मक्खलि गोसाल के बारे में महत्वपूर्ण (तथ्य) जानकारी | Makhali Gosaal Important Fact in Hindi

 मक्खलि गोसाल के बारे में महत्वपूर्ण (तथ्य) जानकारी

मक्खलि गोसाल के बारे में महत्वपूर्ण (तथ्य) जानकारी | Makhali Gosaal  Important Fact in Hindi

मक्खलि गोसाल कौन थे  ?

मक्खलि गोसाल के जन्म और जीवन यापन के बारे में जैन ग्रंथ भगवती सूत्र में कुछ जानकारी हैजिसके अनुसार उनके पिता का नाम मंखलि और माता का भद्दा (भद्रा) था. मक्खलि गोसाल के बारे में कोई भी प्राथमिक और प्रामाणिक स्रोत उपलब्ध नहीं है. मक्खलि गोसाल और आजीवक सम्प्रदाय की जानकारी के लिए इतिहासकार पूरी तरह से जैन आगम के 'भगवती सूत्रऔर बौद्ध ग्रंथ दीघ निकाय के 'समन्नफल सुत्ततथा मौर्ययुगीन बराबर गुफाओं में प्राप्त शिलालेखों पर निर्भर हैंजिनमें मक्खलि गोसाल और उनके आजीवक अनुयायीयों को महावीर और बुद्ध से निम्नतर बताते हुए उनकी खिल्ली उड़ाई गई हैतब भी इतिहासकारों में इस बात पर विवाद नहीं है कि मक्खलि गोसाल के आजीवक सम्प्रदाय और दर्शन का प्रभाव व प्रचलन पहली सदी तक सम्पूर्ण भारत में व्यापक रूप से था.

 

मक्खलि गोसाल के बारे में महत्वपूर्ण (तथ्य) जानकारी 

 

  • जैन परम्परा के अनुसार 'मक्खलि' 'मखसे बना है. मख एक ऐसा समुदाय था जिसके सदस्य चारण या भाट जैसा जीवन-यापन करते थे. 
  • जैन साहित्य के अनुसार मक्खलि हाथ में मूर्ति लेकर भटका करते थे. इसीलिए जैनों और बौद्धों ने उन्हें 'मक्खलिपुत्त गोशालकहा हैसंस्कृत ग्रन्थ 'दिव्यावदानमें मक्खलि को गोसाल मस्करीपुत्र कहा गया है. 
  • गोसाल श्रमण परम्परा से आए थेक्योंकि जैन-बौद्ध ग्रंथों में उनके पहले के कई आजीविकों का उल्लेख मिलता है. मक्खलि गोसाल आजीवक मत के अंतिम तीर्थकर थे. 
  • भारतीय दर्शन और इतिहास के अध्येताओं के अनुसार आजीवक सम्प्रदाय की स्थापना मक्खलि गोसाल ने की थी.  
  • ैन और बौद्ध शास्त्रों ने आजीविकों के तीर्थकर के रूप में मक्खली गोसाल का उल्लेख करते हुए उन्हें बुद्ध और महावीर का प्रबल विरोधी घोषित किया है. 
  •  जैन-बौद्ध शास्त्रों से ही हमें यह पता चलता है कि आजीवक मत को सुव्यवस्थित व संगठित रूप देने तथा उसे लोकप्रिय बनाने वाले एकमात्र तीर्थंकर मक्खलि गोसाल थे. 

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