राजनीति विज्ञान एक कला है |Political science is an art
राजनीति विज्ञान एक कला है
राजनीति विज्ञान एक कला है
चूँकि राजनीति विज्ञान को कुछ कारणों से एक पूर्ण तथा विशुद्ध विज्ञान मानना तर्कसंगत एवं उचि प्रतीत नहीं होता। अतः अनेक विद्वानों द्वारा इसे कला के अन्तर्गत रखा गया है। ब्लंटश्ली के शब्दों में,
"राजनीति से विज्ञान की अपेक्षा कला का ही कहीं अधिक बोध होता है तथा उसका सम्बन्ध राज्य के व्यावहारिक कार्यों एवं राज्य के संचालन से है। " गैटिल ने भी कला ही माना है किन्तु बकल जैसे विद्वान भी हैं जो इसे कलाओं में भी सबसे पिछड़ी हुई कला मानते हैं।
कला का अर्थ एवं उद्देश्य
कला का आशय एवं उद्देश्य जीवन की सुन्दरतम अनुभूति से है। वह मानव की श्रेष्ठ कल्पनाओं की सुन्दर अभिव्यक्ति है। कला का उद्देश्य जीवन को मधुर एवं समुन्नत बनाना है। कला का उद्देश्य ठो तथ्यों का प्रतिपादन करना है। निम्न आधारों पर हम इसकी विवेचना कर सकते हैं-
1.एक कलाकार की भाँति राजनीति विज्ञानी भी अपने विचारों की अभिव्यक्ति बहुत अच्छे ढंग से करने का प्रयास करते हैं। वे विचारों तथा तथ्यों का आकर्षक रंगों के माध्यम से उसे लोकप्रिय, भव्य तथा लोकोपयोगी बनाने का भी प्रयत्न करते हैं। संगीत एवं कला की भाँति ही राजनीति विज्ञान का उद्देश्य भी राज्य एवं नागरिकों के लिए आदर्श सिद्धान्तों का प्रतिपादन कर मानव जीव को समुन्नत, सुखी, आदर्श एवं मधुर बनाना होता है।
2.राज्य अपने उद्देश्यों की पूर्ति एवं कार्य संचालन के लिए जिस प्रकार के नियम, साधन या उपाय अपनाता है, वह कला के अन्तर्गत ही आते हैं। व्यावहारिक राजनीति का सम्बन्ध कला से ही है।
3. स्वयं शासन करना भी एक श्रेष्ठ कला ही है। इसीलिए प्लेटो शासन का उत्तरदायित्व योग्य तथा प्रशिक्षित दार्शनिकों को ही सौंपने के पक्ष में था । प्रायः प्रत्येक शासन में एक अच्छे तथा आदर्श शासक की आवश्यकता एवं महत्व पर बल दिया जाता है। शासक के पास सूझ-बूझ एवं चतुराई होनी चाहिए, ताकि उसे अपने उद्देश्यों में सफलता प्राप्त हो सके।
इस प्रकार शासन करना स्वयं अपने आप में एक श्रेष्ठ कला है। अतः बकल का यह कथन निराधार प्रतीत होता है कि, “राजनीति कलाओं में भी सबसे पिछड़ी हुई कला है।" वस्तुतः राजनीति एक श्रेष्ठ कला है।
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