26/11 मुंबई आतंकी हमला। 26/11 Mumbai Terrorist attack
26/11 मुंबई आतंकी हमला
26/11/2008 भारत के
इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक है, यह वही दिन है जब पाकिस्तान
से आए 10 आतंकियों ने मुंबई की धरती को खून से भिगो दिया । मुंबई आतंकी हमला
भारत में हुए आतंकी हमलों में अब तक के सबसे क्रूर आतंकी हमला था।
मुंबई में हुए आतंकी हमले के लगभग 14 वर्ष
पूर्ण हो चुके हैं लेकिन 26/11 का नाम सुनते ही आज भी देश
का हर इंसान शिहर उठता है। इस आतंकवादी घटना में 164 लोगों की
मौत हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे। मारे गए लोगों में शहीद हुए 18 सुरक्षा कर्मी भी शामिल हैं।
26/11 मुंबई हमले में भाग लेने वाले आतंकवादी पाकिस्तान से भेजे गए थे और
काफी प्रशिक्षित थे। ये सभी भारत में प्रवेश करने के लिए समुद्री मार्ग से आए थे।
उनका मुख्य मकसद आतंक फैलाना और कुछ प्रमुख आतंकवादियों को कंधार अपहरण मामले से
छुड़वाना था। मुंबई पर हमला करने वाले इन सभी 10 आतंकियों को ना सिर्फ हिंदू
पहचान दी गई थी बल्कि उनके हाथों में एक कलावा भी बांधा गया, जैसा कि हिंदू अक्सर अपने हाथों में बांधते हैं इसका उद्देश्य हमलों
को हिंदू आतंकवाद के रूप में पेश करने की कोशिश की गई थी, इसका खुलासा मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी
किताब "लेट मी से नाउ" में किया है।
घटनाक्रम
पाकिस्तान
के कराची शहर से 10 आतंकी 23 नवंबर 2008 बोट पर बैठकर पानी के
रास्ते भारत की सीमा में घुसे जहां पर उन्होंने एक भारतीय नाव पर कब्जा किया और
मुंबई तक आए,
इसके बाद उन्होंने बोट के कैप्टन को मार दिया।
इसके बाद 26 नवंबर 2008 को रात 8 बजकर 10 मिनट पर आतंकी मुंबई के करीब पहुंचे जिनमे से 6 लोग छोटे टुकड़ों में बंट गए और बाकी आतंकी पानी में घूमते रहे। बाद
में वो भी मुंबई के बंधवार पार्क के पास दो अलग-अलग हिस्सों में बंट गए।
आतंकियों ने हमले के लिए मुंबई में भीड़ भाड़ वाले इलाकों और ऐसे
स्थानों को चुना जहां विदेशी नागरिक हों इसलिए उन्होंने ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट और नरीमन हाउस को अपना निशाना बनाया।
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) पर हमला
छत्रपति शिवाजी महाराज
टर्मिनस पर रात के लगभग 9:30 बजे आतंकी इस्माइल खान और अजमल कसाब ने हमला किया था। आतंकियों ने
यात्री हॉल में प्रवेश किया और आग लगा दी साथ ही अत्याधुनिक AK-47 राइफल्स से मासूमों पर
गोली चलाना चालू कर दिया जिससे 58 मासूमों की मौत हो गई और 104 लोग घायल हो गए। इस दौरान रेलवे घोषणकर्ता, श्री विष्णु दत्ताराम
ज़ेंडे ने समझदारी से काम लेते हुए लोगों को सतर्क करने के लिए घोषणा की और
यात्रियों को जल्द से जल्द स्टेशन छोड़ने के लिए कहा जिससे कई मासूमों की ज़िंदगी
बच गई। सुरक्षाबलों और आपातकालीन सेवा के पहुंचने पर रात के लगभग 10:45 पर आतंकियों के हमले बंद
हो गए और दोनों आतंकी वहां से भागकर सड़कों पर आ गए और यहां पर गोलाबारी करना चालू
कर दिया जिसमें 8 पुलिस अधिकारी शहीद हो गए।
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन पर आतंकी हमले की बाद की स्तिथि |
इसके बाद आतंकियों ने कामा
हॉस्पिटल को अपना निशाना बनाया लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने बेहद सूझबूझ से
काम लिया और सभी वार्डों को लॉक कर दिया इसी दौरान मुंबई की आतंकवादी निरोधी दल की
टीम ने पुलिस प्रमुख श्री हेमंत करकरे के नेतृत्व में आतंकी कसाब और खान की सर्च
में वहां पहुंव गई लेकिन आतंकियों की गोलीबारी मे श्री करकरे, श्री विजय साळसकर, श्री अशोक कामटे और उनके
