भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) उद्देश्य संगठनात्मक नेटवर्क | Bureau of Indian standards GK in Hindi
भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) Bureau of Indian standards GK in Hindi
भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) क्या है ?
- भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) भारत की राष्ट्रीय मानक निकाय है। भारतीय मानक ब्यूरो उत्पादों की मानकीकरण, चिहांकन और गुणवत्ता प्रमाणित गतिविधियों के सामंजस्यपूर्ण विकास के लिए एवं इसके साथ जुड़े मामलों या आकस्मिक मामलों के लिए उत्तरदायी है।
भारतीय मानक ब्यूरो की गतिविधियां
- भारतीय मानक ब्यूरो मानकीकरण और अनुरूपता मूल्यांकन की अपनी मुख्य गतिविधियों के माध्यम से सुरक्षित, टिकाऊ और गुणवत्ता पूर्ण उत्पादों को प्रदान करके, उपभोक्ताओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरों को कम करके पर्यावरण का संरक्षण करके, निर्यात और आयात को बढ़ावा देकर किस्मों पर अधिक मुनाफोखोरी को नियंत्रित करके इत्यादि द्वारा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को लाभान्वित किया जा रहा है।
- भारतीय मानक ब्यूरो की मानकीकरण और प्रमाणन योजना उपभोक्ताओं और उद्योग को लाभ पहुँचाने के अलावा, विशेष रूप से उत्पाद सुरक्षा, उपभोक्ता संरक्षण खाद्य सुरक्षा सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण भवन और निर्माण आदि जैसे क्षेत्रों में विभिन्न सरकारी नीतियों का समर्थन करती है।
- हाल के वर्षों में भारतीय मानक ब्यूरो ने, मानकीकरण और प्रमाणन गतिविधियों के माध्यम से विशेष तौर पर विभिन्न राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और अभियान, डिजिटल इंडिया, मेक–इन– इंडिया और व्यापार की सुगमता जेसी अन्य सरकारी पहलों को संबोधित करने का कार्य किया है।
- भारतीय मानक ब्यूरो, मानकों के विकास में प्रौद्योगिकी परिवर्तन और प्रगति, जलवायु परिवर्तन पर्यावरण और ऊर्जा संरक्षण, स्वास्थ्य और और सुरक्षा की स्थिति और व्यापार की सुविधा जैसे मुद्दों को संबंधित करता आ रहा है।
- भारतीय मानक ब्यूरो अनुरूपता मूल्यांकन के क्षेत्र में प्रक्रियाओं को और सरल और तेज करने की दिशा में कार्य कर रहा है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) का सांवैधानिक
संरचना
भारतीय मानक ब्यूरो
अधिनियम, 2016 को दिनांक 12 अक्तूबर, 2017 को किया गया है।
नये भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार है:
- भारतीय मानक ब्यूरो को राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप में स्थापित करता
- वैश्विक प्रथाओं के अनुरूप कई अनुरूपता मूल्यांकन स्कीम की अनुमति प्रदान करता है।
- सरकार को भारतीय मानक ब्यूरो के अलावा कोई एजेंसी को मानक के अनुरूपता प्रदान करता है।
- सरकार को भारतीय मानक ब्यूरो के अलावा कोई एजेंसी को मानक के अनुरूपता को प्रमाणित और लागू करने हेतु अधिकृत करने में सक्षम बनाता है।
- सरकार को स्वास्थ्य सुरक्षा पर्यावरण, राष्ट्रीय और भ्रामक प्रथाओं की रोकथाम के आधार पर अनिवार्य प्रमाणन के तहत उत्पादों को शामिल करने हेतु सक्षम बनाता है।
- उपभोक्ता संरक्षण के उपायों यथा गैर- अनुरूप मानक चिन्हित उत्पाद को वापिस लेना, उपभोक्ता को मुआवजा और अधिक कठोर दांडिक प्रावधान की पेशकश करता है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) का
उद्देश्य
- मानकीकरण चिहांकन और उत्पादों का गुणवत्ता प्रमाणन की गतिविधियों का सामंजस्यपूर्ण विकास।
- एक तरफ उद्योग का विकास और वृद्धि के लिए मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण पर जोर देना और दूसरी तरफ उपभोक्ताओं के जरूरतों को पूरा करना।
भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) संगठनात्मक नेटवर्क
भारतीय मानक ब्यूरो
का मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसके पांच क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, (पूर्वी), चेन्नई (दक्षिण), मुंबई (पश्चिम), चंडीगढ़ (उत्तर)
और दिल्ली (मध्य) में स्थित है। क्षेत्रीय कार्यालयों के अधीन शाखा कार्यालय
(बी.ओ.) है। 28 विभिन्न स्थानों
यथा अहमदाबाद, बैंगलुरू, भुवनेश्वर, भोपाल, चंडीगढ़, चेन्नई, कोयमबटूर, देहरादून, दिल्ली, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मु, जमशेदपुर, कोच्चि, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, परमाणु, पटना, पुणे, रायपुर, राजकोट और
विशाखापट्टनम पर 33 शाखा कार्यालय
स्थित है। ये शाखा कार्यालय क्षेत्र की राज्य सरकार, उद्योगों, तकनीकी संस्थानों, उपभोक्ता
संगठनों के बीच प्रभावी कड़ी के रूप में कार्य करता है:
- मानक निर्धारण
- अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियां
- उत्पाद प्रमाणन
- हॉलमार्किंग
- प्रयोगशाला सेवाएं
- प्रशिक्षण सेवाएं: राष्ट्रीय मानकीकरण प्रशिक्षण संस्थान
- उपभोक्ता मामले और प्रचार
भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) द्वारा मानक निर्धारण
भारतीय मानक ब्यूरो विभिन्न क्षेत्रों के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप भारतीय मानक तैयार करता है जिन्हें 14 विभागों जैसे रसायन, खाद्य और कृषि, सिविल इलेक्टो-टेक्निकल, इलेक्टानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, प्रबंधन एवं प्रणाली, धातुकर्म इंजीनियंरिंग, पेट्रोलियम कोयला एवं संबंधित उत्पादों, चिकित्सा उपकरण और अस्पताल योजना, वस्त्र, परिवहन इंजीनियरिंग उत्पादन एवं जेनरल इंजीनियरिंग और जल संसाधन के तहत वर्गीकृत किया गया है। इन विभागों के लिए चौदह प्रभाग परिषद व्याप्त है। ये मानक अर्थव्यवस्था के महतवपूर्ण क्षेत्रों को कवर करती है और अपनी वस्तु और सेवाओं की गुणवत्ता को अपग्रेड करने में उद्योग की मदद करता है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) की अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियां:
अंतर्राष्ट्रीय
मानकीकरण संगठन (आई.एस.ओ.): आई.एस.ओ. एक स्वतंत्र गैर सरकारी सदस्यता संगठन है
और यह विश्व का सबसे बड़ा स्वैच्छिक अंतर्राष्ट्रीय मानक का विकासकता है।
भारतीय मानक ब्यूरो आई.एस.ओ. का एक संस्थापक सदस्य है और वह विभिन्न तकनीकी
समितियों उप-समितियों कार्य- समूहों इत्यादि में, भागीदार (पी) सदस्य या प्रेक्षक (ओ) सदस्य के
रूप में भाग लेते हुए अंतर्राष्ट्रीय मानकों के विकास में सक्रिय रूप से भागीदार
है।
अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रो-तकनीकी आयोग (आई.ई.सी.):
- आई.ई.सी. की स्थापना वर्ष 1906 में हुई थी और वह सभी विद्युतीय इलेक्ट्रॉनिक और संबंधित प्रोद्योगिकी के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों की तैयारी और उसके प्रकाशन हेतु दुनिया की अग्रणी संगठन है। ई्.आई.सी. में भारतीय मानक ब्यूरो के माध्यम से भारत का प्रतिनिधित्व किया जाता है।
क्षेत्रीय और द्विपक्षीय सहयोग:-
- भारतीय मानक ब्यूरो मानकीकरण, परीक्षण प्रमाणन प्रशिक्षण इत्यादि संबंधी क्षेत्रीय और द्विपक्षीय सहयोग कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भागीदार है। अभी तक भारतीय मानक ब्यूरो ने विभिन्न देशों की राष्ट्रीय मानक निकायों के साथ कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हेा। भारतीय मानक दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय मानक संगठन (एस.ए.आर.एस.ओ.) के तहत दक्षेस देशों के लिए अनुरूपता मूल्यांकन स्कीम पर एवं क्षेत्रीय मानकों के निर्धारण और क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका भी निभाता है।
