विश्व पशु दिवस 2024 : इतिहास उद्देश्य महत्व
विश्व पशु दिवस कब और क्यों मनाया जाता है ?
- प्रतिवर्ष 4 अक्तूबर का दिन विश्व
पशु दिवस (World Animal
Day) के रूप में मनाया जाता है।
- इस दिवस को मनाने का
उद्देश्य दुनिया भर में जानवरों की स्थिति में सुधार लाने और उसे बेहतर बनाना है।
- इस दिवस के माध्यम से पशु
कल्याण आंदोलन को एकजुट करने के लिये लोगों को जागरूक करना भी इसका एक अन्य प्रमुख
उद्देश्य है।
- इसका एक उद्देश्य यह भी
है कि धरती को जानवरों के लिये एक बेहतर स्थान बनाया जा सके।
विश्व पशु दिवस 2023 : थीम
विश्व पशु दिवस 2022 : थीम
विश्व पशु दिवस की शुरुआत
- विश्व पशु दिवस मनाने की
शुरुआत स्त्री रोग विशेषज्ञ हेनरिक ज़िमरमन (Heinrich Zimmermann) ने की थी।
- उन्होंने 24 मार्च 1925, को बर्लिन, जर्मनी के स्पोर्ट्स
पैलेस में पहला विश्व पशु दिवस आयोजित किया था।
- इस पहले कार्यक्रम में 5000 से अधिक लोगों ने हिस्सा
लिया था। यह कार्यक्रम मूल रूप से 4 अक्तूबर के लिये निर्धारित किया गया था।
- ऐसा असीसी के सेंट
फ्रांसिस (Saint Francis
of Assisi) के पर्व के साथ संरेखित करने के लिये किया गया था, लेकिन उस दिन इतने लोगों
के लिये स्थान उपलब्ध नहीं था।
- वर्ष 1929 में पहली बार इस
कार्यक्रम को 24 मार्च की जगह 4 अक्तूबर को मनाया गया।
- नेचर वॉच फाउंडेशन (Nature Watch Foundation) भागीदारी को
प्रोत्साहित करता है और इस दिवस को पूरी दुनिया में आयोजित करने में मदद करता है।
विश्व वन्यजीव दिवस 3 मार्च
- प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को
विश्व वन्यजीव दिवस (World Wildlife Day) मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसम्बर, 2013 के 68वें सत्र में 3
मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में घोषित किया था। 3 मार्च को विश्व वन्यजीव
दिवस को मनाने की तिथि का इसलिए चयन किया गया क्योंकि इसी दिन ‘विलुप्तप्राय
वन्यजीव व वनस्पति के व्यापार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ (CITES) को स्वीकृत किया
गया था।
भारतीय पशु कल्याण बोर्ड
- वर्ष 1962 में पशु क्रूरता निवारण
कानून, 1960 के खण्ड चार के
तहत भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया था। बोर्ड पशु कल्याण से संबंधित
कानूनों का देश में सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करता है और इस कार्य से जुड़ी
संस्थाओं की मदद करता है तथा केंद्र और राज्य सरकारों को इस संबंध में परामर्श
देता है। कानून के मुताबिक बोर्ड में 28 सदस्य हैं जिसमें 6 सांसद हैं (4 लोकसभा से और 2 राज्यसभा से)। बोर्ड का उद्देश्य है कि मनुष्यों को छोड़कर
सभी प्रकार के जीवों की पीड़ा से बचाव करना। सरकार ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) का मुख्यालय चेन्नई, तमिलनाडु से हरियाणा के
फरीदाबाद ज़िले के बल्लभगढ़ में स्थानांतरित कर दिया है।
बोर्ड के प्रमुख कार्य
- निरंतर अध्ययन के तहत
पशुओं के खिलाफ हिंसा रोकने वाले भारत में प्रवृत्त कानूनों से अद्यतन रहना और
समय-समय पर इनमें संशोधन करने का सरकार को सुझाव देना।
- केंद्र सरकार को पशुओं की
अनावश्यक पीड़ा या परेशानी रोकने के संदर्भ में नियम बनाने का परामर्श देना।
- भार ढोने वाले पशुओं के
बोझ को कम करने के लिये केंद्र सरकार या स्थानीय प्राधिकरण या अन्य व्यक्ति के
माध्यम से पशुओं द्वारा चालित वाहनों के डिज़ाइन में सुधार करना।
- केंद्र सरकार को पशुओं के
अस्पताल में प्रदान की जाने वाली चिकित्सकीय देखभाल एवं ध्यान रखने से सम्बद्ध
मामलों पर परामर्श देना और जब कभी बोर्ड ज़रूरी समझे पशु अस्पतालों को वित्तीय एवं
अन्य मदद मुहैया कराना।
- वित्तीय मदद एवं अन्य
तरीके से पिंजरा, शरणगाहों, पशु शेल्टर, अभयारण्य इत्यादि के
निर्माण या अवस्थापना को बढ़ावा देना जहाँ पशुओं एवं पक्षियों को उस दौरान शरण मिल
सके जब वे वृद्ध हो जाते हैं एवं बेकार हो जाते हैं या जब उन्हें संरक्षण की जरूरत
होती है।
- किसी भी ऐसे मामले पर जो
पशु कल्याण या पशुओं को अनावश्यक पीड़ा देने एवं हिंसा से संबद्ध हों, केंद्र सरकार को परामर्श
देना।
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