विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024:थीम (विषय) इतिहास उउद्देश्य महत्व | World Mental Health Day 2024 Theme
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024:थीम (विषय) इतिहास उउद्देश्य महत्व
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024:थीम (विषय) इतिहास उउद्देश्य महत्व
- प्रतिवर्ष 10 अक्तूबर को ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ का आयोजन किया जाता है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इस संबंध में शिक्षा का प्रसार करना है।
- ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ पहली बार 10 अक्तूबर, 1992 को ‘वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ’ की वार्षिक गतिविधि के रूप में आयोजित किया गया था।
- इस वर्ष 2022 में ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ की थीम The theme for the World Mental Health Day 2023 is “Mental health is a universal human right”.
- इस वर्ष 2022 में ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ की थीम 'Make mental health & well-being for all a global priority ’ है।
- ज्ञात हो कि मानसिक स्वास्थ्य के तहत हमारा भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण शामिल होता है। यह हमारे सोचने, समझने, महसूस करने तथा कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करता है। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन अपनी स्वास्थ्य संबंधी परिभाषा में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी शामिल करता है।
- विभिन्न सर्वेक्षण बताते हैं कि विश्व की लगभग 14% आबादी या प्रत्येक 7 में से 1 व्यक्ति किसी-न-किसी प्रकार के मनोवैज्ञानिक विकार से पीड़ित है। मानसिक विकार में ‘अवसाद’ दुनिया भर में सबसे बड़ी समस्या है। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ महिलाओं में सबसे अधिक देखी जाती हैं।
मानसिक स्वास्थ्य क्या होता है ?
- मानसिक स्वास्थ्य में हमारा भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण शामिल होता है। यह हमारे सोचने, समझने, महसूस करने और कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
- गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अपनी स्वास्थ्य की परिभाषा में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी शामिल करता है।
मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 (Mental Healthcare Act), 2017
वर्ष 2017 में लागू किये गए इस
अधिनियम का मुख्य उद्देश्य मानसिक रोगों से ग्रसित लोगों को मानसिक स्वास्थ्य
सुरक्षा और सेवाएँ प्रदान करना है। साथ ही यह अधिनियम मानसिक रोगियों के गरिमा के
साथ जीवन जीने के अधिकार को भी सुनिश्चित करता है।
‘मानसिक रोग’ परिभाषा
इस अधिनियम के अनुसार, ‘मानसिक रोग’ से अभिप्राय
विचार, मनोदशा, अनुभूति और याददाश्त आदि
से संबंधित विकारों से होता है, जो हमारे जीवन के सामान्य कार्यों जैसे- निर्णय लेने और
यथार्थ की पहचान करने आदि में कठिनाई उत्पन्न करते हैं।
मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति के अधिकार
- अधिनियम यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच का अधिकार होगा।
- अधिनियम में गरीबी रेखा से नीचे के सभी लोगों को मुफ्त इलाज का भी अधिकार दिया गया है।
- अधिनियम के अनुसार, मानसिक रूप से बीमार प्रत्येक व्यक्ति को गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार होगा और लिंग, धर्म, संस्कृति, जाति, सामाजिक या राजनीतिक मान्यताओं, वर्ग या विकलांगता सहित किसी भी आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
- मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को अपने मानसिक स्वास्थ्य, उपचार और शारीरिक स्वास्थ्य सेवा के संबंध में गोपनीयता बनाए रखने का अधिकार होगा।
- मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति की सहमति के बिना उससे संबंधित तस्वीर या कोई अन्य जानकारी सार्वजानिक नहीं की जा सकती है।
- मानसिक रोगों से ग्रसित व्यक्ति को यह बताते हुए अग्रिम निर्देश देने का अधिकार होगा कि उसकी बीमारी का इलाज किस प्रकार किया जाए तथा किस प्रकार नहीं और इस संदर्भ में उसका नामित प्रतिनिधि कौन होगा।
आत्महत्या अपराध नहीं है
आत्महत्या का प्रयास करने
वाले व्यक्ति को मानसिक बीमारी से पीड़ित माना जाएगा एवं उसे भारतीय दंड संहिता के
तहत दंडित नहीं किया जाएगा। इस अधिनियम ने भारतीय दंड संहिता की धारा 309 में संशोधन किया, जो पहले आत्महत्या को
अपराध मानती थी।
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