राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) स्थापना दिवस 16 अक्टूबर
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड स्थापना दिवस 16 अक्टूबर
16 अक्टूबर , 2022 को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा
गार्ड’ (NSG) का 38वाँ स्थापना दिवस आयोजित
किया गया।
वर्ष 1984 के बाद केंद्रीय
मंत्रिमंडल ने एक संघीय आकस्मिक बल (Federal Contingency Force) गठित करने का निर्णय लिया, जिसमें सभी प्रकार के
आतंकवाद से निपटने के लिये आधुनिक तकनीक से सुसज्जित और प्रशिक्षित कर्मियों को
शामिल किया गया। यह गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है। सामान्यतः इनको ब्लैक
कैट (Black Cats) के नाम से जाना
जाता है। चूँकि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) में अत्यधिक प्रशिक्षित कर्मियों को शामिल किया जाता है, अतः इसका उपयोग भी विशेष
परिस्थितियों में ही किया जाता है।
आंतरिक सुरक्षा को स्थिर रखने में राष्ट्रीय
सुरक्षा गार्ड (NSG) की भूमिका प्रमुख
है। असाधारण स्थितियों में विशेष आतंकवाद निरोधक बल के रूप में इनकी तैनाती की
जाती है और आतंकवाद के विरुद्ध भारत की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ (Zero Tolerance) की नीति में NSG की महत्त्वपूर्ण भूमिका
है। NSG में भर्ती भारत
के केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों और भारतीय सशस्त्र बलों से की जाती है।
NSG का इतिहास (क्या होता है ?)
1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार
के बाद केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने एक संघीय आकस्मिक बल बनाने का निर्णय लिया जिसमें
सभी प्रकार के आतंकवाद से निपटने के लिए बेहद प्रेरित, विशेष रुप से सुसज्जित और
प्रशिक्षित कार्मिक शामिल हों । जून, 1984 में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के महानिदेशक और
आवश्यक तत्वों को मंजूरी दी गई और बल को स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए ।
अगस्त, 1986 में संसद में इस
संगठन के गठन के लिए एक बिल पेश किया गया और इसे22 सितम्बर, 1986 को राष्ट्रपति महोदय की स्वीकृति मिली और
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड औपचारिक रुप से उस तारिख से अस्तित्व में आया ।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड
की बुनियादी सोच त्वरित और गतिशीलता से कार्रवाई करके उस जगह से तुरंत निकलना है ।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड को एक संघीय आकस्मिक तैनाती बल के रुप में देश के किसी भी
हिस्से में आतंकवाद के सभी पहलूओं से निपटने की एक विशेष भूमिका दी गई है ।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड को ब्रिटेन के एस0ए0एस0 और जर्मनी के जी0एस0जी0-9 के अनुरुप बनाया गया है ।
यह एक कार्य विशेष बल है और इसके दो मुख्य तत्व हैं - एक एस0ए0जी0, जिसमें सेना के कार्मिक
तथा दूसरा एसआरजी, जिसमें केंद्रीय
अर्धसैनिक बलों/राज्य के पुलिस बलों के कार्मिकों को प्रतिनियुक्त पर नियुक्त किया
गया हैं
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