2022 के नोबेल पुरस्कार और विजेता की सम्पूर्ण जानकारी । Nobel Prize Winner 2022 Complete List and Details

 2022 के नोबेल पुरस्कार और विजेता की सम्पूर्ण जानकारी

2022 के नोबेल पुरस्कार और विजेता की सम्पूर्ण जानकारी । Nobel Prize Winner 2022 Complete List and Details

नोबेल पुरस्कार सामान्य ज्ञान

  • यह पुरस्कार डायनामाइट के आविष्कारक वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में दिये जाते हैं।
  • 10 दिसंबर, 1901 को स्टॉकहोम और क्रिस्टीनिया (अब ओस्लो) में पहली बार नोबेल पुरस्कार दिये गए।
  • नोबेल पदक हस्तनिर्मित होते हैं तथा 18 कैरेट सोने से बने होते हैं।
  • नोबेल पुरस्कार के तहत दी जाने वाली पूर्ण राशि 9.0 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (SEK) निर्धारित की गई है अर्थात् संयुक्त रूप से पुरस्कार जीतने पर इस राशि को विजेताओं के बीच आवंटित किया जाएगा।
  • यह अवार्ड कुल छः क्षेत्रों में दिया जाता है। इन क्षेत्रों में भौतिकी, रसायन, चिकित्सा, शांति, साहित्य और अर्थशास्त्र शामिल हैं।
  • अर्थशास्त्र के लिये नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत वर्ष 1968 में हुई थी।
  • नोबेल पुरस्कार में नोबेल पदक, उपाधि और पुरस्कार राशि की पुष्टि करने वाला एक दस्तावेज़ होता है।


2022 के नोबेल पुरस्कार हाईलाइट 

  • बेन एस. बर्नानके (Ben S. Bernanke), डगलस डब्ल्यू. डायमंड (Douglas W. Diamond) और फिलिप एच. डायबविग (Philip H. Dybvig) को वर्ष 2022 का  अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया 
  • वर्ष 2022 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज़ द्वारा जॉन एफ क्लॉजर, एलेन एस्पेक्ट और एंटोन ज़िलिंगर को क्वांटम यांत्रिकी में इनके कार्य के लिये प्रदान किया गया।
  • कैरोलिन आर. बर्टोजी, के. बैरी शार्पलेस और मोर्टन मेल्डल को 'क्लिक केमिस्ट्री एवं बायोऑथोर्गोनल केमिस्ट्री के विकास के लिये' रसायन विज्ञान में 2022 का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम के क्षेत्र में शोध के लिये स्वीडिश आनुवंशिकीविद् स्वंते पाबो को फिजियोलॉजी या मेडिसिन के लिये वर्ष 2022 का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया है।
  • साहित्य में वर्ष 2022 का नोबेल पुरस्कार फ्राँसीसी लेखक "एनी एरनॉक्स" को "साहस और नैदानिक तीक्ष्णता जिसके साथ वह व्यक्तिगत स्मृति, व्यवस्थाओं और सामूहिक प्रतिबंधों को उजागर करती हैं" के लिये दिया गया। 
  • वर्ष 2022 का नोबेल शांति पुरस्कार बेलारूस के मानवाधिकार अधिवक्ता एलेस बालियात्स्की, रूसी मानवाधिकार संगठन मेमोरियल और यूक्रेनी मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज़ को प्रदान किया गया। 



2022 के नोबेल पुरस्कार और विजेता की सम्पूर्ण जानकारी 
(Nobel Prize Winner 2022  List Details  in Hindi)


अर्थशास्त्र में वर्ष 2022 का नोबल पुरस्कार 

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज़ ने "बैंकों और वित्तीय संकटों पर शोध के लिये" बेन एस. बर्नानके (Ben S. Bernanke), डगलस डब्ल्यू. डायमंड (Douglas W. Diamond) और फिलिप एच. डायबविग (Philip H. Dybvig) को अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में अर्थशास्त्र में वर्ष 2022 का स्वेरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार देने का निर्णय लिया है।

 