एक अधिकारी शहीद हो गए। एकमात्र जीवित, काँस्टेबल श्री अरुण जाधव गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
आतंकियों ने पुलिस की गाड़ी इसके बाद यात्री गाड़ी की मदद से आगे बढ़ते रहे हमले
में घायल काँस्टेबल अरूण जाधव ने पुलिस को हमले की सूचना दी और पुलिस ने रोड ब्लॉक
कर आतंकियों को रोकने की कोशिश की और इस दौरान आतंकी इस्माइल खान को मार गिराया
तथा तुकाराम ओम्बले ने गई गोलियां लग जाने के बाद भी आतंकी अजमल कसाब को जिंदा
पकड़ लिया। बाद में कोर्ट द्वारा अजमल कसाब को फांसी की सजा दे दी।
मुंबई आतंकी हमले में पकड़ा गया एक मात्र जिंदा आतंकी अजमल कसाब। |
लियोपोल्ड कैफे पर हमला
दो
हमलावर आतंकी,
शोएब उर्फ सोहेब और नाज़िर ऊर्फ अबू उमेर ने 26 नवंबर की शाम कोदक्षिण मुंबई में कुलाबा कॉजवे पर लोकप्रिय रेस्तरां
और बार लियोपोल्ड कैफे पर गोलीबारी की इस गोलीबारी में 10 मासूम मारे गए, जिसमें कुछ विदेशी नागरिक
भी शामिल थे,
इस हमले में दर्जनों लोग घायल हो गए।
लियोपोल्ड कैफे पर आतंकी हमले के दौरान चली गोलियों के निशान |
टैक्सियों में बम विस्फोट
आतंकियों
ने टैक्सियों में टाइमर बम लगा दिए थे विले पार्ले में रात के लगभग10:40 बजे एक टैक्सी में विस्फोट हुआ जिसमें ड्राइवर और मासूम यात्री मारे
गए विस्फोट की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि टैक्सी के टुकड़े लगभग 500 फीट दूर मिले।
दूसरा विस्फ़ोट वाडी बंदर में रात के लगभग 10:20 से 10:25 के बीच हुआ जिसमे टैक्सी के
चालक सहित तीन मासूम लोग मारे गए, और लगभग 15 अन्य घायल हुए।
द ताज महल होटल और ओबेरॉय ट्राइडेंट पर हमला
आतंकियों
ने द ताज महल पैलेस होटल और ओबेरॉय ट्राइडेंट पर अटैक किया जब हमला हुआ तो ताज में
450 और ओबेरॉय में 380 मेहमान मौजूद थे। प्रारंभ
में ताज होटल में 6 विस्फोट किए गए और ओबेरॉय
ट्राइडेंट में एक विस्फोट की खबर आई अग्निशामक दल ने पहली रात के दौरान सीढ़ी के
उपयोग करते हुए लगभग 200 बंधकों को खिड़की के रास्ते
से बचा लिया।
27 नवंबर 2008 की सुबह खबर आई की ताज होटल
में बंधकों की को मुक्त करा लिया गया है।
हालांकि, उस दिन बाद में पता चला कि
वहां अभी भी दो आतंकवादी हैं जिन्होंने लोगों को बंधक बना रखा है इन बंधकों में
विदेशियों सहित भारतीय भी शामिल हैं। ताज होटल की इमारत से निकलता धुंआ बाद में
मुंबई पर हुए इस आतंकी हमले की पहचान बन गया।
नरीमन हाउस पर हमला
दो
हमलावरों ने नरीमन हाउस पर कब्जा किया और कई लोगों को बंधक बना लिया पुलिस ने बचाव
कार्य प्रारंभ करते हुए आसपास की इमारतों को खाली करा लिया और हमलावरों के साथ
मुठभेड़ की, जिसमें एक आतंकी घायल हो गया। इसके बाद NSG कमांडो दिल्ली से आए और नौसेना के हेलीकॉप्टर ने हवाई सर्वेक्षण
किया। पहले दिन 9 बंधकों को पहली मंजिल से
बचाया गया था। अगले दिन, NSG कमांडो हेलीकॉप्टर की मदद
से छत पर फास्ट रोपिंग करते हुए अन्दर घुस गए और लंबे संघर्ष के बाद दोनों
आतंकियों को मार गिराया। आतंकियों ने घर के अंदर चार अन्य मासूम बंधकों के साथ छः
महीने की गर्भवती महिला और उसके पति की हत्या कर दी थी इस अभियान के दौरान एनएसजी
कमांडो हवलदार गजेंद्र सिंह बिष्ट जी शहीद हो गए।
आतंकियों ने कुछ दिनों तक कई लोगों को बंधक बनाए रखा था। मुंबई में
अलग-अलग स्थानों पर किए गए इस आतंकी हमले में लगभग 164 लोग मारे
गए थे और 600
से अधिक लोग इसमें घायल हुए थे। इस हमले में शामिल आतंकियों में से 9 आतंकवादी कार्यवाही के दौरान मारे गए लेकिन 1 आतंकी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब जिंदा पकड़ा गया। जिसे यरवदा जेल में 21 नवंबर 2012 को फांसी दी गई ।
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