- विश्व व्यापार संगठन-व्यापार के लिए तकनीकी बाधाएं (डब्ल्यू.टी.ओ.टी.पी.टी.) संबंधी मामलों: भारतीय मानक ब्यूरो डब्ल्यू.टी.ओ.बी.टी. के लिए राष्ट्रीय जांच बिन्दु है।
उत्पाद प्रमाणन:
- भारतीय मानक ब्यूरो भारतीय मानकों के अनुपालना को सुनिश्चित करने के लिए एक उत्पाद प्रमाणन स्कीम का संचालन करता है। उत्पाद पर बी.आई.एस. मानक चिह्न (आई.एस.आई. चिह्न के रूप में प्रख्यात) की मौजूदगी प्रासंगिक भारतीय मानक की अनुरूपता को दर्शाता है। किसी भी विनिर्माता को लाइसेंस की स्वीकृति देने से पूर्व भारतीय मानक ब्यूरो निरंतर आधार पर संबंधित भारतीय मानक के अनुरूप उत्पाद का उत्पादन और परीक्षण करने के लिए विनिर्माता की वांछित अवसंरचना और क्षमता की उपलब्धता को सुनिश्चित करता है।
- भारतीय मानक ब्यूरो की प्रमाणन योजना स्वैच्छिक प्रकृति के हैं। हालांकि, केन्द्र सरकार लोक हित में कई उत्पादों के लिए विभिन्न कानूनों के तहत भारतीय मानकों की अनुपालना को अनिवार्य कर दिया है।
विदेशी विनिर्माण प्रमाणन योजना
- भारतीय मानक ब्यूरो भारत से बाहर निर्मित वस्तुओं को प्रमाणित करने हेतु विदेशी विनिर्माताओं के लिए एक अलग योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के तहत, विदेशी विनिर्माता संदर्भित भारतीय मानकों के अनुरूप उत्पादों की अनुरूपता सुनिश्चित करने के बाद बी.आई.एस. मानक चिह्न के साथ अपने उत्पादों के चिन्हांकन के लिए भारतीय ब्यूरो से प्रमाणन की मांग कर सकते हैं।
अनुरूपता की स्व-घोषणा के लिए पंजीकरण योजना
- भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा संचालित पंजीकरण योजना अनरूपता मूल्यांकन का एक सरलीकृत प्रक्रिया है। इस योजना में एक विनिर्माता स्वयं एक उद्घोषणा करता है कि उनका उत्पाद भारतीय मानक के अनुरूप है।
- इलैक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (आई.टी.) ने दिनांक 03 अक्तूबर, 2012 को “इलैकट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी वस्तुएं” (अनिवार्य पंजीकरण के लिए अपेक्षाएं) आदेश, 2012 को अधिसूचित किया है जिसके तहत इलैक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी उत्पादों को भारतीय मानक बॅयरो से अनिवार्य पंजीकरण के लिए अधिदेशित किया गया है। भारतीय मानक ब्यूरो ने पंजीकरण योजना के लिए भी एक अलग “मानक चिह्न” भी अधिसूचित किया था।
भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) द्वारा हॉलमार्किंग
आभूषणों की हॉलमार्किंग
स्वर्ण आभूषणों
की शुद्धता अथवा उत्कृष्टता के संबंध में उपभोक्ताओं को तृतीय पक्ष का आश्वासन
प्रदान करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्वर्ण आभूषणों की हॉलमार्किंग की
शुरुआत अप्रैल, 2000 में की गई थी।
चांदी के आभूषणों/कलाकृतियों के हालमार्किंग की स्कीम का शुभारंभ अक्तूबर, 2005 में किया गया
था। इस हॉलमार्किंग स्कीम के तहत, ज्वैलरों को हॉलमार्क किए गए आभूषणों को बेचने के लिए
पंजीयन प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है और पंजीकृत ज्वैलर द्वारा प्रस्तुत किए
गए आभूषणों की घोषित उत्कृष्टता सहित शुद्धता के आकलन की घोषणा करने और संगत
भारतीय मानक के अनुरूप पाये जाने वाले आभूषणों पर हॉलमार्क लगाने के लिए एसेइंग और
हॉलमार्किंग केन्द्रों को मान्यता प्रदान की गई है।
प्रयोगशाला
प्रमाणीकरण
गतिविधि हेतु परीक्षण की जरूरतों को पूरा करने भारतीय ब्यूरो ने देश में आठ
प्रयोगशालाएं स्थापित की है जिनका नाम इस प्रकार है: केन्द्रीय प्रयोगशाला
