शातकर्णी प्रथम जानकारी एवं महत्वपूर्ण तथ्य | ShaatKarni First GK and Fact in Hindi
शातकर्णी प्रथम जानकारी एवं महत्वपूर्ण तथ्य , ShaatKarni First GK and Fact in Hindi
शातकर्णी प्रथम जानकारी एवं महत्वपूर्ण तथ्य
पुराणों से जानकारी मिलती है कि कृष्ण (कान्ह) के बाद शातकर्णी (27-17 ईसा पूर्व) गद्दी पर बैठा. इसके शासन के बारे में अधिकांश जानकारी इसकी रानी नागानिका के 'नानाघाट' अभिलेख से मिलती है.
शातकर्णी प्रथम महत्वपूर्ण तथ्य (ShaatKarni First GK and Fact in Hindi)
- हाथीगुफा अभिलेख से ज्ञात होता है कि उसकी पूर्वी सीमा कलिंग शासक खारवेल की पश्चिमी सीमा से लगी हुई थी. यद्यपि अभिलेख के उक्त अनुच्छेद की व्याख्या अलग-अलग ढंग से की गई है, किन्तु अधिकांश विद्वानों की मान्यता है की उसके खारवेल से मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध थे.
- कुछ इतिहासकारों का विचार है कि कृष्णा नदी के दक्षिणी भाग पर जो शातकर्णी के राजत्व में था, खारवेल ने आक्रमण किया था.
- इसने सातवाहन साम्राज्य का दक्षिण में विस्तार किया. शातकर्णी प्रथम ने शातकर्णी सम्राट् दक्खिनापथपति तथा अप्रतिहतचक्र की उपाधियाँ धारण की थी.
- सम्भवतः मालवा भी इसके अधिकार क्षेत्र में था.
- इसके अतिरिक्त इसने अनूप एवं विदर्भ प्रदेशों पर भी विजय प्राप्त की.
- इसकी मुद्राओं में ' श्रीसात' नाम खुदा हुआ मिलता है.
- अभिलेखों से ज्ञात होता है कि इसने ब्राह्मणों तथा बौद्धों को भूमि दान में दी.
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