रंगपुर ऐतिहासिक स्थल जानकारी एवं महत्वपूर्ण तथ्य |Rangpur Historical Fact in Hindi
रंगपुर ऐतिहासिक स्थल जानकारी एवं महत्वपूर्ण तथ्य
रंगपुर ऐतिहासिक स्थल
गुजरात के काठियावाड़ प्रायद्वीप में स्थित इस स्थल से
सैन्धव सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं. यहाँ 1935 तथा 1947 में खुदाइयाँ की गई थीं. प्राप्त अवशेषों में चिकने एवं
अलंकृत मिट्टी के बर्तन, स्वर्ण तथा बहुमूल्य
पत्थरों की गुरियाँ तथा धूप में सुखाई ईंटें आदि प्रमुख हैं. बर्तनों के ऊपर हिरण
आदि पशुओं के चित्र बने हुए हैं. इन अवशेषों से पता चलता है कि सैन्धव सभ्यता का
विस्तार यहाँ तक था. रंगपुर से कुछ पाषाणयुगीन उपकरण भी प्राप्त हुए हैं.
रंगपुर ऐतिहासिक स्थल प्रमुख तथ्य ( Rangpur Fact in Hindi)
- इस स्थल की खुदाई वर्ष 1953-54 में ए. रंगनाथ राव द्वारा की गई थी.
- यहाँ पर पूर्व हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष मिले हैं.
- रंगपुर से मिले कच्ची ईंटों के दुर्ग, नालियाँ, मृद्भांड, बाँट, पत्थर के फलक आदि महत्वपूर्ण हैं. यहाँ धान की भूसी के ढेर मिले हैं.
- यह ऐतिहासिक स्थान गोहिलवाड़ प्रांत में सुकभादर नदी के पश्चिम समुद्र में गिरने के स्थान से कुछ ऊपर की ओर स्थित है.
- यहाँ पहली बार की खुदाई के अवशेषों से विद्वानों ने यह समझा था कि ये हड़प्पा सभ्यता के दक्षिणतम प्रसार के चिह्न हैं, जिनका समय लगभग 2000 ई. पू. होना चाहिए.
- वर्ष 1944 ई. के जनवरी मास मे यहाँ पुरातत्व विभाग ने पुनः उत्खनन किया, जिससे अनेक अवशेष प्राप्त हुए. जिनमें प्रमुख थे- अलंकृत व चिकने मृद्भांड, जिन पर हिरण तथा अन्य पशुओं के चित्र हैं: स्वर्ण तथा कीमती पत्थर की बनी हुई गुरियाँ तथा धूप में सुखाई हुई ईंटें.
- यहाँ से भूमि की सतह के नीचे नालियों तथा कमरों के भी चिह्न मिले हैं.
- खुदाई से रंगपुर में अति प्राचीन अणुपाषाण युगीन सभ्यता के भी खंडहर मिले हैं.
- इस सभ्यता का मूल स्थान बेबिलोनिया बताया जाता है. रंगपरी के निकटवर्ती अन्य कई स्थानों से सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष प्रकाश में लाए गए हैं.
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