अर्थशास्त्र में वर्ष 2022 का नोबल पुरस्कार


अर्थशास्त्र में वर्ष 2021 का नोबेल पुरस्कार कनाडा में जन्मे डेविड कार्ड (David Card) को और दूसरा आधा भाग संयुक्त रूप से इज़रायल-अमेरिकी जोशुआ डी. एंग्रिस्ट (Joshua D. Angrist) तथा डच-अमेरिकी गुइडो डब्ल्यू. इम्बेन्स (Guido W. Imbens) को दिया गया था।


अर्थशास्त्र नोबल  पुरस्कार के बारे में जानकारी 

अन्य पुरस्कारों के विपरीत अर्थशास्त्र में पुरस्कार की स्थापना अल्फ्रेड नोबेल की वर्ष 1895 की वसीयत में नहीं, बल्कि उनकी स्मृति में स्वीडिश केंद्रीय बैंक द्वारा की गई थी, इसका पहला विजेता वर्ष 1969 में चुना गया था। 


बेन एस॰ बर्नानके का बैंकिंग प्रणाली में इन पुरस्कार विजेताओं का योगदान:

  • बेन बर्नानके ने 1930 के दशक की महामंदी का विश्लेषण किया, जो आधुनिक इतिहास में सबसे खराब आर्थिक संकट था।
  • सांख्यिकीय विश्लेषण के माध्यम से बर्नानके ने दर्शाया कि किस प्रकार असफल बैंकों ने 1930 के दशक के वैश्विक अवसाद की स्थिति में निर्णायक भूमिका निभाई।
  • उन्होंने बताया कि कैसे बैंक सुविधाओं का जारी रहना इस गहरे और दीर्घकालिक संकट में एक निर्णायक कारक था।
  • उन्होंने बैंक के सुचालित विनियमन के महत्त्व को समझाने में भी मदद की।
  • बर्नानके उस समय अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेडरल रिज़र्व के प्रमुख थे, जब 2008 का संकट उत्पन्न हुआ था और उन्होंने “अनुसंधान से प्राप्त अपने ज्ञान से नीति निर्माण” में मदद की थी।


डगलस डब्ल्यू. डायमंड और फिलिप एच. डायबविग: बैंकिंग प्रणाली में इन पुरस्कार विजेताओं का योगदान:

  • डायमंड और डायबविग दोनों ने सैद्धांतिक मॉडल विकसित करने के लिये मिलकर काम किया ताकि यह समझ सकें कि बैंकों की उपस्थिति क्यों आवश्यक है, समाज में उनकी भूमिका उन्हें अपने आसन्न पतन के बारे में अफवाहों के प्रति किस प्रकार संवेदनशील बनाती है, और समाज इस भेद्यता को कैसे कम कर सकता है। ये अंतर्दृष्टियाँ आधुनिक बैंक विनियमन की नींव रखती हैं।
  • उन्होंने सरकार की ओर से जमा बीमा के रूप में बैंक की भेद्यता का समाधान प्रस्तुत किया। इसके अनुसार, जब जमाकर्त्ताओं को पता चलता है कि राज्य ने उनके पैसे की गारंटी दी है, तो उन्हें बैंक के बारे में अफवाहें शुरू होते ही बैंक जाने की ज़रूरत नहीं है।
  • डायमंड ने यह भी दिखाया कि कैसे बैंक सामाजिक रूप से महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं। बचतकर्त्ताओं और उधारकर्त्ताओं के बीच मध्यस्थ के रूप में बैंक उधारकर्त्ताओं की साख का आकलन करने एवं यह सुनिश्चित करने के लिये अनुकूल हैं कि ऋण का उपयोग अच्छे निवेश हेतु किया जाता है।


भौतिकी में नोबेल पुरस्कार 2022 के विजेता 

वर्ष 2022 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज़ द्वारा जॉन एफ क्लॉजर, एलेन एस्पेक्ट और एंटोन ज़िलिंगर को क्वांटम यांत्रिकी में इनके कार्य के लिये प्रदान किया गया।

अर्थशास्त्र नोबल  पुरस्कार के बारे में जानकारी

 

  • 2021 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार स्यूकुरो मनाबे और क्लॉस हेसलमैन (संयुक्त रूप से) को जलवायु मॉडल पर उनके शोध के लिये एवं जियोर्जियो पैरिसी को भौतिक प्रणालियों में विकार तथा उतार-चढ़ाव की परस्पर क्रिया पर उनके कार्य हेतु प्रदान किया गया था।
  • फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2022 का नोबेल पुरस्कार स्वंते पाबो को विलुप्त होमिनिन (hominins) के जीनोम और मानव विकास में शोध के लिये प्रदान किया गया।


क्वांटम यांत्रिकी और क्वांटम एंटैंगलमेंट (Entanglement) क्या है? 

