इन्फेंट्री दिवस 2024 : इतिहास उद्देश्य महत्व (Infantry Day Details in Hindi)
इन्फेंट्री दिवस 2024 : इतिहास उद्देश्य महत्व
भारतीय सेना प्रत्येक वर्ष 27 अक्तूबर को ‘इन्फेंट्री दिवस’ के रूप में आयोजित करती है, क्योंकि इसी दिन सिख
रेजिमेंट की पहली बटालियन की दो इन्फेंट्री कंपनियों को पाकिस्तानी सेना द्वारा
समर्थित आक्रमणकारियों से कश्मीर को मुक्त कराने के लिये दिल्ली से श्रीनगर भेजा
गया था। इस कार्रवाई का आदेश तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा तब दिया
गया था, जब जम्मू-कश्मीर रियासत
के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर को भारत में शामिल करने के लिये ‘इंस्ट्रू मेंट ऑफ एक्से
शन’ यानी विलय पत्र पर
हस्ताक्षर कर किये थे।
महाराजा हरि सिंह ने 26 अक्तूबर, 1947 को इंस्ट्रूनमेंट ऑफ एक्से शन पर हस्ताक्षर किये और 27 अक्तूबर, 1947 को भारतीय सेना की दो
इन्फेंट्री कंपनियाँ जम्मू-कश्मीर पहुँच गईं। दरअसल विभाजन के दौरान जम्मू-कश्मीर
रियासत को भारत अथवा पाकिस्तान में शामिल होने का विकल्प दिया गया था लेकिन उस समय
के शासक महाराजा हरि सिंह ने इसे एक स्वतंत्र राज्य के रूप में रखने का फैसला
किया। वर्ष 1947 में पाकिस्तान के पख्तून
आदिवासियों ने जम्मू-कश्मीर पर हमला कर दिया और पाकिस्तान की सेना ने इस हमले का
पूरा समर्थन किया था तथा आक्रमणकारियों को रसद, हथियार एवं गोला-बारूद मुहैया कराया था।
Post a Comment