लोक सेवा प्रसारण दिवस 2023 : इतिहास उद्देश्य महत्व |Public Service Broadcasting Day

लोक सेवा प्रसारण दिवस 2023 : इतिहास उद्देश्य महत्व  

लोक सेवा प्रसारण दिवस 2022 : इतिहास उद्देश्य महत्व |Public Service Broadcasting Day



लोक सेवा प्रसारण दिवस 2023 : इतिहास उद्देश्य महत्व 

  • भारत में प्रतिवर्ष 12 नवंबर को लोक सेवा प्रसारण दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस वर्ष 1947 में ऑल इंडिया रेडियो (दिल्ली) के स्टूडियो में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पहली और एकमात्र यात्रा को चिह्नित करने हेतु आयोजित किया जाता है। 12 नवंबर, 1947 को महात्मा गांधी ने पाकिस्तान से विस्थापित लोगों को संबोधित किया था, जो विभाजन के बाद अस्थायी रूप से हरियाणा के कुरुक्षेत्र में बस गए थे।
  • इस दिवस की अवधारणा जन प्रसार के संयोजक सुहास बोरकर द्वारा प्रस्तुत की गई थी और वर्ष 2000 में इस दिवस को ‘लोक सेवा प्रसारण दिवस’ अथवा ‘जन प्रसार दिवस के रूप में घोषित किया गया था। ज्ञात हो कि प्रसार भारती को सार्वजनिक सेवा प्रसारण, लोकतांत्रिक परंपराओं की मज़बूती और सभी विविध समुदायों एवं संस्कृतियों को अवसर प्रदान करने की ज़िम्मेदारी दी गई है। एक माध्यम के रूप में प्रसारण (Broadcasting) भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी का एक सशक्त उदाहरण है। प्रसारण ने बीते कई दशकों में भारत के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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