  • यांत्रिकी, भौतिकी की वह शाखा है जो विभिन्न निकायों की गति और परस्पर क्रिया से संबंधित है। यांत्रिकी के दो भाग हैं - क्लासिकल और क्वांटम।
  • क्लासिकल या न्यूटोनियन यांत्रिकी, मैक्रोस्कोपिक वस्तुओं की गति और उन्हें प्रभावित करने वाले बलों का गणितीय अध्ययन है।
  • क्वांटम यांत्रिकी, भौतिकी का एक उपक्षेत्र है जिसके अंतर्गत  कणों - परमाणु, इलेक्ट्रॉन, फोटॉन के व्यवहार और आणविक एवं उप आणविक क्षेत्र में लगभग हर आयाम का वर्णन किया जाता है। 
  • क्वांटम सिस्टम के व्यवहार में एक महत्त्वपूर्ण अंतर (क्लासिकल रिजिड निकायों की तुलना में)  एंटैंगलमेंट की अवधारणा है। 
  • क्वांटम एंटैंगलमेंट एक ऐसी घटना है जिसके अंतर्गत उप-परमाणु कणों की एक जोड़ी को साझा अवस्था में रखा जाता है (जहाँ इनके पूरक गुण होते हैं), ऐसे में कोई भी एक कण के गुणों को जानकर स्वतः ही दूसरे कण के गुणों को जाना जा सकता है ।  
  • यह सच है कि भले ही दोनों कणों को कितनी दूर क्लेयों न ले जाया जाए।
  • क्वांटम एंटैंगलमेंट को पहली बार वर्ष 1935 में इरविन श्रोडिंगर द्वारा स्पष्ट किया गया था,  जिसे आगे चलकर उनके  कैट पैराडॉक्स के नाम से जाना गया।


बेल इनइक्वलिटी:

  • 1960 के दशक में, जॉन स्टीवर्ट बेल ने गणितीय असमानता - बेल असमानता विकसित की, जिसमें कहा गया है कि यदि कहीं अस्पष्ट वेरिएबल्स हैं, तो बड़ी संख्या में माप के परिणामों के बीच सहसंबंध कभी भी एक निश्चित मूल्य से अधिक नहीं होगा।
  • क्वांटम यांत्रिकी बताती है कि किसी निश्चित प्रकार का प्रयोग बेल की असमानता के नियमों का उल्लंघन करेगा, जिसके परिणामस्वरूप अन्यथा संभव होने की तुलना में एक मज़बूत सहसंबंध होगा।

प्रयोग:

  • विजेताओं को उलझे हुए फोटॉनों (क्वांटम एंटैंगलमेंट) के साथ उनके प्रयोगों, बेल असमानताओं के उल्लंघन और अग्रणी क्वांटम सूचना विज्ञान के लिये सम्मानित किया गया है।
  • जॉन एफ क्लॉसर ने जॉन बेल के विचारों को विकसित किया, जिससे एक व्यावहारिक प्रयोग हुआ जिसने स्पष्ट रूप से बेल असमानता का उल्लंघन करके क्वांटम यांत्रिकी का समर्थन किया। इसका अर्थ है कि क्वांटम यांत्रिकी को एक सिद्धांत द्वारा प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है जो छिपे हुए वेरिएबल्स का उपयोग करता है।
  • एलेन आस्पेक्ट ने यह सेटअप विकसित किया, इसका उपयोग इस प्रकार से किया जिसने एक महत्त्वपूर्ण खामी को दूर कर दिया।
  • एक उलझे हुए युग्म के अपना स्रोत छोड़ने के बाद वह माप सेटिंग्स को स्विच करने में सक्षम हुए, इसलिये उत्सर्जित होने पर मौजूद सेटिंग परिणाम को प्रभावित नहीं कर सकती थी (क्योंकि जॉन क्लॉसर के प्रयोग के बाद उसमें कुछ खामियां बनी रहीं)।
  • एंटोन जिलिंगर को क्वांटम क्रिप्टोग्राफी जैसे अनुसंधान और अनुप्रयोग दोनों में उलझाव एवं बेल युग्मों के नवीन उपयोग के लिये चुना गया था।
  • उनके शोध समूह ने क्वांटम टेलीपोर्टेशन नामक एक घटना का प्रदर्शन किया जो क्वांटम अवस्था को एक कण से दूरी पर स्थानांतरित करना संभव बनाता है।

रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार 2022 के बारे में 

कैरोलिन आर. बर्टोजी, के. बैरी शार्पलेस और मोर्टन मेल्डल को 'क्लिक केमिस्ट्री एवं बायोऑथोर्गोनल केमिस्ट्री के विकास के लिये' रसायन विज्ञान में 2022 का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार 2022 के बारे में


  • शार्पलेस (दूसरी बार जीते) ने 'क्लिक केमिस्ट्री' शब्द पर बड़े पैमाने पर काम किया।
  • मेल्डल, ने स्वतंत्र रूप से 'ट्रायज़ोल' नामक एक विशेष रासायनिक संरचना के बारे में खोज की जिसके कई महत्त्वपूर्ण अनुप्रयोग हैं।
  • बर्टोज़ी ने क्लिक प्रतिक्रियाओं को विकसित करने का काम किया जो जीवित जीवों के अंदर काम कर सकते थे, इसे 'बायोऑर्थोगोनल' प्रतिक्रियाएँ (एक शब्द जिसे उन्होंने गढ़ा था) कहा जाता है।
  • रसायन विज्ञान में 2021 का नोबेल पुरस्कार बेंजामिन लिस्ट और डेविड मैकमिलन को असममित ऑर्गेनोकैटलिसिस (Asymmetric Organocatalysis) के विकास के लिये दिया गया।

 

  • के बैरी शार्पलेस ने "डेवलपिंग द फर्स्ट चिरल कैटेलिस्ट्स" के लिये विलियम एस नोल्स और नोयोरी रयोजी के साथ 2001 का नोबेल पुरस्कार साझा किया था।

 

क्लिक केमिस्ट्री में नोबेल विजेताओं का योगदान:

अवधारणा (शार्पलेस द्वारा द्वारा गढ़ी गई):

  • क्लिक केमिस्ट्री रसायन विज्ञान का एक न्यूनतर रूप है जिसमें आणविक बिल्डिंग ब्लॉक जल्दी और कुशलता से एक साथ स्नैप कर सकते हैं। यह रसायन विज्ञान का एक सरल एवं विश्वसनीय रूप है, जहाँ प्रतिक्रियाएँ जल्दी होती हैं तथा अवांछित उप-उत्पादों से बचा जाता है।
  • क्लिक केमिस्ट्री की अवधारणा वर्ष 2000 के आसपास बैरी शार्पलेस द्वारा गढ़ी गई थी, उन्होंने पाया कि कार्बन परमाणुओं, कार्बनिक पदार्थों के निर्माण खंडों को अणुओं के निर्माण की प्रक्रिया में एक-दूसरे के साथ बंधन के लिये मजबूर करने के बजाय, छोटे अणुओं को पूर्ण कार्बन ढाँचे के साथ जोड़ना आसान है।
  • इसका केंद्रीय विचार उन अणुओं के बीच सरल प्रतिक्रियाओं का चयन करना है जिनके पास एक साथ बंधन के लिये "मज़बूत आंतरिक ड्राइव" है, जिसके परिणामस्वरूप एक तेज़ और कम अपव्ययी प्रक्रिया होती है।
  • महत्त्व: रसायनशास्त्री अक्सर प्रकृति में पाए जाने वाले जटिल रासायनिक अणुओं को फिर से बनाने की कोशिश करते हैं और इसमें अन्य बातों के अलावा चिकित्सा के क्षेत्र में- कोशिकाओं में रोगजनकों को कैसे लक्षित एवं अवरुद्ध किया जाए, जैसे अनुप्रयोग शामिल होते हैं। हालाँकि यह प्रक्रिया जटिल तथा समय लेने वाली हो सकती है।
  • अणुओं के निर्माण के लिये उपयोगी क्लिक केमिस्ट्री के अंतर्गत प्राकृतिक अणुओं की सटीक प्रतियाँ तो नहीं बन सकती हैं, लेकिन उन अणुओं को बनाना संभव होगा जो समान कार्यों को करने में सक्षम हों।

