जैव विविधता के प्रकार आनुवंशिक प्रजातीय सामुदायिक अथवा पारितत्र विविधता |Types of Bio-diversity in Hindi
जैव विविधता के प्रकार आनुवंशिक प्रजातीय सामुदायिक अथवा पारितत्र विविधता
जैव विविधता के प्रकार (Types of Bio-diversity)
जैव विविधता के प्रकार (Types of Bio-diversity) किसी भी स्थान की जैव
विविधता का निर्धारण उस स्थान की सामुदायिक, प्रजातीय तथा आनुवंशिक विविधता के आधार पर निम्नलिखित रूप
में किया जा सकता है.
जैव विविधता के प्रकार
- आनुवंशिक विविधता
- प्रजातीय विविधता
- सामुदायिक अथवा पारितत्र जैव विविधता
आनुवंशिक विविधता (Genetic Diversity)
- आनुवंशिक जैव-विविधता से आशय किसी विशिष्ट प्रजाति के विभिन्न सदस्यों में भिन्न-भिन्न आनुवंशिक लक्षणों के उपस्थित होने अध्वा एक ही प्रजाति के जीवों के जीन में होने वाले परिवर्तनों से है। यह किसी एक प्रजाति में उपस्थित जीन विविधता को दर्शाती है।
- आनुवंशिक विविधता किसी समष्टि को इसके पर्यावरण के अनुकूल होने और प्राकृतिक चयन (Natural Selection) के प्रति अनुक्रिया प्रदर्शित करने के योग्य बनाती है।
- प्रत्येक प्रजाति चाहे वह जीवाणु हो या उच्च स्तरीय पादप व जंतु. उनमें अत्यधिक मात्रा में आनुवंशिक सूचना संग्रहित होती है, जो जीनोम विश्लेषण (Genome Analysis) द्वारा ज्ञात की जा सकती है।
- आनुवंशिक विविधता की अनुपस्थिति में प्रजाति के सभी सदस्यों को किसी एक खतरे से प्रभावित होने की संभावना अधिक होती है जबकि उनमें उपस्थित विविधता के कारण वे इन खतरों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता का विकास कर लेते हैं तथा इसे आने वाली पीढ़ियों को हस्तांतरित कर देते हैं।
- मानव समुदाय की आनुवंशिक विविधता अन्य किसी भी प्रजातियों से अधिक होती है इसलिए मानव सभी प्रकार के बायोम में अनुकूलन या समायोजन की अधिक क्षमता रखते हैं।
प्रजातीय विविधता ( Species Diversity)
- प्रजातीय विविधता से आशय, एक समुदाय या पारितंत्र में उपस्थित पादप तथा जन्तु प्रजातियों की विभिन्न प्रजातियाँ है ।
- प्रजातीय विविधता जितनी अधिक होगी. आहार श्रृंखला उतनी ही जटिल होगी, जिसके कारण जैव विविधता भी उतनी ही समृद्ध होगी। इसका प्रमुख उदाहरण विषुवतरेखीय वर्षा वन हैं, जिन्हें जैव विविधता हॉटस्पाट (Biodiversity Hot Spot ) कहा जाता है, क्योंकि वह विश्व के सर्वाधिक जैव विविधता वाले क्षेत्र हैं।
- प्रजातीय विविधता उष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों, तटीय पारितंत्रों में सर्वाधिक, जबकि छोटे एवं पृथक द्वीप, ध्रुवीय प्रदेशों आदि में बहुत कम होती है। इसके साथ ही स्थलीय क्षेत्रों में ऊँचाई बढ़ने के साथ-साथ प्रजातीय विविधता भी कम होती जाती है।
सामुदायिक या पारितंत्र विविधता(Community or Ecosystem Diversity)
- किसी स्थान विशेष के एक समुदाय के जीव-जन्तुओं व वनस्पतियों तथा दूसरे समुदाय के जीव-जन्तुओं व वनस्पतियों के मध्य पायी जाने वाली विविधता को सामुदायिक विविधता अथवा पारितंत्रीय विविधता कहते हैं।
- पारितंत्रीय विविधता विभिन्न प्रकार के पारितंत्रों की उपस्थिति को दर्शाती है। जैसे: उष्णकटिबंधीय, मरूस्थलीय, समुद्री झील आदि के स्तर पर भिन्नता पारितंत्रीय विविधता की सूचक है।
- अलग-अलग पारितंत्रों में स्थित प्रजातियों में व्यापक भिन्नता और उनके आवास स्थानों की भिन्नता तथा अन्य क्रियाशील जैविक प्रक्रियाओं की भिन्नताओं के द्वारा ही पारिस्थितिकीय विविधता का निर्माण होता है।
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