सूरज की सबसे हानिकारक पराबैंगनी विकिरण (UV) से बचाती है।
- गौरतलब है कि 19 दिसंबर, 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1987 में 16 सितंबर के दिन मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) पर हस्ताक्षर किये जाने के उपलक्ष्य में विश्व ओज़ोन दिवस मनाने की घोषणा की थी। मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का उद्देश्य ओज़ोन परत की क्षरण के लिये उत्तरदायी पदार्थों के उत्पादन को कम करके ओज़ोन परत का संरक्षण सुनिश्चित करना है।
- वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1987 में 16 सितंबर के दिन मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) पर हस्ताक्षर किये जाने के उपलक्ष्य में विश्व ओज़ोन दिवस मनाने की घोषणा की थी।
- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ने रेफ्रिजरेटर, एयर-कंडीशनर और कई अन्य उत्पादों में 99% ओज़ोन-क्षयकारी रसायनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया है।
- वर्ष 2018 में किया गया ओज़ोन क्षरण का नवीनतम वैज्ञानिक आकलन दर्शाता है कि वर्ष 2000 के बाद से ओज़ोन परत के कुछ हिस्सों में प्रति दशक 1-3% की दर से सुधार हुआ है।
- ओज़ोन परत संरक्षण प्रयासों ने वर्ष 1990 से 2010 तक अनुमानित 135 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड समकक्ष उत्सर्जन को रोककर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में योगदान दिया है।
- सितंबर 2009 में वियना कन्वेंशन और मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल सार्वभौमिक अनुसमर्थन प्राप्त करने के लिये संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में पहली संधियाँ बन गईं।
- वर्ष 1985 में वियना कन्वेंशन में ओज़ोन परत की रक्षा के लिये कार्रवाई करने हेतु सहयोग के लिये एक तंत्र की स्थापना को औपचारिक रूप दिया गया था।
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFC) के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिये ओज़ोन क्षयकारी पदार्थों से संबंधित मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत किये गए किगाली संशोधन के अनुसमर्थन को स्वीकृति दे दी है। इस संशोधन को अक्तूबर 2016 में रवांडा के किगाली में आयोजित मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के पक्षकारों की 28वीं बैठक के दौरान अंगीकृत किया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय दिवस (विश्व ओज़ोन दिवस) 2022 थीम:
- Global Cooperation to Protect Life on Earth
2021 थीम:
- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल- हमें, हमारे भोजन और टीकों को ठंडा रखना है (Keeping us, Our Food, and Vaccines Cool)।
ओज़ोन क्या है ?
- यह ऑक्सीजन का एक विशेष रूप है जिसका रासायनिक सूत्र O3 है। हम श्वास के लिये जिस ऑक्सीजन को ग्रहण करते हैं और जो पृथ्वी पर जीवन के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है, वह O2 है।
- अधिकांश ओज़ोन पृथ्वी की सतह से 10 से 40 किमी. के बीच वायुमंडल में उच्च स्तर पर रहती है। इस क्षेत्र को समताप मंडल (Stratosphere) कहा जाता है और वायुमंडल में पाई जाने वाली समग्र ओज़ोन का लगभग 90% हिस्सा यहाँ पाया जाता है।
गुड ओज़ोन:
- ओज़ोन प्राकृतिक रूप से पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल (समताप मंडल) में होती है जहाँ यह एक सुरक्षात्मक परत बनाती है। यह परत हमें सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है।
- मानव निर्मित रसायनों जिन्हें ओज़ोन क्षयकारी पदार्थं (ODS) कहा जाता है, के कारण यह ओज़ोन धीरे-धीरे नष्ट हो रही है। ओज़ोन क्षयकारी पदार्थों में क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC), हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन (HCFC), हैलोन, मिथाइल ब्रोमाइड, कार्बन टेट्राक्लोराइड और मिथाइल क्लोरोफॉर्म शामिल हैं।
बैड ओज़ोन:
- ज़मीनी स्तर के पास पृथ्वी के निचले वायुमंडल (क्षोभमंडल) में ओज़ोन का निर्माण तब होता है जब कारों, बिजली संयंत्रों, औद्योगिक बॉयलरों, रिफाइनरियों, रासायनिक संयंत्रों और अन्य स्रोतों द्वारा उत्सर्जित प्रदूषक सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में रासायनिक रूप से प्रतिक्रिया करते हैं।
- सतही स्तर का ओज़ोन एक हानिकारक वायु प्रदूषक है।
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