एज़ाइड-एल्काइन साइक्लोएडिशन (मेल्डल और शार्पलेस)

  • 2000 के दशक में मेल्डल और शार्पलेस (एक-दूसरे से स्वतंत्र) ने क्लिक केमिस्ट्री में प्रमुख कार्य किया- कॉपर कैटालाइज्ड -एज़ाइड एल्काइन साइक्लोएडिशन।
  • मेल्डल ने पाया कि एल्काइन और एसाइल हैलाइड के बीच होने वाली अभिक्रिया में कॉपर आयनों को जोड़ने से अप्रत्याशित रूप से एक ट्राईज़ोल (एक स्थिर रिंग के आकार की रासायनिक संरचना) बनती है जो फार्मास्यूटिकल्स, डाई और कृषि रसायनों में एक सामान्य विनिर्माण तत्त्व है। कॉपर आयनों को जोड़ने से अभिक्रिया को नियंत्रित करने के साथ एक अन्य तत्त्व बनाने में मदद मिली।
  • एल्काइन और एज़ाइड मिलकर एक ट्राईज़ोल बनाते हैं। एज़ाइड एक N3 (नाइट्राइड आयन) कार्बनिक यौगिक है, जबकि एल्काइन एक हाइड्रोकार्बन है जिसमें कम-से-कम एक कार्बन-कार्बन ट्रिपल बॉण्ड होता है।
  • यह सरल और प्रभावी रासायनिक अभिक्रिया, अब दवाओं के विकास, डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (डीएनए) की मैपिंग और इस तरह के अन्य उद्देश्य हेतु ऐसी सामग्री बनाने के लिये व्यापक रूप से उपयोग की जाती है।


बायोऑर्थोगोनल अभिक्रियाएँ (Bioorthogonal Reactions-Bertozzi):

  • ये अभिक्रियाएँ जीवों के अंदर कोशिका के सामान्य रसायन विज्ञान को बाधित किये बिना काम करती हैं।
  • नैनोटेक्नोलॉजी के संयोजन में इसके उपयोग से बायोमेडिसिन के विभिन्न क्षेत्रों में और विकास हो सकता है, जैसे कि आणविक बायोइमेजिंग, लक्षित वितरण, स्वस्थाने दवा सक्रियण (in situ drug activation), कोशिका-नैनोमटेरियल इंटरैक्शन का अध्ययन, बायोसेंसिंग आदि।
  • बायोऑर्थोगोनल प्रतिक्रियाओं का उपयोग करके शोधकर्त्ताओं ने कैंसर फार्मास्यूटिकल्स के लक्ष्यीकरण में सुधार किया है।


बर्टोज़ी द्वारा कैंसर फाइटिंग क्लिक केमिस्ट्री का विकास:

स्पॉटिंग ग्लाइकान:

  • ग्लाइकान पर शोध करते हुए कोशिकाओं की सतह पर पाया जाने वाला परिहारकारी प्रकार का कार्बोहाइड्रेट जो प्रतिरक्षा प्रणाली के लिये महत्त्वपूर्ण है, कैरोलिन आर बर्टोज़ी फ्लोरोसेंट अणुओं को ग्लाइकान से जोड़ना चाहते थे ताकि उन्हें आसानी से देखा जा सके।
  • बर्टोज़ी उसी एज़ाइड में बदल गया जिसका इस्तेमाल शार्पलेस और मेल्डल ने किया था। एज़ाइड न केवल कोशिका के अन्य भागों के साथ अंतःक्रिया करने से बचता है, बल्कि जीवित प्राणियों में भी इसका परिचय सुरक्षित है।
  • वर्ष 2004 में उन्होंने वैकल्पिक क्लिक केमिस्ट्री प्रतिक्रिया विकसित की जो विषाक्त ताँबे के बिना काम करती थी, जिससे यह जीवित कोशिकाओं के लिये सुरक्षित हो जाता है।
  • बर्टोज़ी कार्य का उपयोग ट्यूमर कोशिकाओं की सतह पर ग्लाइकान की पहचान करने और उनके सुरक्षात्मक तंत्र को अवरुद्ध करने के लिये किया जा रहा है जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं को अक्षम कर सकते हैं।
  • यह विधि वर्तमान में उन्नत कैंसर वाले लोगों के लिये नैदानिक परीक्षणों में है। शोधकर्त्ताओं ने "क्लिक करने योग्य एंटीबॉडी" को विकसित करना भी शुरू कर दिया है जो ट्यूमर को ट्रैक करने और कैंसर कोशिकाओं में विकिरण को सटीक रूप से वितरित करने में मदद कर सकते हैं।

