International Men’s Day । अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस International Men’s Day
इंटरनेशनल मेन्स डे का इतिहास
इंटरनेशनल मेन्स डे की शुरुआत 1992 में थॉमस ओस्टर ने की थी।इंटरनेशनल मेन्स डे (आधुनिक) पहली बार 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो में वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर डॉ. जेरोम टीलकसिंह द्वारा अपने पिता का जन्मदिन सेलिब्रेट करने के लिए मनाया गया था।
इस दिन को उन्होंने पुरुषों के मुद्दों को उठाने के लिए प्रोत्साहित किया. भारत में 19 नवंबर 2007 में पहली बार इंटरनेशनल मेन्स डे मनाया गया था।आज 90 से अधिक देशों में इंटरनेशनल मेंस डे मनाया जा रहा है।
इंटरनेशनल मेन्स डे का महत्व
इंटरनेशनल मेन्स डे मनाने का मुख्य उद्देश्य पुरुषों की भलाई और स्वास्थ्य, उनके संघर्षों और उन सामाजिक कंडीशन के बारे में समाज को बताना है, जो पुरुष सालों से सहते आ रहे हैं. इस दिन पुरुषों के साथ होने वाले भेदभाव के विषय में भी बात की जाती है और बेहतर जेंडर रिलेशंस बनाने का वादा किया जाता है.
पुरुषों के समक्ष चुनौतियां
पुरुषों को कई तरह की स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है ताकि हमारा समाज अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर सकें।
वर्तमान शोध हमें बताते हैं कि:
- पुरुषों की आत्महत्या दर महिलाओं की तुलना में 3 गुना अधिक है ।
- 3 में से 1 पुरुष घरेलू हिंसा का शिकार हुआ है।
- पुरुष औसतन महिलाओं से 4-5 साल पहले मर जाते हैं।
- पुरुषों में महिलाओं की तुलना में फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित होने की संभावना लगभग दोगुनी होती है।
- पुरुषों में महिलाओं की तुलना में हृदय रोग से पीड़ित होने की संभावना लगभग दोगुनी होती है।
इंटरनेशनल मेन्स डे 2022 की थीम
इंटरनेशनल मेन्स डे 2022 की थीम है: ‘पुरुषों और लड़कों की मदद करना’ (Helping Men and Boy) इस थीम के तहत विश्वभर में पुरुषों और लड़कों के महत्व और उनके स्वास्थ्य विकास के संबंध में कार्य किए जाएंगे.
इंटरनेशनल मेन्स डे का उद्देश्य
- समाज में पुरुषों की छवि को सुधारना.
- समाज, विवाह, परिवार और बच्चों की देखभाल के लिए पुरुषों के योगदान को सेलिब्रेट करना.
- समाज में पुरुषों के खिलाफ भेदभाव को उजागर करना.
- पुरुषों के स्वास्थ्य पर फोकस करना.
- पुरुषों की भी समाज और परिवार में अलग पहचान है. उनके योगदान की सराहना ज़रूरी है.
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