विश्व राइनो (गैंडा) दिवस : इतिहास उद्देश्य महत्व | World Rhino Day 2023

विश्व राइनो (गैंडा) दिवस : इतिहास उद्देश्य महत्व

विश्व राइनो (गैंडा) दिवस : इतिहास उद्देश्य महत्व | World Rhino Day 2022


 

विश्व राइनो (गैंडा) दिवस : इतिहास उद्देश्य महत्व 

  • विश्व राइनो (गैंडा) दिवस विश्व वन्यजीव कोष और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा 22 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिवस एशिया और अफ्रीका में रहने वाले 5 गैंडों की प्रजातियों के खतरों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। 
  • 2010 में विश्व वन्यजीव कोष दक्षिण अफ्रीका द्वारा पहले विश्व राइनो दिवस की घोषणा की गई थी।
  • केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने देश में विश्व राइनो दिवस मनाने के अवसर पर एक बैठक की अध्यक्षता की। मंत्री के अनुसार, भारत दुनिया में एक सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी संख्या का घर है। भारत में लगभग 3000 एक सींग वाले गैंडे हैं। ये असम, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश राज्यों में फैले हुए हैं।


IUCN की रेड लिस्ट में स्थिति:

  • व्हाइट राइनो: खतरे या संकट के करीब।
  • ब्लैक राइनो: गंभीर रूप से संकटग्रस्त।
  • एक सींग वाले गैंडे सुभेद्य।
  • जावा: गंभीर रूप से संकटग्रस्त।
  • सुमात्रन राइनो: गंभीर रूप से संकटग्रस्त।


उद्देश्य: 

सुरक्षा को मज़बूत करना, विचरण क्षेत्र का विस्तार, अनुसंधान और निगरानी, पर्याप्त एवं निरंतर वित्तपोषण।


एक सींग वाले गैंडे के बारे में:

  • इसे इंडियन राइनो के रूप में भी जाना जाता है, यह राइनो प्रजातियों में सबसे बड़ा है। इस गैंडे की पहचान एकल काले सींग और त्वचा के सिलवटों के साथ भूरे रंग से होती है। भारत विश्व में एक सींग वाले गैंडे की सर्वाधिक संख्या वाला देश है।
  • ये मुख्य रूप से घास, पत्तियों, झाड़ियों और पेड़ों की शाखाओं, फल तथा जलीय पौधे की चराई (Graze) करते हैं।
  • वर्तमान में भारत में लगभग 2,600 इंडियन राइनो हैं, जिनकी 90% से अधिक आबादी असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में केंद्रित है।

आवास:

  • यह प्रजाति इंडो-नेपाल तराई क्षेत्र, उत्तरी पश्चिम बंगाल और असम तक सीमित है।
  • भारत में गैंडे मुख्य रूप से पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य, राजीव गांधी ओरंग नेशनल पार्क, असम के काजीरंगा और मानस राष्ट्रीय उद्यान,जलदापारा राष्ट्रीय उद्यान, गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान तथा उत्तर प्रदेश के दुधवा टाइगर रिज़र्व में पाए जाते हैं।

खतरा:

  • सींगों के लिये शिकार
  • प्राकृतिक वास का नुकसान
  • जनसंख्या घनत्व
  • घटती आनुवंशिक विविधता

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