मेडिसिन/फिजियोलॉजी में नोबेल पुरस्कार 2022

  • विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम के क्षेत्र में शोध के लिये स्वीडिश आनुवंशिकीविद् स्वंते पाबो को फिजियोलॉजी या मेडिसिन के लिये वर्ष 2022 का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया है। 
  • वर्ष 2021 में यह सम्मान संयुक्त राज्य अमेरिका के दो वैज्ञानिकों डेविड जूलियस और आर्डेम पटापोटियन को तापमान और स्पर्श के लिये रिसेप्टर्स की उनकी खोजों हेतु दिया गया था।


The Nobel Prize in Physiology or Medicine 2022


स्वंते पाबो के शोध:

मानव विकास: 

  • होमो सेपियन्स, लगभग 300,000 वर्ष पहले अफ्रीका में पहली बार दिखाई दिये, जबकि निकटतम ज्ञात पूर्वज, निएंडरथल, अफ्रीका के बाहर विकसित हुए और लगभग 400,000 वर्ष से 30,000 वर्ष पहले तक यूरोप एवं पश्चिमी एशिया में उनकी आबादी थी, जहाँ से वे विलुप्त हो गए थे।

निएंडरथल का जीनोम अनुक्रमण: 

  • निएंडरथल के जीनों को अनुक्रमित करने के बाद यह पाया जाता है कि हमारे विलुप्त रिश्तेदारों के पुरातन जीन अनुक्रम वर्तमान मनुष्यों के शरीर विज्ञान को प्रभावित करते हैं।
  • उदाहरण के लिये जीन EPAS1 का डेनिसोवन संस्करण उच्च ऊँचाई पर जीवित रहने में लाभ प्रदान करता है और वर्तमान तिब्बतियों में आम है।
  • अन्य उदाहरण निएंडरथल जीन हैं जो विभिन्न प्रकार के संक्रमणों के प्रति हमारी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रभावित करते हैं।

डेनिसोवा की खोज: 

  • वर्ष 2008 में साइबेरिया के दक्षिणी भाग में डेनिसोवा गुफा में उंगली की हड्डी का 40,000 वर्ष पुराना टुकड़ा खोजा गया था।
  • इस हड्डी के DNA अनुक्रमण से पहले अज्ञात होमिनिन की खोज हुई थी, जिसे डेनिसोवा नाम दिया गया था।
  • विभिन्न मानव प्रजातियों का सह-अस्तित्व: आधुनिक मनुष्यों के पूर्वज, निएंडरथल और डेनिसोवन्स लगभग 20,000 वर्षों तक सह-अस्तित्व में रहे, इस दौरान उन्होंने न केवल एक-दूसरे के साथ अंतःक्रिया की बल्कि अंतर-नस्ल भी विकसित की।
  • आधुनिक समय में यूरोपीय या एशियाई मूल के मनुष्य में लगभग 1-4% जीनोम निएंडरथल से उत्पन्न हुए हैं।
  • इसके अलावा डेनिसोवा और होमो सेपियन्स के बीच जीन स्थानांतरण भी हुआ था। यह संबंध पहली बार मेलानेशिया तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के अन्य हिस्सों के लोगों में देखा गया था, जहाँ लोगों का 6% डीएनए डेनिसोवा से संबंधित है।

