विश्व निमोनिया दिवस 2023 : इतिहास उद्देश्य महत्व | World Pneumonia Day 2023 in Hindi
विश्व निमोनिया दिवस 2022 : इतिहास उद्देश्य महत्व
विश्व निमोनिया दिवस 2023 : इतिहास उद्देश्य महत्व
- प्रत्येक वर्ष 12 नवंबर को वैश्विक स्तर पर विश्व निमोनिया दिवस (World Pneumonia Day) का आयोजन किया जाता है।
- इस दिवस की शुरुआत सर्वप्रथम वर्ष 2009 में ‘ग्लोबल कोएलिशन अगेंस्ट चाइल्ड निमोनिया’ द्वारा निमोनिया के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से की गई थी। निमोनिया फेफड़ों में एक गंभीर संक्रमण की स्थिति है, जो कि बैक्टीरिया के कारण होता है। चूँकि निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण है, इसलिये इसके सबसे आम लक्षण खाँसी, साँस लेने में परेशानी और बुखार हैं। निमोनिया से पीड़ित बच्चों में तेज़ साँस लेने जैसे लक्षण पाए जाते हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया और पाकिस्तान में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की कुल मौतों में आधे से अधिक का कारण निमोनिया है। वहीं भारत में निमोनिया से सालाना अनुमानित 71% मौतें होती हैं और गंभीर निमोनिया के 57% मामले देखे जाते हैं।
निमोनिया क्या होता है ?
निमोनिया फेफड़ों का एक
तीव्र श्वसन संक्रमण है। यह एक न्यूमोकोकल रोग भी है जो स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया
या न्यूमोकोकस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है।
निमोनिया के कारण:
इसके फैलने का एक कारण
नहीं है- यह हवा में बैक्टीरिया, वायरस या कवक से विकसित हो सकता है।
भेद्यता:
जिन बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली अपरिपक्व
(अर्थात् नवजात शिशु) या कमज़ोर होती है, जैसे कि अल्पपोषण, या एचआईवी रोग- निमोनिया के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
विस्तार:
निमोनिया संक्रामक है और
खाँसने या छींकने से फैल सकता है। यह तरल पदार्थों के माध्यम से भी फैल सकता है, जैसे बच्चे के जन्म के
दौरान रक्त, या दूषित स्थानों
से।
निमोनिया टीका:
भारत ने यूनिवर्सल
टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) की तर्ज़ पर ही PCV की राष्ट्रव्यापी शुरुआत की है।
बैक्टीरिया के कारण होने
वाले निमोनिया को टीकों से आसानी से रोका जा सकता है। इसे रोकने के लिये प्राथमिक
टीके ‘न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन’ (Pneumococcal Conjugate
Vaccine-PCV) की 3 खुराक दी जाती है।
निमोनिया के मुख्य
संक्रमण कारणों हेतु एक नया टीका विकसित किया जा रहा है।
निमोनिया रोग भार:
वैश्विक स्तर पर: कांगो
लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया और पाकिस्तान
में 5 वर्ष से कम उम्र
के बच्चों की कुल मौतों में आधे से अधिक निमोनिया के कारण होती हैं।
सालाना, भारत में निमोनिया से
होने वाली अनुमानित मौतें 71% हैं और गंभीर निमोनिया के 57% मामले देखे जाते हैं।
निमोनिया से संबंधित पहल:
निमोनिया को सफलतापूर्वक रोकने हेतु सामाजिक जागरूकता और कार्रवाई (SAANS):
इसका उद्देश्य निमोनिया के कारण बाल मृत्यु दर
को कम करना है, जो सालाना पाँच
वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु के मामले में लगभग 15% है।
सरकार ने बच्चों में
निमोनिया से होने वाली मौतों के नियंत्रण हेतु वर्ष 2025 तक प्रति 1000 जीवित बच्चों पर मौतों
को 3 से कम करने का
लक्ष्य रखा है।
वर्ष 2014 में भारत ने डायरिया और
निमोनिया से संबंधित पाँच वर्ष से कम उम्र की मौतों की रोकथाम के लिये सहयोगात्मक
प्रयास करने हेतु 'निमोनिया और
डायरिया की रोकथाम और नियंत्रण संबंधी एकीकृत कार्ययोजना (Integrated Action Plan for Prevention
and Control of Pneumonia and Diarrhoea- IAPPD) शुरू की है।
WHO और UNICEF ने निमोनिया एवं डायरिया
की रोकथाम के लिये एक एकीकृत वैश्विक कार्ययोजना (GAPPD) शुरू की थी।
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