जूनागढ़ ऐतिहासिक स्थल की जानकारी प्रमुख तथ्य | Junagarh Historical Place Important Fact in Hindi
जूनागढ़ ऐतिहासिक स्थल की जानकारी प्रमुख तथ्य
जूनागढ़ ऐतिहासिक स्थल की जानकारी
जूनागढ़ गुजरात के सौराष्ट्र इलाके का हिस्सा है. शहर के निकट स्थित कई मंदिर और मस्जिदें इसके लम्बे और जटिल इतिहास को उद्घाटित करते हैं. जूनागढ़ इतिहास व वास्तुकला की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण शहर है.
जूनागढ़ ऐतिहासिक स्थल प्रमुख तथ्य
- इस शहर का निर्माण नौवीं शताब्दी में हुआ था. यह चूड़ासमा आभीरों की राजधानी थी. यह एक रियासत थी.
- जूनागढ़ गिरनार पहाड़ियों के निचले हिस्सेपर स्थित है. मंदिरों की भूमि जूनागढ़ के प्राचीन शहर का नामकरण एक पुराने दुर्ग के नाम पर हुआ है.
- यहाँ पूर्व हड़प्पा काल के स्थलों की खुदाई हुई है.
- इस शहर का निर्माण नौवीं शताब्दी में हुआ था. गिरनार के रास्ते में एक गहरे रंग की बेसाल्ट चट्टान है जिस पर तीन राजवंशों का प्रतिनिधित्व करने वाला शिलालेख अंकित है.
- मौर्य शासक अशोक (लगभग 260-238 ई.पू.) रुद्रदामन (150 ई.) और स्कंदगुप्त (लगभग 455-467).यहाँ 100-700 ई. के दौरान बौद्धों द्वारा बनाई गई गुफाओं के साथ एक स्तूप भी है. शहर के निकट स्थित कई मंदिर और मस्जिदें इसके लम्बे और जटिल इतिहास को उद्घाटित करते हैं.
- यहाँ तीसरी शताब्दी ई.पू. की बौद्ध गुफाएं, पत्थर पर उत्कीर्णित सम्राट् अशोक का आदेश पत्र और गिरनार पहाड़ की चोटियों पर कहीं-कहीं जैन मंदिर स्थित है.
- 15वीं शताब्दी तक राजपूतों का गढ़ रहे जूनागढ़ पर 1472 में गुजरात के महमूद बेगड़ा ने अधिकार कर लिया, जिन्होंने इसे मुस्तफाबाद नाम दिया और यहाँ एक मस्जिद बनवाई, जो अब खंडहर हो चुकी है.
Post a Comment