नोवेल पद्धति:

  • प्राचीन डीएनए को अनुक्रमित करना आसान नहीं है क्योंकि यह अत्यधिक खंडित होने के साथ कवक और बैक्टीरिया जैसे रोगाणुओं के संदूषण से युक्त होता है। समय के साथ डीएनए रासायनिक रूप से संशोधित हुए हैं।
  • इसलिये पाबो ने निएंडरथल के माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए का अध्ययन करने का फैसला किया।
  • माइटोकॉन्ड्रिया, जिसे लोकप्रिय रूप से कोशिका का पावरहाउस कहा जाता है, कोशिका के अंदर का एक अंग है जिसका अपना डीएनए होता है।
  • यद्यपि माइटोकॉन्ड्रियल जीनोम छोटा होता है और इसकी कोशिका में केवल कुछ आनुवंशिक जानकारी होती हैं लेकिन इसकी हज़ारों प्रतियाँ मौजूद होती है। इससे इसके सफल अनुक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।

महत्त्व:

  • मानव विकास को समझने में वैचारिक सफलता सर्वोपरि है।
  • पाबो के शोध के परिणामस्वरूप पेलियोजेनोमिक्स नामक एक नई वैज्ञानिक शाखा का उदय हुआ है, जो प्राचीन या विलुप्त जीवों के जीन के अध्ययन और विश्लेषण से संबंधित है।

साहित्य का नोबेल पुरस्कार 2022 के बारे में जानकारी 

 

साहित्य का नोबेल पुरस्कार 2022 के बारे में जानकारी

  • साहित्य में वर्ष 2022 का नोबेल पुरस्कार फ्राँसीसी लेखक "एनी एरनॉक्स" को "साहस और नैदानिक तीक्ष्णता जिसके साथ वह व्यक्तिगत स्मृति, व्यवस्थाओं और सामूहिक प्रतिबंधों को उजागर करती हैं" के लिये दिया गया।
  • वर्ष 2021 में उपन्यासकार अब्दुलराज़ाक गुरनाह को उपनिवेशवाद के प्रभावों और संस्कृतियों एवं महाद्वीपों के बीच संघर्ष में शरणार्थी के भाग्य के बारे में उनके अडिग व करुणामय कार्य के लिये पुरस्कार दिया गया था।

 

एनी एरनॉक्स के बारे में 


  • एनी का जन्म वर्ष 1940 में हुआ था और उनका पालन-पोषण नॉर्मंडी (फ्राँस) के छोटे से शहर यवेटोट में हुआ था।
  • एरनॉक्स ने रूएन और बोर्डो के विश्वविद्यालयों में अध्ययन किया, जहाँ से उन्होंने स्कूली शिक्षक के रूप में योग्यता प्राप्त करने के साथ आधुनिक साहित्य में उच्च डिग्री प्राप्त की।
  • उनका अनुकरणीय साहित्यिक जीवन वर्ष 1974 में उनकी पहली पुस्तक, क्लीन आउट के प्रकाशन के साथ शुरू हुआ।
  • उनके अन्य प्रमुख कार्यों में "ए विमेंस स्टोरी", "हैपनिंग", "ए गर्ल्स स्टोरी", "गेटिंग लॉस्ट" शामिल हैं।
  • अंतरंग संबंध, सामाजिक असमानता, शिक्षा, समय और स्मृति के माध्यम से सामाजिक वर्गों को आगे बढ़ाने का अनुभव और जीवन के अनुभवों को कैसे लिखना है आदि विषय हैं जिन्हें वह अपनी पुस्तकों में शामिल करती है।
  • उनकी किताबें यह समझाने का प्रयत्न करती हैं कि कैसे महिला चेतना में अपमान बोध का निर्माण किया जाता है और कैसे लड़कियाँ निजी जीवन में अपने प्रति राय बनाती हैं।

पुरस्कार और मान्यता:

  • कुल मिलाकर इनके कार्यों को फ्रेंच भाषा पुरस्कार और मार्गुराइट योरसेनर पुरस्कार मिला है
  • वर्ष 2014 में इन्हें सर्जी-पोंटोइज़ विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था।
  • इनकी कृति "द इयर्स" को इंटरनेशनल मैन बुकर पुरस्कार के लिये चुना गया था।