(सी.एल.) साहिबाबाद; पश्चिम क्षेत्रीय
कार्यालय प्रयोगशाला (डब्ल्यू.आर.ओ.एल.) चेन्नई, बैंगलौर शाखा कार्यालय प्रयोगशाला
(बी.एन.बी.ओ.एल.); पटना शाखा
कार्यालय प्रयोगशाला (पी.बी.ओ.एल.) पटना; गुवाहाटी शाखा कार्यालय प्रयोगशाला (जी.बी.ओ.एल.) गुवाहाटी
है। इसके अतिरिक्त भारतीय मानक ब्यूरो ने अनुरूपता मूल्यांकन के लिए उत्पादों
के परीक्षण से संबंधित कार्य का निर्वहन करने के लिए एन.ए.बी.एल. से मान्यता
प्राप्त प्रयोगशालाओं एवं सरकारी प्रयोगशालाओं को भी मान्यता दी है। इसके
अतिरिक्त, भारतीय मानक ब्यूरो
के पास नमूनों के परीक्षण के लिए चेन्नई में एक गोल्ड रेफरल एसेइंग प्रयोगशाला
भी है।
राष्ट्रीय
मानकीकरण प्रशिक्षण संस्थान (एन.आई.टी.एस.) की आई.एस. उद्योग, उपभोक्ता संग्ठनों, सार्वजनिक
क्षेत्र के उपक्रमों, सरकारी निकायों
और विकासशील देशों के तकनीकी एवं प्रबंधन कर्मियों को एन.आई.टी.एस. के माध्यम से
प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह संस्थान भारत सरकार के विभिन्न सहकारी योजनाओं के
तहत विकासशील देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन भी करता
है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) दवा उपभोक्ता मामले
और प्रचार
भारतीय मानक ब्यूरो
विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से अपने सभी उपभोक्तओं के बीच जागरूकता
पैदा करने और गुणवत्ता को बढ़ावा देने का प्रयास करता है:
- उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रमों: मानकीकरण प्रमाणन की अवधारणा का उन्नयन करने और उपभोक्ताओं के बीच गुणवत्ताओं के बीच गुणवत्ता के प्रति जागरूकता का सृजन करने लिए भारतीय मानक ब्यूरो के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों और शाखा कार्यालयों और कभी उपभोक्ता संगठनों के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रमों का नियमित रूप से आयोजन किया गया।
- उद्योग जागरूकता कार्यक्रम: उद्योगों के बीच मानकीकरण उत्पाद प्रमाणन प्रबंधन प्रणालियां प्रमाणन की अवधारण और भारतीय मानक ब्यूरो की अन्य गतिविधियों का प्रसार करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा उद्योग जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गये।
- मानकों के शैक्षणिक उपयोग संबंधी कार्यक्रम: युवा विद्यार्थियों को मानकीकरण की अवधारणा और उसके लाभों का ज्ञान देने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा विद्यालय, महाविद्यालय इत्यादि के विद्यार्थियों और संकाय के लिए मानकों के शैक्षणिक उपयोग (ई.यू.एस.) संबंधी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
विश्व मानक दिवस:
भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा, विश्व भर के उन हजारों, विशेषज्ञों जिन्होंने स्वैच्छिक तकनीकी समझौते विकसित किए
जो कि अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय मानकों के रूप में प्रकाशित हुए हैं के
सामूहिक प्रयासों को सम्मान देने के लिए दिनांक 14 अक्तूबर को विश्व मानक दिवस मनाया गया।
लोक शिकायतें:
भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित उत्पादों से संबंधित उपभोक्ता शिकायतों की
समीक्षा की जाती है और नियमित आधार पर उसकी निगरानी की जाती है।
जन संपर्क:
भारतीय मानक ब्यूरो की प्रचार गतिविधियों का उद्देश्य उद्योग एवं आम उपभोक्ताओं सहित अपने लक्षित दर्शकों के बीच भारतीय मानक ब्यूरो की मानकीकरण, वस्तुओं और सेवाओं के प्रमाणन और स्वर्ण आभूषणों की हॉलमार्किंग संबंधी गतिविधियों के संबंध में जागरूकता पैदा करना है।
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