वज्जि ऐतिहासिक स्थल की जानकारी प्रमुख तथ्य | Vajji Historical Place Important Fact in Hindi

 वज्जि ऐतिहासिक स्थल की जानकारी प्रमुख तथ्य 

वज्जि ऐतिहासिक स्थल की जानकारी प्रमुख तथ्य | Vajji Historical Place Important Fact in Hindi
 

वज्जि ऐतिहासिक स्थल की जानकारी 

वज्जि या वृजि प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था. यह आठ राज्यों का एक संघ था. इसमें वज्जि के अतिरिक्त वैशाली के लिच्छवि, मिथिला के विदेह तथा कुंडग्राम विशेष रूप से प्रसिद्ध थे. बुद्ध के समय में यह शक्तिशाली संघ था.

 

 वज्जि ऐतिहासिक स्थल प्रमुख तथ्य (Vajji Places Fact in Hindi)

 

  • वज्जि की राजधानी वैशाली थी. 
  • यहाँ एक अलग किस्म की शासन व्यवस्था थी जिसे गण या संघ कहते थे.
  • गण या संघ के कई शासक होते थे. कभी कभी लोग एक साथ शासन करते थे, जिसमें से प्रत्येक व्यक्ति राजा कहलाता था. 
  • कई शक्तिशाली राजा इन संघों को जीतना चाहते थे. इसके बावजूद उनका राज्य अब से लगभग 1500 साल पहले तक चलता रहा. 
  • उसके बाद गुप्त शासकों ने गण और संघ पर विजय प्राप्त कर उन्हें अपने राज्य में शामिल कर लिया. 
  • वज्जियों का उल्लेख पाणिनि ने किया है. कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में वृजिकों को लिच्छविओं से भिन्न बताया गया है और वृजियों के संघ का भी उल्लेख किया गया है. 
  • युवानच्वांग ने भी वृज्जि देश को वैशाली से अलग बताया है, किन्तु फिर भी वृजियों का वैशाली से निकट सम्बन्ध था. 
  • बुद्ध के जीवनकाल में मगध सम्राट् अजातशत्रु और वृज्जि गणराज्य में बहुत दिनों तक संघर्ष चलता रहा. 
  • महावग्ग के अनुसार अजातशत्रु के दो मंत्रियों सुनिध और वर्षकार ( वस्सकार) ने पाटलिग्राम (पाटलिपुत्र ) में एक किला वृज्जियों के आक्रमणों को रोकने के लिए बनवाया था. 
  • महापरिनिब्बान सुत्तन्त में भी अजातशत्रु और वृज्जियों के विरोध का वर्णन है.. वज्जि शायद वृजि का ही रूपांतर है. 
  • बुल्हर के मत में वजि का नामोल्लेख अशोक के शिलालेख सं. 13 में है.
  • जैन तीर्थंकर महावीर वृज्जि गणराज्य के ही राजकुमार थे.

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