 

नोबेल शांति पुरस्कार 2022 किसे मिला 

The Nobel Peace Prize 2022


  • वर्ष 2022 का नोबेल शांति पुरस्कार बेलारूस के मानवाधिकार अधिवक्ता एलेस बालियात्स्की, रूसी मानवाधिकार संगठन मेमोरियल और यूक्रेनी मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज़ को प्रदान किया गया। 
  • यह पुरस्कार कई वर्षों तक उनके योगदान को मान्यता देता है, जो सत्ता की आलोचना करने के अधिकार को बढ़ावा देता है और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है।
  • पुरस्कार विजेताओं के बेलारूस, यूक्रेन और रूस से होने के कारण, रूस-यूक्रेन के मध्य चल रहे संघर्ष के बारे में एक निहित संदेश भेजा गया है।
  • वर्ष 2021 में फिलीपींस के पत्रकार मारिया रसा (Maria Ressa) और रूस के दिमित्री मुरातोव (Dmitry Muratov) को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के प्रयासों के लिये नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो लोकतंत्र और स्थायी शांति के लिये एक पूर्व शर्त है।


बेलारूस के एलेस बियालियात्स्की के बारे में 

  • एलेस बियालियात्स्की 1980 के दशक के मध्य बेलारूस में लोकतंत्र आंदोलन के आरंभकर्त्ताओं में से एक थे।
  • राष्ट्रपति (अलेक्जेंडर लुकाशेंको) को तानाशाही शक्तियाँ प्रदान करने वाले विवादास्पद संवैधानिक संशोधनों के जवाब में वर्ष 1996 में संगठन वियासना (स्प्रिंग) की स्थापना का श्रेय बियालियात्स्की को दिया जाता है।
  • समय बीतने के साथ वियासना एक "व्यापक-आधार वाले मानवाधिकार संगठन में विकसित हुआ जिन्होंने राजनीतिक कैदियों के खिलाफ अधिकारियों द्वारा यातना के उपयोग का दस्तावेजीकरण और विरोध किया।
  • वर्ष 2020 में वह स्वीडिश राइट लाइवलीहुड फाउंडेशन द्वारा राइट लाइवलीहुड अवार्ड के तीन प्राप्तकर्त्ताओं में से एक थे, जिसे "वैकल्पिक नोबेल" के रूप में जाना जाता है।
  • जेल में रहते हुए नोबेल पुरस्कार पाने वाले वे चौथे व्यक्ति हैं।

रूसी मानवाधिकार संगठन, मेमोरियल:

  • इस संगठन की स्थापना वर्ष 1987 में "पूर्व सोवियत संघ में मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं द्वारा की गई थीजो यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि कम्युनिस्ट  शासन के उत्पीड़न के पीड़ितों को कभी विस्मृत नहीं किया जाएगा।
  • वर्ष 1954 में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंद्रेई साखारोव और मानवाधिकार अधिवक्ता स्वेतलाना गनुश्किना इस संगठन के संस्थापकों में से थे।
  • इसे रूस के सबसे बड़े मानवाधिकार संगठन के रूप में वर्णित किया गया है और वर्तमान में इसने "रूस में राजनीतिक उत्पीड़न एवं मानवाधिकारों के उल्लंघन" के विषय में जानकारी एकत्र करने में मदद की है।

यूक्रेनी मानवाधिकार संगठन, सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज़:

  • सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज़ की स्थापना वर्ष 2007 में "यूक्रेन में मानवाधिकारों और लोकतंत्र को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से" कीव में की गई थी।
  • केंद्र खुद को "यूक्रेन में अग्रणी अभिकर्त्ताओं में से एक के रूप में वर्णित करता है, जो ज़नमत और सार्वजनिक नीति के गठन को प्रभावित करता है, नागरिक सक्रियता के विकास का समर्थन करता है और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिये अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क एवं एकजुटता के कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेता है"।
  • फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज़ यूक्रेनी नागरिक आबादी के खिलाफ रूसी "युद्ध अपराधियों" की पहचान करने और उनका दस्तावेज़ीकरण करने के प्रयासों में लगा हुआ है।

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