कोच्चि ऐतिहासिक स्थल की जानकारी प्रमुख तथ्य | Kochhi Historical Place Important Fact in Hindi

 कोच्चि ऐतिहासिक स्थल की जानकारी प्रमुख तथ्य 

कोच्चि ऐतिहासिक स्थल की जानकारी प्रमुख तथ्य | Kochhi Historical Place Important Fact in Hindi

कोच्चि ऐतिहासिक स्थल की जानकारी

कोच्चि एक प्रायद्वीप के उत्तरी छोर पर भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित है.. कोच्चि का नाम मलयालम के शब्द 'कोचु अजहिके नाम पर पड़ा हैजिसका अर्थ है 'छोटी खाड़ी', जो इस बंदरगाह शहर के लिए उपयुक्त है. इस शहर का वर्णन कई प्राचीन यात्रियों के लेखन में किया गया हैक्योंकि यह हमेशा से ही विश्व के लोगों का पसंदीदा गंतव्य रहा है.

 

कोच्चि ऐतिहासिक स्थल की जानकारी प्रमुख तथ्य 

  • यह शहर 14वीं शताब्दी में उभर कर आया और तब से अनेक यात्रियों ने अपनी ऐतिहासिक किताबों में इसका उल्लेख किया है. 
  • यह खाद्य पदार्थों के व्यापार के लिए महत्वपूर्ण था विशेष रूप से मसालों और जड़ी बूटियों के लिए यहूदीचीनीपुर्तगालीयूनानीअरब और रोमन व्यापारी यहाँ मसाले खरीदने के लिए आते थे और उनकी वस्तुएं यहाँ बेचते थे. इसके परिणामस्वरूप यहाँ के स्थानीय लोगों के जीवन पर विभिन्न संस्कृतियों की प्रथाओं का पूर्ण प्रभाव पड़ा. 
  • 1341 मेंकोडुंगल्लूर (क्रेनगोर) में बंदरगाह के बाद एक व्यापारिक केन्द्र पेरियार नदी की भारी बाढ़ से नष्ट हो गया और कोच्चि का महत्व बढ़ गया. 
  • कोच्चि का सबसे पहला प्रलेखित सन्दर्भ 15वीं शताब्दी में कोच्चि की अपनी यात्रा के दौरान चीनी वायेजर मा हुआन द्वारा लिखित पुस्तकों में मिलता है. यहाँ तक कि इतालवी यात्री निकोलो दा कोंटी ने 1440 ईस्वी में कोच्चि में अपनी यात्रा के बाद अपने लेखन में कोच्चि का नाम भी उल्लेख किया है. 
  • कुलशेखर साम्राज्य के पतन के बाद, 1102 ई में कोच्चि का साम्राज्य अस्तित्व में आया. कोच्चि के राजा के पास वर्तमान शहर कोच्चि और आसपास के क्षेत्रों पर अधिकार था. 
  • कोच्चि पर शासन करने वाले परिवार को कोचीन रॉयल फैमिली और स्थानीय पेरिंगुआ फ्रेंका में पेरम्पादप्पु स्वरूपमके रूप में जाना जाता था. 18वीं शताब्दी से मुख्य भूमि कोच्चि रियासत की राजधानी बनी रही. फोर्ट कोच्चि भारत में पहली यूरोपीय औपनिवेशिक बस्ती थी. 1503 से 1663 तकफोर्ट कोच्चि पर पुर्तगाल का शासन था. यह पुर्तगाली काल क्षेत्र में रहने वाले यहूदियों के लिए एक कष्टदायक समय था. 
  • कोच्चि का इतिहास बताता है कि कोच्चि भारत में पहली यूरोपीय औपनिवेशिक बस्ती का स्थल थाजिस पर 1503 में पुर्तगालियों का कब्जा था और 1530 तक यह पुर्तगाली भारत की राजधानी बना रहा और बाद में उन्होंने गोवा को अपनी राजधानी के रूप में चुना. बाद में इस शहर पर डचमैसूर और अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया था.
  • भारत के लिए पाल स्थापित करने वाले पहले यूरोपीय खोजकर्ता की कब्रवास्को डी-गामा कोच्चि में स्थित थी. बाद में डचों द्वारा पुर्तगाली शासन का पालन किया गयाजिन्होंने कोच्चि को जीतने के लिए " जमोरिन्स के साथ गठबंधन किया था. 
  • डच ने यूनाइटेड किंगडम के साथ 1814 की एंग्लो-डच संधि पर हस्ताक्षर किए. जिसके तहत कोच्चि को बांग्का द्वीप के तहत् बदले यूनाइटेड किंगडम को दिया गया थालेकिन सबूत साबित करते हैं कि संधि पर हस्ताक्षर करने से पहले भी इस क्षेत्र में अंग्रेजी निवास था. 
  • फोर्ट कोच्चि को 1866 में एक नगरपालिका में स्थानांतरित किया गया था और इसका पहला नगरपालिका परिषद् चुनाव 1883 में आयोजित किया गया था. 
  • वर्ष 1896 में कोचीन के महाराजा ने मट्टनचेरी और एर्नाकुलम में नगर परिषदों का गठन करके स्थानीय प्रशासन की शुरूआत की.

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